(सीन-1)
🙏महल का पर्दा🙏
सेनापति का रानी प्रियधारिरगी के महल में पहुंचना और धोखे से रानी को हरग करना
सेनापति_(रानी को देखकर )महारानी जी प्रणाम
रानी_कौन है जो मुझसे करता है कलाम
सेनापति_ मैं हूं हुजूर का गुलाम
रानी_ अब तुम्हारा यहां क्या काम
सेनापति_ मैं हूं हजूर को बचाने आया हूं राजा शतानीक की कैद से छुड़ाने आया हूं
रानी_ मुझको जिंदा रहके अब करना है क्या जब मेरा भरतार ही जाता रहा मार दो मुझको भी अपने हाथ से कुछ नहीं जीने से मेरे फायदा!!
सेनापति_ यह तो सब कहना वजह है आपका
इस तरह मरना नहीं तुमको रवा आऔ पहुंचा दूं किसी में ओर जहां अब यहां बेहतर नहीं है ठहरना
दोहा-
रानी अब मत अफसोस कर पति मरे का कोय
होनी अपने बल चले होनी हो सो होय
महारानी अब आपका यहां ठहरना ठीक नहीं है मुझे डर है कि राजा सतानीक तुम्हारे महल में ना आ जाए अगर आ गया तो तुम्हें अपनी इज्जत भी बचाने सख्त मुश्किल हो जाएगी बेहतर है आप मेरे साथ चले मैं आपको इस जगह पर पहुंचा दूंगा जहां आप अपने जीवन के दिन आराम से व्यतीत कर सकती हैं
रानी- (दोहा) आए हो बनकर अगर तुम मेरे गम ख्वार चलने को तैयार हूं नहीं मुझे इनकार
सेनापति-अगर तुम मेरे सच्चे मददगार बन कर आए हो तू मैं तुम्हारे साथ चलने के लिए तैयार हूं
(रानी प्रिय धारिणी का अपनी पुत्री चंदनबाला को साथ लेकर सेनापति साथ चल पड़ना)
💥💥💥💥💥💥💥💥
💥💥 सीन-२💥💥
🌲🌲 जंगल का पर्दा 🌲🌲
सेनापति का रानी प्रिय धारिणी और चंदनबाला को साथ लिए हुए भयानक जंगल में पहुंचना चंदनबाला को नींद आ जाना
सेनापति रानी प्रिय धारिणी को अपनी स्त्री बनाने के लिए कहना रानी प्रिय धारिणी अपना खंजर से काम तमाम कर लेना😭😭
सेनापति-(रानी से)लो प्यारी अब हम ऐसे स्थान पर आ गए हैं जहां सतानीक की मजाल नहीं तुम्हारी ओर आंख उठाकर भी देखे
रानी- 👰क्या कहा क्या तुम मुझे प्यारी कह कर पुकार रहे हो शर्म नहीं आती
सेनापति, 👨✈️-नाराज ना हो आप जिस नाम से कहे पुकारने को तैयार हूं क्या मैं आपको अपने रानी या पटरानी
रानी 👰 सर में कर बदजात मैं तेरी माता के समान हूं राजा की रानी हमेशा माता के तुल्य होती है
सेनापति-,👨✈️आप मेरे राजा की रानी नहीं है मैं तो राजा सतानीक का सेनापति हूं राजा सतानीक तुम्हारी सुंदरता पर ही तो मोहित है तुम्हारे पति पर चढ़ाई की थी अब तुम्हें एक की तो रानी बनना ही पड़ेगा मेरी नहीं तो मेरे राजा की ही सही
रानी-👰 (दिल ही दिल में) गजब हो गया सितम हो गया यह मैं क्या सुन रही हूं क्या यह मेरे पति का सेनापति नहीं है रानी तेरे साथ इस बदजात ने बड़ा धोखा किया खेल में इसको अभी मजा चिखाती हूं
(गुस्से में भरकर रानी प्रिय धारिणी का सेनापति ही बगल में संवार और उसकी छाती पर सवार हो जाना सेनापति का क्षमा मांगना और रानी को मां कहकर पुकारना रानी का सेनापति को छमा कर देना और उसी खंजर से अपना काम तमाम कर लेना सेनापति का शोर चंदनबाला का शोर सुनकर नींद से जाग उठना और अपनी माता को मरा हुआ देखकर रोना और बिलाप करना)
💥💥 चंदनबाला का गाना ( चाल) मैंने जालिम तेरा क्या बिगाड़ा 💥💥
१-मेरी माता पर खंजर चलाया
पाप किसी ने यह भारी कमाया!!
२-क्या बिगाड़ा था माने किसी का
मौत के मुंह में जो सुलाया!!
३-क्यों रे सेनापति तू ही बतला
तूने क्यों ये हमें दिन दिखाया!!
४-चाल तूने चला है यह भारी
लेकर जंगल में जो साथ आया।।
५-सच बताओ किसने मारा है मां को
जान कैसा है ये तूने बिछाया
६-एक मौत ही थी मेरा सहारा
हाय उसको भी तूने उठाया
७-जाने देती हूं लो मैं भी अपनी
मेरा सर्वस्व तूने लुटाया
💥💥💥💥💥💥
(चंदनबाला का मां की छाती से खंजर खींचकर अपने हाथ में लेना सेनापति का आगे बढ़कर चंदन वाला के हाथ से खंजर छीन लेना और समझाना)
💥💥💥💥💥💥💥
🎵🎵 सेनापति का गाना (चाल) मैंने जालिम तेरा क्या 🎵🎵
१-चंदन तूने यह क्या है बिचारा
मूंह करती है क्यों मेरा काला
२-मैं तो रक्षक हूं बेटी तुम्हारा
साथ आया हूं बन का सहारा
३-नींद ने मुझ पर जादू था डारा
सो गया सारे दिन का था हारा
४-कोई आया है दुश्मन तुम्हारा
तेरी माता को जिसने है मारा
५-खींच कर के यह मेरा कटारा तेरी माता को उसने हे मारा
६-मैंने यूंही यह देखा नजारा
कांप उट्ठा बदन मेरा सारा
७-मैंने फौरन ही तुझको पुकारा
और क्या था मेरे पास चारा
८-डूबा किस्मत का तेरी सितारा
दो सच में नहीं कुछ हमारा
बेटी चंदनबाला यह सब कर्मों की गति है इसमें किसी का कोई चारा नहीं चलता अब अपने मन को धैर्य दो और अपनी माता की मिट्टी ठिकाने लगाने का उपाय करो तुम यहां ठहरो में जंगल से लकड़ी लाता
💥💥💥💥💥💥
(सेनापति का जंगल से लकड़ी काटकर लाना और चिता बनाकर रानी को दाग देना चंदनबाला का चिता को जलती देख कर रोना और बिलाप करना)
💥💥💥
🎵🎵 चंदनबाला का गाना (छोड़ गए बालम हाय मुझे अकेला छोड़ गए)
१-छोड़ गई माता हाय, मुझे अकेला छोड़ गई
तोड़ गई नाता हाय बेटी से नाता तोड़ गई
२-कोई नहीं जगत में मेरा कैसे धीर बंधाऊ देख जुदाई माता जी की रो रो नीर बहाऊ मोड़ गई माता हाय मुझसे मुखड़ा मोड़ गई
३-जैसे बिन पानी के मछली तड़प तड़प मर जाए वैसे याद मुझे माता की हर दम रह रह आए फोड़ गई माता हाय मेरा नसीब फोड़ गई
💥(मूर्छित होकर जमीन पर गिर जाना) 💥💥
सेनापति 👨✈️( हाथ से उठाते हुए)
चंदनवाला तुम माता के मरने की कोई चिंता ना करो मैं तुम्हारी हर तरह की सहायता करने के लिए तैयार हूं तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हारा सब प्रबंध कर दूंगा
(दोनों का चल पढ़ना)
(पर्दा का गिरना)
💥💥💥 सीन-३💥💥💥
(बाजार का पर्दा)
सेनापति का चंदन वाला को वेश्याओं के बाजार में बेचने के लिए ले आते हुए दिखाई देना जमुना वेश्या का सामने से आना और सेनापति के साथ बातचीत करना
वैश्या--क्यों तुम लेकर आए हो इस गुलबदन को मैं सब जानती हूं तुम्हारे चलन को
सेनापति--नहीं पास है पैसा मेरे कफन को मुझे आज जाना है अपने वतन को
वैश्या--संभालो रकम ढक लो अपने तन को अगर बेचना है तुम्हें इस रतन को
सेनापति--तू ले जा अगर भाई है तेरे मन को यह गुलजार कर देगी तेरे चमन को
वेश्या--फरमाइए आपको इसका कितना रुपया दरकार है
सेनापति---अधिक नहीं इसका मोल केवल 4000 है
वेश्या---बहुत ठीक है बंदी इसकी खरीददार है घर चले रुपया तैयार है
सेनापति--रुपया आप यहां ले आए सौदा सरे बाजार है
वेश्या--मैं अभी लाती हूं रुपए को क्या इंकार है
(वेश्या का रुपए लाने के लिए रवाना होना चंदनवाला का मुंह फक जाना और सेनापति से हाथ जोड़कर अरदास करना)
🎵 चंदनबाला का गाना 🎵
१_कहां तुम मुझे छोड़ कर जा रहे हो क्यों बेटी का दिल तोड़ कर जा रहे हो
२-पिता धर्म मैंने समझा था तुमको क्यों मेरे से मुंह मोड़ कर जा रहे हो
३--मुझे बेचना तुमको लाजिम नहीं है क्यों किस्मत मेरी फोड़कर जा रहे हो
४--क्यों बदजात वेश्या के घर से पिताजी यह रिश्ता मेरा जोड़कर जा रहे हो
५--मेरा हाथ वेश्या के हाथों में देकर भला तुम किधर दौड़ कर जा रहे हो
दोहा-तुम मेरे को बेचकर जाते हो किस ठौर
मैं हूं बेटीआपकी कीजिएगा कुछ गौर
सेनापति-(दोहा)
बेटी परवाह मत करें यह है तेरी मात
जो मांगे पूरी करें तेरे मन की बात
चंदनबाला--( दोहा)
मैं इस घर जाऊं नहीं यह है वैश्या जाता
नीच कर्म करवाएगी मेरे से बदजात
सेनापति -(दोहा)
भोली है तू तो अभी नहीं तुझे कुछ ज्ञान
माता करके पूजियो तू इसको नादान
💥💥💥💥
(वेश्या का ₹4000 लिए हुए आना और सेनापति को संभालना सेनापति का खुश होना और चंदनवाला का हाथ वेश्या के हाथों में पकड़ा कर अपना रास्ता लेना वैश्या का चंदनवाला को अपने घर चलने के लिए कहना)
वैश्या-(चंदनबाला का हाथ पकड़ कर) उठ अब यहां क्यों बैठी है
चंदनबाला--(हाथ झटक कर) दूर हट क्यों सर पर चढ़ी जाती है
वेश्या---अरि क्या तुझे मालूम नहीं मैंने तुझे मोल ले लिया है
चंदनबाला--मुझसे पूछे ही बगैर यह तूने क्या किया है
वैश्या---यह भी खूब मजे की बात है क्या तू अंधी हो रही थी
चंदनबाला---अंधी तू हो रही थी या मैं मुझसे पूछना तो था कि मैं बिकने के लिए तैयार हूं या नहीं
वेश्या--मुझे तुझसे पूछने की क्या जरूरत थी जब तेरा बाप तुझे खुद आकर बेंच गया है
चंदनबाला--बाप तेरा होगा मेरा नहीं मैं तो अपने दिल की आप मालिक हूं
वैश्या--अरि आई मालिक की बच्ची चलती है या और किसी को बुलाऊं
(वैश्या का जबर्दस्ती चंदनवाला का हाथ पकड़कर घसीटना चंदनबाला का हा हा कार मचाना और भगवान महावीर स्वामी को याद करना)
🎵🎵 चंदनबाला का गाना 🎵🎵
१_दया कीजिएगा दया कीजिएगा मुझे वीर जल्दी बचा लीजिएगा
२-मेरी नाव मझधार में आ पड़ी है किनारे इसको लगा दीजिएगा
३-ये डायन मुझे खींच ले जा रही है मेरा इससे पीछा छुड़ा दीजिएगा
४-ना मैं नाम भूलूंगी हरगिज तुम्हारा
शरगा आई को ना भुला दीजिएगा
५-दिखा दो मुझे वीर जलवा तुम्हारा अभागन का कुछ तो भला कीजिएगा
🎵🎵🎵🎵🎵🎵🎵
वेश्या,-अरि चल भी आई है वीर स्वामी की बच्ची
चंदनबाला---खबरदार अगर भगवान की शान में एक शब्द भी मुंह से निकाला तो तुझे अभी खा जाऊंगी कच्ची
(धनवे सेठ का सैर करते हुए आना और चंदनवाला का हाथ वैश्या के हाथों से छुड़ाना और उसके मारने का कारण पूछना)
सेठ--अरि वेश्या तू इसे क्यों मार रही है
वेश्या--सेठ जी मैंने इससे इसके बाप से ₹4000 में मोल लिया है अब मैं इसे अपने घर ले जाना चाहती हूं यह कहती है मैं तेरे घर की शक्ल भी नहीं देखना चाहती आप ही फरमाएं यह कहां का न्याय है
(सेठ मन ही मन में विचार करता है कि क्यों ना मैं इस लड़की को अपने घर ले जाऊं यह लड़की बड़ी सुशील मालूम होती है मेरे घर में कोई लड़का लड़की नहीं है संभव है इसके जाने से मेरा घर स्वर्ग समान हो जाए कुछ सोच कर)
सेठ--अरि वैश्या तू इसे मारे मति अगर तुझे रुपया चाहिए है तो तेरा ₹4000 रूपया में दे सकता हूं
वेश्या---सेठ जी मुझे और क्या चाहिए आप मेरा 4000 रुपया दे दे और इसे बेशक ले जाए
((सेठ का ₹4000 वेश्या को देना और चंदन वाला को साथ लेकर घर की ओर चल पड़ना)
(पर्दा का गिरना)
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सेठानी का गाना
१-यह मेरी सौतन है बांधी देख ले तू आंख से
फिर ना कहना इसकी बाबत कुछ कहा जाता नहीं
२-बाल भी इसके लगे कितने प्यारे सेठ को
रख के बैठे गोद में मुझसे सहा नहीं जाता
३-आज दो-दो हाथ करने ही पड़ेंगे सेठ से
इस तरह चुप बैठ कर मुझसे रहा नहीं जाता
बांदी-सेठानी जी आप इतना ना घबराए जरा सा देखतै जाएं पाप कभी छिपा नहीं रह सकता इस तरह से जल्दी करना ठीक नहीं है
सेठानी-तू अब भी नहीं मानेगी खैर तेरी इच्छा
(सेठानी का आगे कदम बढ़ाना सेठ का पांव धोकर चौकी से उठना और चंदनवाला के सर पर हाथ फेरते हुए पीछे की ओर मुड़ कर देखना और सेठानी से बातचीत करना)
(सेठानी जी की ओर देखकर) सेठानी जी क्या आप आ गई
सेठानी-जी हां आ तो गई
सेठ जी-आज तो तुम्हारा काम तुम्हारी बेटी ही ने कर दिया है बेचारी ने पानी गर्म करके मेरे पास भी धो दिए हैं
सेठानी--क्यों ना धोती अब आपको हमारी जरूरत भी क्या है
सेठ जी---अच्छा अब खाना ले आओ मुझे बाहर जाना है
(बांधी का खाना लाकर देना सेठ का खाना खाकर बाहर चला जाना सेठानी बादी से बातचीत करना चंदनबाला का सब बातें चुपके-चुपके अपने कमरे में बैठे हुए सुनना)
सेठानी-बांधी तूने देख लिया था अब भी कोई शक है
बांदी-सेठानी जी आपको तो यूं ही बहम हो गया है चंदन वाला ऐसी लड़की नहीं है जिस पर जरा भी शुबा किया जा सके तुम देखते नहीं हो प्रतिदिन प्रातः मंदिर के दर्शन करने जाती है इधर घर पर भी यह धर्म ध्यान में लीन रहती है उधर हमारे सेठ जी भी पूजा पाठ में ही सारा दिन गुजारते हैं जैन धर्म के सच्चे पालन करने वाले हैं ऐसा नहीं हो सकता कि वह इस लड़की को बदनजर देखें रही बात बालों की तो यह तो आप जानते ही हैं कि छोटे बच्चों के बाल सभी को प्यारे लगते हैं अगर सेठ जी ने बाल गोद में उठाकर रख लिए तो क्या गरज हो गया जब वह इसे अपनी बेटी बनाकर लाए हैं वह इसे गोदी में भी बिठा सकते हैं और बालों से प्यार कर सकते हैं इसमें आश्चर्य की कौन सी बात है
सेठानी-बांदी तू बिल्कुल मूर्ख है आजकल के पुरुषों की बात नहीं समझती है पुरुष बड़े चालाक होते हैं यह सर के बाल मैंने यूं ही सफेद नहीं किए हैं बड़ा जमाना देखा है यह चंदनबाला बड़ी नागिन है इसकी बातों को तू नहीं समझ सकती
(चंदनबाला का इतना सुनकर कमरे से बाहर निकालना और सेठानी पास आकर बातचीत करना)
चंदनवाला-(हाथ जोड़कर) सेठानी जी यह आप क्या कह रहे हैं व्यर्थ किसी पर दोष लगाना महापाप है
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चंदनबाला का गाना
१-सेठानी किस लिए तुम मेरे पे दोष लगाती हो
बिगाड़ा क्या तुम्हारा जो मेरे दिल को दुखाती हो
२-सताई फिर रही हूं आप ही में अपने कर्मों की
डशा किसको है मैंने जो मुझे नागिन बनाती हो
३-पिताजी लाए हैं अपनी बना करके मुझे बेटी
समझ आता नहीं तुम मुझे सौतन बताती हो
४-मेरा अपराध क्या देखा है तुमने यह तो बतलाओ
किसी मजलूम बेकस को भला तुम क्यों सताती हो
५- मैं बेटी हूं तुम्हारी तुम धर्म की हो मेरी माता
लगाकर शील पर धब्बा मुझे तुम क्यों लजाती हो🎵🎵🎵🎵🎵
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सेठानी का गाना
१-मैं सब कुछ जानती हूं किस लिए बातें बनाती है
जुबां पर जिक्र ना लाती हो यह मेरी ही छाती है
२-कसर मुझको सताने में नहीं रखी जरा तूने
सही कहती है अपने को नहीं दिल में लजाती है
३-तेरे को शर्म तक नहीं आती वो बेहया लड़की
पति को छीन कर मेरे पिता उसको बताती है
४-कहां रखी है वो सीता सती ऐसे घोर कलयुग में
धर्म की मां बता कर क्यों मुझे बट्टा लगाती है
५-फसाया है हमारे सेठ जी को दाम में तूने
बनी है पारसा शील की बातें सुनाती है
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चंदनबाला का गाना
१-सेठानी दोष न दीजे मुझे मैं सर झुकाती हूं
चली जाऊंगी इस घर से अगर तुमको ना भाती हूं
२-मगर ऐसे ना तुम धब्बा लगाओ शील पर मेरे
क्षमा कीजिए मुझे मैं आपकी बेटी कहाती हूं
३- मेरी किस्मत ही खोटी है तुम्हारा दोष क्या इसमें
जिधर जाती हूं यूं ही ठोकरे दर-दर की खाती हूं
४- पिताजी लाए थे बेटी बना करके मुझे अपनी
तो लो में जाती हूं माता आपको घर न सुहाती हूं
(चंदनबाला का इतना कहकर घर से चल पड़ना बांदी का पीछे पीछे जाकर और चंदनवाला वाला का हाथ पकड़ कर वापस से आना बांदी का सेठानी जी को समझाना)
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बांदी का गाना
१-सेठानी दोष लड़की पर लगाना है नहीं अच्छा
किसी बेकस का खू हरगिज बहाना है नहीं अच्छा
२-बना करके रखो बांदी इसे भी अपने महलों में
शरण आए को यू बेजा सताना है नहीं अच्छा
३-जो पूछा सेठ ने तो क्या बताओगी पता इसका
यू पीछे से इसका जाना है नहीं अच्छा
४-दो रोटी खा कर कर लेगी गुजारा यह भी इस घर में
किसी मजलूम को धक्के दिलाना है नहीं अच्छा
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सेठानी जी का गाना
१_भारी धोखा दिया है पिया ने
कैसा बदला लिया है पिया ने
२_लाकर सौतन को घर पर बिठाया
हाय यह क्या किया है पिया ने
३- क्या बुढ़ापे में है उनको सुझी बस
घूंट विष जो पिया है पिया ने
४- मेरे कर्मों का है दोष सारा
खून मेरा किया है पिया ने
(सेठ का महल में दाखिल होना और सेठानी से परदेस जाने का विचार प्रकट करना)
सेठ-सेठानी बिसतरा लाओ मुझे परदेस जाना है
जरूरी काम आया है रूपा कुछ वांसे से लाना है
मेरे पीछे से सब मिलकर के रहना सावधानी से
मुझे 2 दिन लगेंगे तीसरे दिन लौट आना है
सेठानी-सेठ जी शौक से जाओ हमें किस बात का डर है
तुम अपना काम कर आओ यह लो तैयार बिस्तर है
(सेठ का नौकर के सर पर बिस्तर उठवाकर पश्रदेश को रवाना हो गए सेठानी का हजाम को बुलाने के लिए बांदी को हूक्म देना)
सेठानी--अरि बांधी अभी जाकर किसी नाई को लाओ
जो आज्ञा तुमको देती हूं उसे फौरन बजाओ तुम
कटाओ बाल चंदन के ना दिल में खौफ खाओ तुम
करो मत देर एक पल की अभी नाई बुलाओ तुम
बांदी---सेठानी जी यह क्या कहती हो मत इसको सताओ तुम
कटा कर बाल इसके पाप ना इतना कमाओ तुम
यह है नादान बेटी आपकी से सीने से लगाओ तुम
ना कीजिए इस कदर गुस्सा जरा तो रहम खाओ तुम
सेठानी-निकल जा तू मेरे घर से नहीं मुझको सुहाती है
ना जाने क्यों कतरनी सी जुबान अपनी चलाती है
कहां करती नहीं मेरा मुझे नीचा दिखाती है
ना देखूं सकल मैं तेरी यही बस जी में आता है
बुरी कहती है मेरे को भली इसको बताती है
चली जा पास मेरे से नहीं तू मुझको भाती है
बांदी-क्षमा कीजिए सेठानी में अभी नाई को लाती हूं
हजामत जिस तरह से भी हो इसकी बनाती हूं
(बांदी का नाई को बुलाने के लिए बाहर जाना और शीघ्र ही उसे साथ नाई को लिए हुए आना)
नाई -सेठानी जी हुक्म दीजिए मुझे कैसे बुलाया है
महल में आपके क्या मेरे लायक काम है
सेठानी-तुझे सर मूड़ने के वास्ते मैंने बुलाया है
निकालो अपने सब औजार जो तू साथ लाया है
(नाई अपने सब औजार ठीक करके सर मूड़ने के लिए तैयार होना सेठानी का चंदनवाला हाथ पकड़कर नाई के पास लाना नाई का मिंटो मैं चंदनवाला का सर मूड़कर साफ कर देना और चला जाना सेठानी का बांदी को लोहे की जंजीर लाने के लिए हुक्म देना और कहना कि इस बात का जिक्र सेठ जी से न करें वरना तेरी भी खाल संटियो से मार-मार कर उड़ादी जाएगी)
सेठानी-अय बांदी जल्द जाकर लोहे की जंजीर लाओ तुम
जकड़ कर चंदना को सामने मेरे बिठाओ तुम
सेठानी--करूं मैं काम मिनटों में मुझे जो भी बताओ तुम
यह लो जंजीर हाजिर है इसे जल्दी बांधो तुम
(बांदी का जंजीर और ताले लाकर सेठानी के पास रख देना सेठानी का बांदी के हाथों से चंदनबाला को जंजीरों से जकड़कर ताला लगा देना चंदनबाला को सब तकलीफ का सहन करना सेठानी और बांदी का चंदनबाला को घसीट कर कोठरी में ले जाना और संटियों से मार-मार कर चंदनबाला का बुरा हाल करना)
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सेठानी का गाना
१_मैं देखूं कौन अब आकर तुम्हें चंदन बचाएगा
नहीं है सेठ भी अब जो दया तुझ पर दिखाएगा
२_तड़पकर अब गवानी ही पड़ेगी जान तेरे को
ना पाने ही मिलेगा और ना खाना ही आएगा
३-बुलाएगी किसे तु इस जगह इमदाद करने को
अंधेरी कोठरी से कौन छुटकारा दिलाएगा
४-मुझे भी खूब तड़पाया है तूने सोत बनकर
सताता है जो औरों को ना वो भी चैन पाएगा
५-मजा अच्छी तरह से आज मैं तुझको चखाती हूं
ना कोई अब यहां आकर तुझे धीरज बंधाएगा
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चंदनबाला का गाना
१-मेरे भगवान आएंगे मुझे धीरज बंधाने को
वहीं आते हैं ऐसे वक्त में जलवा दिखाने को
२- लगन मेरी अगर सच्ची लगी है उनके चरणों में
दिखा दूंगी जमाने को वो आएंगे बचाने को
३- घड़ा अच्छी तरह भर जाएगा जब पाप का तेरे
तभी जलवा दिखाएंगे तेरी हस्ती मिटाने को
४- हमेशा सत्य की जीत होती है जमाने में
सती गर हूं तो आएंगे मेरा बेड़ा लंघाने को
५-अगर कुछ दोष है मुझ में तो बच सकती नहीं हरगिज
कर्म ही फूंक डालेंगे येजा हिर है जमाने को
६-भली हो या बुरी पहचान हो जाएगी सब मेरी
तुली बैठी हूं खुद में अपनी किस्मत आजमाने को
सेठानी--अच्छा ले अब मैं जाती हूं देखती हूं तुझे कौन आकर बचाता है
(सेठानी का दरवाजा बंद करके बांदी को साथ ले महल में चली जाना चंदनबाला का अपने कर्मों को दोष देना रोना और विलाप करना)
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चंदनबाला का गाना
१-दिया है रुप क्यों भगवान मुझे ठोकर खिलाने को
जिधर जाती हूं बैठे हैं सभी नशतर लगाने को
२- उधर से आए थे बचकर इधर फिर कैद हो बैठी
ना जाने क्यों तूली बेटी है यह दुनिया सताने को
३-पिता माता भी मेरे चल बसे इस रूप के कारण
अकेली रह गई हूं मे यहां सदमे उठाने को
४-दिया है आसमान दुश्मन हुई बैरन जमीं मेरी
कहां जाऊं जगह मिलती नहीं है सर छुपाने को
५- ना कोई मेरा साथी है संगाती है ना नाती है
नजर आता नहीं कोई यहां अपना बनाने को
६- किसी का दोष क्या है दोष है तकदीर का मेरी
वही तैयार बैठी है मेरी हस्ती मिटाने को
७-नजर इकदम से सिठानी ने भी भगवान फरेली मुझसे
तुली है शील पे वो भी मेरे बट्टा लगाने को
८-किसी की बात पर भगवान भरोसा क्या करें कोई
जिसे देखो वह बैठा है मेरी अजमत लुटाने को
९-जकड़ रखा है रंजो गम की जंजीरों ने कुछ ऐसा
कोई सूरत नजर आती नहीं है सर हिलाने को
१०-निकालो आप ही भगवान मुझे इस घोर कलयुग से
बड़ी भारी हुई हूं आज मैं सारे जमाने को
११-किए हैं जुल्म लाखों 'राज' अबलाओ पर दुनिया ने
जमाना फिर रहा है बेकसो का खून बहाने में
भगवान अब आपके सिवा मेरा कोई नहीं आप ने ही सीता के लिए अग्नि कुराड को नीर बनाया द्रोपती का बढ़ाया श्रीपाल का कुष्ट हटाया ,क्या आप मुझे कष्ट मुक्त ना करेंगे भगवान आप के दरबार में देर है पर अंधेर नहीं मुझे पूरी आशा है आप मेरी सहायता करेंगे
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चंदनबाला का गाना
आओ २महावीर आओ ,लाए आकर के मेरी बचाओ
१-मैं हूं चरणों की की चेरी तुम्हारी, खाती ठोकर फिरू मारी मारी
धीर आ कर के मेरी बंधायो आयो२ महावीर आयो
२-बंद हूं कोठरी में अकेली पास कोई नहीं है सहेली
दर्श आकर के मुझको दिखाओ, आओ२ महावीर आओ
मुझको माता-पिता ने भी छोड़ा हाय किस्मत ने भी मुंह मोड़ा
पार नैया मेरी लगाओ आओ महावीर आओ
वेडियो से बंधी है यह बाला ,बंद है कोठरी के भी ताला
फंद आकर के मेरे छुड़ाए आओ महावीर आओ
है सेठानी ने मुझको सताया ,शील पर मेरे दोष लगाया
मुक्त इस कोठरी से कराओ आओ महावीर आओ
(चंदनबाला मूर्छित हो जाती है)
(चंदनबाला महावीर स्वामी का सपने में चंदनबाला को दिखाई देना चंदनबाला का हाथ जोड़कर भगवान महावीर स्वामी को प्रणाम करना भगवान महावीर स्वामी का चंदनवाला को तसल्ली देना)
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भगवान महावीर स्वामी गाना
१-तसल्ली रख तुझे चंदन बुलाया जा नहीं सकता
मेरे को ध्यान है तेरा हटाया जा नहीं सकता
२-तुझे दो रोज कोठे मैं पड़ेगा और दुख पाना
लिखा किस्मत का यह तेरी मिटाया जा नहीं सकता
३-कर्म के भोग तो सब भोगने होंगे तुझे चंदन
कोई जलवा तुझे इस दम दिखाया जा नहीं सकता
४-उदयपुर तीसरे दिन आएगा शुभ कर्म का तेरे
उसी दिन आऊंगा मैं अब तो आया जा नहीं सकता
५-कर्म की है गति न्यारी ,ना टारे से टरे टारी
तेरे को पेशतर इससे बचाया जा नहीं सकता
(इतना कहकर भगवान महावीर स्वामी का अंतर्ध्यान हो जाना चंदनबाला का दो रोज तक उसी कोठी में भूखी जकड़ी हुई पड़ी रहना तीसरे दिन सेठ जी का सफर से वापस आना और सेठानी से चंदनबाला की बाबत दरयाफ़्त करना
सेठ— (सेठानी की ओर देख कर ) सेठानी, आज चन्दनवाला कहां है, महल सूना सूना क्यों दिखाई दे रहा है ।
सेठानी— खूब, चन्दनवाला का पता भी हम ही बताये सेठजी ऐसा मजाक किसी और से करना, चन्दनबाला भला आपके बगैर यहां कैसे रह सकती थी, वह उसी वक्त आपके पीछे पीछे चली गई थी, मैं समझी थी आप उसे किसी और महल में बसाने लिए ले गये हैं।
सेठ __सेठानी यह तुम क्या कह रही हो, सर मैं नहीं आती
सेठानी _शर्म मुझे क्यों थाये, शर्मं थाये आपको, जो हमसे पूछते हो चन्दनबाला कहां गई, क्या मजे की बात है हमें क्या मालूम चन्दनवाला कहां गई, लेकर तो थाप गए और पता हम बताएं।
सेठ जी --सेठानी जी, अधिक हंसी करना ठीक नहीं होता, जल्द बताओ चन्दनवाला कहां है ?
सेठानी जी- सेठजी एक बार सुनलो सौ बार सुनलो यह चंदन पाला हमें तो कुछ समझती ही नहीं है, तमाम दिन दूसरे के घरों पर धक्के खाती फिरती है, हम कहां तक इसकी देखभाल कर सकती हैं। आपही तालाश करके लाएँ मुझे तो आज कई घरों में जाना है, शादियों में नेंग टेहलों के बुलावे या रहे हैं तुम जानों या बदारी बांदी, मैं तो जा रही हूं ।
(इतना कहकर सेठानी का महल से बाहर चली जाना सेठ का बांदी से नेवाला की पाबत दयफ़त करना)
सेठ जी --बादी क्या तुझे मालूम है, चन्दनवाला कहां है ?
बांदी --सेठजी, मुझे तो कुछ पता नहीं, आप जानें या सेठानी जी
सेठ—(शैर) अय बांदी सच बता क्यों बात से इंकार कर रही भला तू क्यों मुझे आमादए तकरार करती हे मुझे आाएगा गुस्सा नहीं मालूम क्या तुझे बांदी बात क्या है किस लिए इसरार करती है
,🎼🎼🎼🎼🎼
बांदी-
गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते है
१ सेठ मैं क्या कहूं कुछ भी कहा मुझसे नहीं जाता
सिठानी जी का गुस्सा भी सहा मुझसे नहीं जाता है
२-वो कहती हैं न करना जिकर हरगिज सेठ से इस
आप कहते हैं पूछे बिना रहा मुझ से नहीं जाता
३ उधर धमकी वो देती हैं मुझे हंटर लगाने की
इधर गुस्सा तुम्हारा भी सहा मुझ से नहीं जाता
४ बड़ी मुशकिल में जां आई भला क्या किया जाए
कदम दो नाव में रखकर बहा मुझसे नहीं जाता
🎼🎼🎼🎼🎼🎼
सेठ जी का गाना
— गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते
सेट ।
१ फिकर मत कर अरी बांदी मेरे होते हुवे कोई
। जुबां को काठलू जो लफज कह जाए तुझे कोई
२-सिठानी को मैं हरगिज बात तक करने नहीं दूंगा
भला जुरंत है किसकी सामने आये तेरे कोई
३-बतादे बात तू असली तुझे किस बात का डर है
नहीं हिम्मत किसी की आंख दिखाए तुझे कोई ।।
🎼🎼🎼🎼🎼🎼🎼
बांदी का गाना
(चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं
१-अभी लो सेठ तुम मजबूर करते हो तो बतालाऊं
शुबा हे इक मुझे गर दूर करते हो तो बतलाऊं
२- मेरे बच्चे न मर जायें तड़प कर भूख के मारे
ये डर दिलका मेरे गर दूर करते हो तो बतलाऊं
३- सिठानी अब मुझे रहने न देगी आपके घर पर
खर्च देना अगर मन्जूर करते हो तो बतलाऊं
🎼🎼🎼🎼🎼
सेठ ---बांदी, तुम कोई चिंता न करो, मैं तुम्हें उम्र भर का खर्चा देने का इकरार करता हूँ ।
बांदी-बहुत अच्छा सेठ जी, आप मेरे साथ आयें मैं आपको चन्दनवाला के पास ले चलती हूं । सेठानी जी ने उस बेचारी पर बड़ा जुलम किया हुवा है ।
( बांदी का आगे २ । सेठ का पीछे पीछे चलना । दोनों का तहखाने के पहुंचना बांदी का दूर से चन्दनबाला की तरफ इशारा करके सेठ को
बांदी- यह देखो सेठ जी आपकी चन्दनवाला तीन गेज से जंजीरों से जकड़ी तहखाने में पड़ी हुई है, सेठानी जी ने इस बेचारी पर बड़ा जुल्म किया है ना तीन रोज से खानो ही दिया है न पीने को
सेठ— (सेठानी की ओर देख कर ) सेठानी, आज चन्दनवाला कहां है, महल सूना सूना क्यों दिखाई दे रहा है ।
सेठानी— खूब, चन्दनवाला का पता भी हम ही बताये सेठजी ऐसा मजाक किसी और से करना, चन्दनबाला भला आपके बगैर यहां कैसे रह सकती थी, वह उसी वक्त आपके पीछे पीछे चली गई थी, मैं समझी थी आप उसे किसी और महल में बसाने लिए ले गये हैं।
सेठ __सेठानी यह तुम क्या कह रही हो, सर मैं नहीं आती
सेठानी _शर्म मुझे क्यों थाये, शर्मं थाये आपको, जो हमसे पूछते हो चन्दनबाला कहां गई, क्या मजे की बात है हमें क्या मालूम चन्दनवाला कहां गई, लेकर तो थाप गए और पता हम बताएं।
सेठ जी --सेठानी जी, अधिक हंसी करना ठीक नहीं होता, जल्द बताओ चन्दनवाला कहां है ?
सेठानी जी- सेठजी एक बार सुनलो सौ बार सुनलो यह चंदन पाला हमें तो कुछ समझती ही नहीं है, तमाम दिन दूसरे के घरों पर धक्के खाती फिरती है, हम कहां तक इसकी देखभाल कर सकती हैं। आपही तालाश करके लाएँ मुझे तो आज कई घरों में जाना है, शादियों में नेंग टेहलों के बुलावे या रहे हैं तुम जानों या बदारी बांदी, मैं तो जा रही हूं ।
(इतना कहकर सेठानी का महल से बाहर चली जाना सेठ का बांदी से नेवाला की पाबत दयफ़त करना)
सेठ जी --बादी क्या तुझे मालूम है, चन्दनवाला कहां है ?
बांदी --सेठजी, मुझे तो कुछ पता नहीं, आप जानें या सेठानी जी
सेठ—(शैर) अय बांदी सच बता क्यों बात से इंकार कर रही भला तू क्यों मुझे आमादए तकरार करती हे मुझे आाएगा गुस्सा नहीं मालूम क्या तुझे बांदी बात क्या है किस लिए इसरार करती है
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बांदी-
गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते है
१ सेठ मैं क्या कहूं कुछ भी कहा मुझसे नहीं जाता
सिठानी जी का गुस्सा भी सहा मुझसे नहीं जाता है
२-वो कहती हैं न करना जिकर हरगिज सेठ से इस
आप कहते हैं पूछे बिना रहा मुझ से नहीं जाता
३ उधर धमकी वो देती हैं मुझे हंटर लगाने की
इधर गुस्सा तुम्हारा भी सहा मुझ से नहीं जाता
४ बड़ी मुशकिल में जां आई भला क्या किया जाए
कदम दो नाव में रखकर बहा मुझसे नहीं जाता
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सेठ जी का गाना
— गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते
सेट ।
१ फिकर मत कर अरी बांदी मेरे होते हुवे कोई
। जुबां को काठलू जो लफज कह जाए तुझे कोई
२-सिठानी को मैं हरगिज बात तक करने नहीं दूंगा
भला जुरंत है किसकी सामने आये तेरे कोई
३-बतादे बात तू असली तुझे किस बात का डर है
नहीं हिम्मत किसी की आंख दिखाए तुझे कोई ।।
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बांदी का गाना
(चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं
१-अभी लो सेठ तुम मजबूर करते हो तो बतालाऊं
शुबा हे इक मुझे गर दूर करते हो तो बतलाऊं
२- मेरे बच्चे न मर जायें तड़प कर भूख के मारे
ये डर दिलका मेरे गर दूर करते हो तो बतलाऊं
३- सिठानी अब मुझे रहने न देगी आपके घर पर
खर्च देना अगर मन्जूर करते हो तो बतलाऊं
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सेठ ---बांदी, तुम कोई चिंता न करो, मैं तुम्हें उम्र भर का खर्चा देने का इकरार करता हूँ ।
बांदी-बहुत अच्छा सेठ जी, आप मेरे साथ आयें मैं आपको चन्दनवाला के पास ले चलती हूं । सेठानी जी ने उस बेचारी पर बड़ा जुलम किया हुवा है ।
( बांदी का आगे २ । सेठ का पीछे पीछे चलना । दोनों का तहखाने के पहुंचना बांदी का दूर से चन्दनबाला की तरफ इशारा करके सेठ को
बांदी- यह देखो सेठ जी आपकी चन्दनवाला तीन गेज से जंजीरों से जकड़ी तहखाने में पड़ी हुई है, सेठानी जी ने इस बेचारी पर बड़ा जुल्म किया है ना तीन रोज से खानो ही दिया है न पीने को
के लिए पानी, आप देखलें कि यह जिंदा है या नहीं।
(सेठ क आगे बढ़कर चन्दनबाला के समीप पहुॅना, चन्दनवाल बेहोशी में अपने कर्मों को दोष देते हुवे नज़र आना )
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चंदनबाला का गाना
गाना (चाल) (मैंने ज़ालिम तेरा क्या बिगाडा )
१-नाच कर्मों ने मुझ को नचाया । किस मुसीबत में हाय फंसाया || २-तीन दिन से मैं भूखी पड़ी हूँ । रहम भगवान को भी न आाया || ३-कंठ सूखा हुआ जा रहा ।
नीर तक भी मुझे न पिलाया ॥ ४-कर्म आया
g💥💥💥💥सीन-5💥
🌿🌿🌿🌿जंगल का पर्दा🌿🌿🌿
मुनी अवस्था में श्री महावीर स्वामी का आहार देने के लिए मन में इस प्रकार का नियम धारण करना
स्वामि ० - (दोहे ) उस लड़की के हाथ से लूगा मैं ग्राहार ।
मात पिता परलोक को जिसके गए सिधार ||
2-जकड़ी हो जंजीर से हो वह राजदुलार
केश मुंडे हों शीश के दुख में हो बेजार ।
३-आभूषण से हो रहित एक वस्त्र हो धार
तीन दिनों से भूख के मारे हो लाचार |
४- लोए भर कर छाज में उबले उर्द संवार ।
सुमरण हो जो कर रही मेरा बारमबार |
५-| इक चोखट पे हो कदम इक चोखट से पार
नैनो से हो बह रही जिसके ये आंसू धार हों
६-ये लक्षण हों तो मुझे भोजन है दरकार
वरना खाली जाऊंगा है ये मेरा विचार
७- महाबीर यू घार कर पहुंचे उसी द्वार
बाट निहारे थी जहां चन्दन आँख पसार |
💥💥💥सीन-6💥💥💥
💒सेठ के मकान का परदा💒
चन्दनबाला का दालान में जंजीरों से जकड़ी पड़ी हुई नजर आना भगवान महावीर स्वामी का आहार लेने के लिए दरवाजे पर आना । बहुत से श्रावकों का भगवान के पीछे पीछे आते हुघ दिखाई देना, चन्दनबाला का फौरन उठकर दरवाजे पर पहुंचना और भगवान से के लिए प्रार्थना करना ।
*चन्दनबाला-(भगवान को अपनी ओर आते देखकर) तिष्ठो, तिष्ठो भगवन र पानी शुद्ध है। (उबले हुवे उदों का छाज आगे को बढ़ाती है)
(भगवान का चन्दनबाला के मुंह की ओर देखना और विचार करना कि यहाँ और तो सब लक्षण आहार लेने के मौजूद हैं, परन्तु इसकी आंखों में आंस नहीं हैं इतना सोच कर भगवान की ओर चल देते हैं, चन्दनवाला क भगवान को आगे की ओर जाते देखकर हक देकर रोना और विलाप करना)
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चन्दनवाला गाना (चाल) बरबाद न हो जाए मोहब्बत का फसाना ।
भगवान मेरे पास में आये चले गये ।जलवा जरा सा मुझको दिखाये चले गये
2- । आहार तक भी ना लिया पापन के हाथ से
एक दम से आंख मुझसे फिराए चले गए ।
३-। कहते थे तेरा निवारूंगा आनकर ।
क्या आए जो मुझको रुलाये चले गए
४-आशाएं मेरी तोड़ कर जाते हो तुम कहां।
क्यों दिल से मेरी याद भुलाए चले गए ||
(रोते हुये बिलाप करना)
लौटके आजा मेरे मीत, तुझे मेरे गीत बुलाते हैं ।
लौटके आजा महाबीर, तुम्हें मेरी याद बुलाती है ।
तुम सुनलो करुण पुकार, अभागन व्यथा सुनाती है ॥
१-आकर जाना, तरस न खाना, ये तुमने क्या ठाना
। ये मेरी नाव पड़ी मझधार दया क्यों तुम्हें न आती है ॥
२-द्वार पे आना, खाली जाना, हार नहीं भखाना ।
मैंने घोर किये हैं पाप, मुझे यह बात सुझाती है
३-।। तीन दिनों से पड़ी हूं जकड़ी, खाना तलक नहीं खाया
मेरी सुध लीजे भगवान, विपत अब सहा नहीं जाता
४- वचन दिया था, आऊंगा जल्दी, पीर हरण मैं तेरी ।
काहे लगाई देर, समझ में तनिक न आती है ॥
५-आयो, आयो दरश दिखायो, कष्ट निवारो मेरा ।
अब नहीं सहारा कोय, ये बेकस नीर बहाती है |
😭😭😭😭😭(जोर से रोने लगती है
भगवान को पीछे की ओर मुडकर देखना और चन्दनवाला के आँखों में आंसू देखकर वापिस लौटकर आना। चन्दनवाल का उदों का सूप हाथ में लेकर भगवान को आहार मरवाना आकाश में देवों का बाजे बजाना, जय जयकार के नारे लगाना और रत्नों की वर्षा करना चन्दनबाला की लोहे की बेड़ियां कटकर स्वर्णमई आभूषणों में परिवर्तित हो जाना। केश बढ़ जाना। सेठ का लुहार को साथ लिये हुवे महल में आना और भगवान महावीर स्वामी के दर्शन पाना । भगवान का बिहार करना । सेठ का चन्दनबाला शृंगार किये को सोलह हुवे देखकर हैरान होना । सेठानी का बाहर से आना और चन्दनबाल की ओर देखकर सर नीचा कर लेना और क्षमा मांगना)
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सेठानी-गाना (चाल) हुक्म इसको पिताजी का बजाना ही मुनासिब है।
१-अब देवी मुवाफ कर मुझको तुझे मैंने सताया है ।
यूं ही इलज़ाम झुठा शील पे तेरे लगाया है
२-।। सती है तू मुझे अच्छी तरह अब हो गया जाहिर
तेरे को धन्य है महावीर को भोजन भराया है
३-किया है पाप मैंने कोठरी में जो तुझे डाला ।
ना खाना ही खिलाया है, न पानी ही पिलाया है
४- | मिलेगी क्या गति मुझको सती इस पाप के बदले
। बड़ा ही जुल्म मैंने हाथ से अपने कमाया है
५-। तू खुश किसमत है जो दर्शन दिये वीर ने तुझको
। मैं हूँ निर्माग मैंने दर्श भी उनका न पाया है ।।
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चंदनबाला का गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना करते है।
🎼🎼🎼🎼
१-किसी का दोष क्या माता ये सब कर्मों की माया है
। तुम्हीं ने आज ये भगवान का दर्शन दिलाया है
२- | रखे थे अपने ही सूप में वह उदे के दाने ।
वही भगवान को देकर ये फल मैंने कमाया है ।।
३- महल में आये थे वह आपके आहार लेने को
| जो भोजन था मेरी खतिर वही उनको भराया है |
४- कृपा करके मुझे दिक्षा दिला दीजे मेरी माता । बड़ा आराम मैंने थोपके इस घर में पाया है |
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सेठानी—गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं।
१-नहीं बेटी मैं हरगिज भी कहीं जाने न दूंगी
। जुबां पे जिक्र दिता का तुझे लाने नहीं दूंगी
२-बना करके रखूंगी जान से प्यारी तुझे बेटी ।
मुसीबत कोई भी तुझ पे कभी आने नहीं दूगी
॥ ३ बड़ी ही भूल की मैंने दिया मैंने जो कष्ट तेरे को
। तुझे दर दर की अब ठोकर कभी खाने नहीं दूगी
।४- क्षमा करके मेरे अपराध को तू अय मेरी चंदन
कोई तकलीफ इस घरमें तुझे पाने नहीं दूगी ॥
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सेठ— गाना (चाल) अजी सुनज्ञो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं
१-इरादा मुझको भी चन्दन नहीं ये तेरा भाया से
बचन दिक्षा के लेने का जो ये तुने सुनाया
२-करूंगा मैं तेरी शादी अभी मराडप रचाऊंगा
| खुशी का आज यह मौका बड़ी मुशकिल से आया है।
३-तूही मालिक है मेरे मालोजर की आज से बेटी ।
न पुत्री है सिठानी के न कोई पुत्र जाया है
४-| तुझे लेने को मैं दिक्षा कभी जाने नहीं दूंगा
मेरा उजड़ा चमन तूने ही तो आकर बसाया है |
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चंदनवाला गाना (चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार को अफसाना कहते हैं
१-पिताजी क्यों धरम के काम में इंकार करते हो।
फंसाकर क्यों मुझे दुनियां में मिट्टी ख्वार करते हो
|| दुखों की खान है दुनियां नहीं मालूम क्यों तुमको
| समझाता नहीं फिर क्यों इसे तुम प्यार करते हो
। चलो लेकर मुझे जल्दी करो न देर इक पल की
। बना कर आर्यका क्यों न मेरा उद्धार करते हो
। दुखी दुख हैं भरे संसार में सुख हो नहीं सकता
दिला कर क्यों न दिक्षा मेरी नय्या पार करते हो ।
🎼🎼🎼🎼🎼सेठ गोना सेठ जी का गाना(चाल) अजी सुनलो हम अपने प्यार का अफसाना कहते हैं
१ नहीं माने तो चल बेटी तुझे दिक्षा दिलाता हूँ
। मुझे क्या देर लगती है भी लेकर के जाता हूं ||
मगर जाने से तेरे घर उजड़ जायेगा ये मेरा
। यही चिंता है मेरेको ले मैं तुझको बताता हूं
॥ बड़ी मुशकिल से लाया था बनाकर मैं तुझे बेटी ।
सहारे पे तेरे ही जिंदगी अपनी बिताता हूँ
॥ मुझे डर है कहीं मैं मर न जाऊं व्योग में तेरे
इसी से अय मेरी बेटी मैं इतना खोफ खाता हूं |
| दोहा:- बेटी गर माने नहीं चल तू मेरे लार