*कहानी बड़ी सुहानी*
(1) *कहानी*
*एक रुपये का सिक्का*
एक ब्राह्मण व्यक्ति सुबह उठकर मंदिर की ओर जा रहा था। वहां उसे रास्ते में ₹1 का सिक्का मिलता है। वह ब्राह्मण के मन में विचार आता है कि यह ₹1 रुपये में किसी दरिद्र को दे देता हु। वह पूरे नगर में ढूंढता है उसे कोई दरिद्र और भिखारी नहीं मिलता है। हर रोज की तरह सुबह ब्राह्मण मंदिर की ओर प्रस्थान करते है। वहां उसे एक राजा दिखाई देता है वह बहुत बड़ी सेना लेकर दुसरे नगर में जाता रहता है।
राजा जैसे ब्राह्मण व्यक्ति को देखता है उसे प्रमाण करता है और कहता है की महात्मा मैं युद्ध करने जा रहा हूं, आप मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं दूसरे नगर के राज्यों को भी जीत सकूं। यह सुनते ही ब्राह्मण व्यक्ति ₹1 का सिक्का राजा के हाथ में थमा देता है। राजा आश्चर्यचकित हो जाता और पूछता है कि आपने यह ₹1 का सिक्का मेरे हाथ में क्यों थमाया ? ब्राह्मण व्यक्ति उत्तर देते हुए कहते हैं कि, मैं कई दिनों से कोई दरिद्र व्यक्ति ढूंढ रहा हूं जिसे ₹1रुपय दे सकूं।
पूरे नगर में ऐसा कोई दरिद्र और भिखारी व्यक्ति नहीं मिला जिसे में एक रुपये दे सकुँ। सिर्फ और सिर्फ आप ही मुझे ऐसे दरिद्र व्यक्ति मिले जिनके पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नहीं है जिसकी अपेक्षा हमेशा अधिक से अधिक पाने की रहती है। इसलिए मैं यहां ₹1 का सिक्का आपको देना चाहता हूं क्योंकि जो दरिद्र व्यक्ति की तलाश में था वह साक्षत मेरे सामने खड़ा है। यह सुनकर राजा का मस्तिष्क शर्म से झुक जाता है और वह अपनी सेना को वापस जाने का आदेश देता है।
*शिक्षा:-*
इस प्रसंग से सिख मिलती है की इंसान को कुछ पाने की जिद होनी चाहिए वह बहुत अच्छी बात है। पर आज कल व्यक्ति की इतनी तीव्र इच्छा होने के कारण मन में विचार आता है तेरे जेब का पैसा मेरे जेब में कैसा ऐसे स्वार्थी सोच में रहता है ! यह बिलकुल भी अच्छी बात नहीं है। फलस्वरूप : उसे सब कुछ मिलने के बाद भी वह दुखी रहता है क्योंकि उसकी इच्छा कभी खत्म नहीं होती।
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(4) *कहानी*
_*🎊🇲🇰“लौकिक सुखों से परे सच्चा सुख है
(5) *जानकारी*
*जैनधर्म के साथ इतिहासकारो का अन्याय*
😱अशोक स्तंभ जैन धरोहर है पूरा पढ़े 🧐
😞जैन समाज मे एक प्रकार की उदासीनता है।
अपने धर्म को पालने में नही उसे न्याय दिलाने में उसे भारत के इतिहास में सम्मानजनक स्थान दिलाने में ये समाज उदासीन है।😞
🤔 जैन विरोधी इतिहासकारो के अन्याय का शिकार हुआ है ।
☹️ हमारी धरोहरों को हमसे छीन ली गई।
😨वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए . एक वर्ग को खुश करने के लिए हमारे प्रतीकों को बोद्ध घोषित कर दिया गया। 😭
👉 जैन समाज अनेक पंथों और संघो में बिखरा है।
😣 इसलिए कोई बोलने वाला नही है।🤔इसके पास अपने सम्पूर्ण आगम का एक प्लेटफार्म नही है। कौन बोलेगा ???😢
😱आपको क्या लगता है आपकी संस्कृति को कोई और बचाएगा ???
*अशोक स्तम्भ का इतिहास जाने*
अशोक स्तम्भ भारतीय गणराज्य की निशानी है। ये सारनाथ में इसके अवशेष मिले थे।
पर ये उस समय गिरा हुआ था। ये कहा से लाया गया था ये स्पष्ट नही है। 😱 👉अंग्रजो ने इसे फिर से खड़ा किया था।
💐 *इसमे चार दिशा में चार सिंह है*
जो भगवान महावीर के चिन्ह है । चार दिशा में समवसरण के प्रतीक स्वरूप वीर शाशन की उद्घोषणा कर रहे है। *बीच में ब्राह्मी लिपि में प्रशस्ति लिखी गई है*। मध्य में चार बैल, हाथी,घोड़ा,सिंह ये चार तीर्थंकरों की उद्घोषणा कर रहे है।
*धर्म चक्र है जिसमे 24 तूलिका है ये 24 तीर्थंकर की उद्घोषणा कर रही है*।
💐ये मौर्य शाशन का स्तम्भ है। चंद्रगुप्त मौर्य हमारे अंतिम जैन सम्राट थे जिन्होंने दीक्षा लि थी।💐
☹️ उसी के पोते अशोक ने बौद्ध धर्म स्वीकारा ये इतिहासकार कहते है। पर जैन इतिहास ने कहा है😭 अशोक ने 👉बौद्ध धर्म को सम्मानित किया था । उनके प्रचार की छूट दी थी। सहिष्णुता से।😱
🧐क्योंकि उस समय जैन और बौद्ध का हिन्दू मुस्लिम के जैसे रिश्ता था।🤔 पर वो अंत समय तक जैन श्रावक के रूप में ही देह त्याग किया।👏 कोई भी पुख्ता लेख नही होने पर भी अशोक को बोद्ध बना दिया गया।
जब इतिहासकरो ने जैनों के साथ अन्याय किया तब कोन था आपके लिये बोलने वाला ? 😞
🌹 *तिरंगे ध्वज में धर्मचक्र में 24 तूलिका है जो हमारे 24 तीर्थंकरों का प्रतीक है*।
*चतुर्मुखी अशोक स्तम्भ जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का प्रतीक है*।
क्योंकि समवसरण में तीर्थंकर चतुर्मुख होते है। ये महावीर के शाशन का पुण्य है जो आज भी भारत सरकार की निशानी बना है।
जागो जैनों अब तो जागो तुम्हारा इतिहास भी तुम्हारे से छीन लिया गया है।
आनेवाले समय मे तुम्हारे पास गौरव करने जैसा क्या बचा रहेगा ?
अभी भी समय है सम्पूर्ण जैन समाज एक प्लेटफॉर्म पर आयो।
इसका मतलब ये नही की आप अपने पंथ छोड़ दो।
आप अपने अपने पंथों को मानो पर एक दूसरे से वात्सल्य के साथ खड़े रहो। हम तीर्थंकर के अनुयायी है। हमारी आनेवाली पीढ़ी के लिए एक साथ आयो। हमारा NGO सम्पूर्ण जैन को एक साथ लाना चाहता है। ताकि हम एक सशक्त समाज बन सके। हम आर्थिक रूप से हमारे बच्चों को मजबूत करने के लिए पूरी समाज को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए *विश्व व्यापार ट्रेनिंग सेंटर*
की योजना को जानकर उनसे जुड़ना चाहता है वो हमें व्हाट्सएप पर उसका नाम /शहर का नाम लिखकर व्हाट्सएप करे। हम आपसे सम्पर्क करेंगे।
पण्डित महावीर मनु
गोरेगाँव मुंबई
9987046421
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