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महालक्ष्मी माता की आरती
तर्ज :- चांद मेरे आजाआजाआजाआजा
आरती लक्ष्मी देवी की
धन धान्य की सम्पत्ति देने वाली, माँ की करो आरतिया।
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" आरती ॥" #जिनशासन मे जिनवर की, ये भक्त कही जाती है। जो इनकी भक्ती करते, उनके घर में आती है। आरती लक्ष्मी देवी की ॥ १ ॥ प्रभु समवशरण के आगे आगे लक्ष्मी चलती है। जिससे प्रभु के वैभव में, कुछ कमी न रह सकती है। आरती लक्ष्मी देवी की ॥ या "
धन वैभव के इच्छुक जन, इनका आराधन करते । आर्थिक संकट नरा जाता, इच्छित फल को वे लभते ।। आरती लक्ष्मी देवी की ॥ आ हे लक्ष्मी माता मुझको, भक्ती का ऐसा फल दो।र लौकिक आध्यात्मिक लक्ष्मी, "चन्दना' मेरे मन भर होता (आरती लक्ष्मी देवी की तादातादातादतादातादातादतादातादातादतादातादाताद