14.श्री पद्मावती माता की आरती
ॐ जय जगदम्बे माता, देवी पद्मावती माता
आरती करूँ मंगल मय, देवो सुख दाता।।टेक॥
श्री पार्श्वनाथ शासन देवी हो, शिर पर प्रभु सोहे।।माता शिर... ||
कुक्कुट सर्प वाहिनी माँ के, सहस्र नाम मोहे।।ॐजय।।.
हुम्बुज पुर में आप विराजी, अतिशय अतिभारी।।
माता अति पुष्पों का वर प्रसाद लेकर, आनन्द कर तारी।।ॐजय।।
मथुरा के जिन दत्त राय की, आप करी रक्षा।।माता आप......।।
रत्न त्रय की महा निधि हो, द्वादशांग दक्षा।।ॐजय।।
पद्मा वर्ण पद्मा सन पद्मा, पद्म हस्त सोहे।।माता पद्म।।
पद्म वासिनी पद्म नयन की, पद्म प्रभा मोहे।।ॐजय।।
नाना मत में विविध नाम से, आपकी भक्ति करें।।माता आपकी।।
माता आप की तारा गौरी वज्रा प्रकृति, गायत्री नाम धरें।।ॐजय॥
कुंकुम हल्दी पान सुपारी, चना फूल सज धार।।माता चना।
दीप धूप गंध केला श्रीफल, व्यंजन बहुत प्रकार।।ॐजय।।
पूर्ण कलश ले नारि सुहागिन, इह विधि पूज रचाय।।माता इह।।
सुख सौभाग्य बढ़े सेवक का, मनवांछित फल पाय।।ॐजय।।