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अनुक्रमणिका
ज्ञेय चंद्रमणि जिनवाणी
अनुक्रमणिका
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1. माताजी की फोटो
2. भक्तम्बर अनूष्टन के फोटो
3' करंजा चातुर्मास फोटो
4. चौरई मंदिर का सिलनायस
5. तमिलनाडु चातुर्मास की फोटो
6. मुंबई चातुर्मास की फोटो
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2. Contact Us
1. आहार चर्या - माँ ज्ञेयश्री माताजी
2. कार्यक्रम - माँ ज्ञेयश्री माताजी-
पाठ
4. भजन सुने
1. प्रवचन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
2. भजन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
3. भक्ति प्राकृतi.mp3
4. प्रवचन -kajal didi /पूजा दीदी-mp3
5.कुछ खास
6.ध्वजारोहण विधि
7.चातुर्मास विधि
8.पूजा अन्त्य विधि
9.शवदाह विधि
10.हवन विधि
11.अंकुरारोपण विधि
12.भूमि-परीक्षा विधि
13.घटयात्रा विधि
14.रथ चालन विधि
15.जाप्यानुष्ठान प्रारंभ विधि
16.मंडप प्रतिष्ठा विधान
17.अखंडदीप प्रज्वालन का संकल्प मंत्र
18.व्रत ग्रहण करने का संकल्प
19.शिलान्यास विधि
20.भूमिशोधन मंडप शुद्धि
21.मंदिर एवं वेदी शुद्धि हेतु घटयात्रा और शुद्धि विधान विधि
22.मंगलाष्टक अर्थ
23.अभिषेक पाठ-माघनंदि मुनि कृत
24 अभिषेक विधि
25.श्री ज्येष्ठ जिनवर-जयमाला
26.श्री ज्येष्ठ जिनवर अभिषेक
27.जलभिषेक प्रक्षाल पाठ
28.सकली करण विधि हिन्दी
29. पंचामृत अभिषेक पाठ हिन्दी
30. सरस्वती अभिषेक
31. महा शांतिधारा
32 . लघुशांतिधारा
33 . 64 ऋद्धि शांतिधारा
34. श्री पद्मावती जी अभिषेक
35.श्रुत स्तवन/पंचामृताभिषेक
36. पंचामृत अभिषेक
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👉14.दुग्ध धारा👈
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37.विनय पाठ अर्थ
38.पूजा प्रारम्भ
39. अर्घावली
40.शान्ति पाठ संस्कृत
41.पूजा सभी
8.पूजन
00. देव-शास्त्र-गुरु(प्रथम देव अरहंत)
1.देव-शास्त्र-गुरु पूजा (कविश्री युगलजी)
2. समुच्चय पूजा / SAMUCCHAY POOJA
3.नवदेवता पूजा
4.श्री नित्यमह पूजा
5.देव शास्त्र-गुरु (कविवर द्यानतरायजी)
6. देव-शास्त्र-गुरु-विद्यमान बीस तीर्थंकर सिद्ध परमेष्ठी पूजा
7..समुच्चय चौबीसी पूजा
8.बीस तीर्थंकर पूजा
9.बीस तीर्थंकर पूजा
10.सिद्ध पूजा भाषा (यंत्र स्थापनं)
11..समुच्चय पूजा सर्वग्रहा
12.सोलहकारण पूजा
13..पंचमेरू पूजा
14.नन्दीश्वर द्वीप (अष्टाहिृका) पूजा
15.दश लक्षण धर्म पूजा
16.रत्नत्रय पूजा
17.रत्नत्रय पूजा
18.रक्षाबन्धन पूजा (श्री विष्णुकुमार पूजा)
19. श्री अकम्पनाचार्यादि पर्व पूजा सलूना
20.विष्णुकुमार महामुनि पूजा
21..रत्नत्रय पूजा क्षमावणी पर्व
22.श्री पंच परमेष्ठी पूजन
23 .अकृत्रिम चैत्यालय पूजा
24 सिद्ध पूजा
25.सिद्ध परमेष्ठी पूजा
26 पंच बालयति तीर्थंकर पूजा
27 .श्री बाहुबली स्वामी पूजा
28 .श्री बाहुबली पूजा
29 .गौतम गणधर पूजा
30.निर्वाण क्षेत्र पूजा
31.सप्तर्षि पूजा
32.सरस्वती पूजा
33.श्री ऋषिमण्डल यंत्र पूजा
34..श्रुतस्कंध पूजा
35.जिनवाणी पूजा
36 नवग्रह अरिष्टनिवारक विधान
37.आदिनाथ भरत-बाहुबली पूजा
38.कलिकुण्ड पार्श्वनाथ चनरं
39.चांदनगांव महावीर स्वामी पूजा
40. निर्वाया काण्ड (भाषा)
41.ह्रीं प्रतिमा की पूजा
42.भगवान सुदर्शन जिनपूजा
43.सप्तपरमस्थान पूजा
44.क्षेत्र पैठण श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा अतिशय
45.श्री तिजारा क्षेत्र स्थित चन्द्रप्रभ पूजा
46.पंचकल्याणक समूह पूजा
47.रविव्रत पूजा
48 .श्री भक्तामर पूजा
49.मुकुट सप्तमी व्रत पूजा
50. श्री अनंतव्रत(दश लक्ष्ण पर्व) पूजा
51. श्री ज्येष्ठ जिनवर पूजा
52.श्री आदिनाथ जिनपूजा
53. श्री अजितनाथ जिनपूजा
54.श्री संभवनाथ जिनपूजा
55. श्री अभिन्दननाथ जिनपूजा
56.श्री सुमतिनाथ जिनपूजा
57. पद्मप्रभु जिनपूजा
58. { वाडा के }श्री पद्मप्रभ जिन पूजा
59. श्री सुपाश्र्वनाथ जिनपूजा
60. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
61. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
62. श्री पुष्पदन्त जिनपूजा
63. श्री शीतलनाथ जिनपूजा
64 .श्री शीतलनाथ जिनपूजा
65. श्री श्रेयांसनाथ जिनपूजा
66. श्री वासुपूज्य जिनपूजा
67. श्री विमलनाथ जिनपूजा
68. श्री विमलनाथ जिनपूजा
69. श्री अनन्तनाथ जिनपूजा
70.श्रीधर्मनाथ जिनपूजा
71. श्री शांतिनाथ जिनपूजा
72. श्री कुन्थुनाथ जिनपूजा
73. श्री अरहनाथ जिनपूजा
74. श्री मल्लिनाथ जिनपूजा
75. श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा
76. श्री नमिनाथ जिनपूजा
77. श्री नेमिनाथ जिनपूजा
78.श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा
79. श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ पूजन
80. श्री अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ पूजन
81. श्री पाश्र्वनाथ पूजा
82. श्री महावीर जिनपूजा
83. श्री आदिनाथ, भरत, बाहुबली पूजा
84.दशलक्षण पूजा
85.श्री विनायकयंत्र पूजा
86. क्षेत्रपाल पूजा
87.श्री सम्मेदशिखर पूजन
88.श्री हस्तिनापुर तीर्थ पूजा
89. कौशाम्बी तीर्थ पूजा
90. श्री अयोध्या तीर्थक्षेत्र पूजा
91. सुदर्शन मेरु पूजा
92 . तत्त्वार्थ सूत्र पूजा
93. चौंसठ ऋद्धि पूजा
94 .चौषठ ऋद्धि समुच्चय पूजा
95. षट्खण्डागम पूजा
96. श्री शांति-कुंथु-अर तीर्थंकर पूजा
97. भरतेश पूजा
98..जम्बूद्वीप पूजा
99. सिद्धपदप्राप्त सुदर्शन महामुनिराज की पूजा
100. जिनगुण सम्पत्ति समुच्चय-पूजन
101 . णमोकार महामन्त्र पूजा
102. श्री ऋषिमण्डल पूजा भाषा
103. साधु परमेष्ठी पूजा(अट्ठाईस मूलगुण पूजा)
104. गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महाराज की पूजन
105. श्री शांतिसागर जी महाराज की पूजन
106. आचार्य श्री शांतिसागर जीमहाराज की पूजा
107. आ.108 विशदसागर महाराज पूजा
108. समवसरण पूजा
109. गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी की पूजन
110.गणिनी आर्यिका १०५ विज्ञाश्री माताजी की पूजन
111. "आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
112. केवलज्ञान महालक्ष्मी पूजा
113. वीर निर्वाण संवत्सर पूजा
114. तेरहद्वीप जिनालय पूजा
115. पद्मावती पूजा
116.दीपावली पूजन विधि
117.रोहिणी व्रत पूजा (वासुपूज्य जिनपूजा)
118. रोट तीज व्रत puja
119. श्री कर्मदहन व्रत पूजा
120. अनंत व्रत पूजा-
121 . चारित्र शुध्दि १२३४,पूजन व्रत
122. चंदनषष्ठी व्रत पूजा
123.आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
पूजा मुख विधि (संस्कृत)
पूजा मुख विधि (हिन्दी)
42.आंनद यात्रा
43.श्रावक - प्रतिक्रमण संस्कृत
44.मुनि प्रतिक्रमण संस्कृत
45.प्रतिक्रमण हिन्दी
46.आचार्य वंदना
47. सिद्धि भक्ति संस्कृत
48.श्रुत भक्ति संस्कृत
49.चरित्र भक्ति संस्कृत
50.पञ्च महागुरु संस्कृत-ब
51.शांति भक्ति संस्कृत
52..समाधी भक्ति संस्कृत
53. निर्वाण भक्ति संस्कृत
54.नन्दीश्वर भक्ति संस्कृत
55. इर्यापथ प्रतिक्रमण भक्ति संस्कृत
56.चैत्य भक्ति संस्कृत
57.पञ्च महागुरु प्राकृत -अ
58.आचार्य भक्ति हिंदि (ज्ञानोदय छन्द
59. सिद्ध भक्ति हिंदी
60. चैत्य भक्ति हिंदी
61. निर्वाण भक्ति हिन्दी
62.पञ्च महागुरु भक्ति हिंदी
63 . योगी भक्ति हिन्दी
64.नन्दीश्वर भक्ति हिन्दी
65.भक्तांबर महिमा
66.भक्तम्बर दीप आर्चना
67. जिन सहस्त्रनाम मंत्र
68.भक्तामर हीलिंग नम्बर
69.गुरु आर्चना बुक
70.धार्मिक पहेली
71.सूतक - पातक
72. णमोकार मंत्र
1.णमोकार मंत्र
2.णमो अरिहंताणं
3.णमो सिद्धाणं
4.णमो आयरियाणं
5.णमो उवज्झायाणं
6.णमो लोए सव्वसाहूणं
7.णमोकार महामंत्र की महिमा
8.णमोकार मंत्र कथाएं
9.महामंत्र णमोकार मंत्र
10.णमोकार व्रत विधि
11.णमोकार मंत्र और महामारी
12.जाप करने की तीन विधि
13.णमोकार मंत्र और प्रथमानुयोग
14.णमोकार मंत्र और राशिचक्र
15.णमोकार मन्त्र और रंग चिकित्सा
16.णमोकारमन्त्र और अन्य व्रत
17.णमोकार मन्त्र में पद संख्या
18.णमोकार मन्त्र जैन मन्त्र नहीं, जन मन्त्र है
19.णमोकार मन्त्र और स्वाध्याय
20.णमोकार मन्त्र और ध्वनि विज्ञान
21.णमोकार मन्त्र और वार चक्र
22.णमोकार मन्त्र और अवस्था विशेष
23.णमोकार मन्त्र और मुद्रायें
24.णमोकार मन्त्र और सामायिक
25.णमोकार मन्त्र और आराधना
26.णमोकार मन्त्र और बीजाक्षर
27.णमोकार मन्त्र की उपयोगिता
28.णमोकार मन्त्र के पाठ भेद
29.णमोकार मन्त्र और नौ पदार्थ
30.णमोकार मन्त्र द्वारा आराधित परमेष्ठी
31.यह महामन्त्र क्यों ?
32.णमोकार मन्त्र और श्रुतज्ञान के अक्षर
33.णमोकार मंत्र विषयक व्रत
34.णमोकार मन्त्र और कषाय विजय
35.णमोकार मन्त्र और चरणानु योग
36.णमोकार मन्त्र और तिथि चक्र
37.णमोकार मन्त्र और रस शास्त्र
38.णमोकार मंत्र में वचन प्रयोग
39.णमोकार मन्त्र की मात्रायें
40.णमोकार मन्त्र की रचना
41.नमोकार मंत्र जपने की विधि
42 *णमोकार प्राणायाम*
43.णमोकार मंत्र की साधकता
44. णमोकार स्तुति
45. महामंत्र का माहात्म्य
46.णमोकार मंत्र का माहात्म्य
73 देव दर्शन विधि पाठ शाला
74.तिथंकर पाठ शाला
75. क्रोध पाठ शाला
76.तिथंकर भगवान पाठ शाला
77.पाप पाठ शाला
78.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - क्षु. श्री ध्यानसागरजी महाराज
79.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - फूलचन्दजी
80.भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - शर्मनलाल
81. भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - मुनि श्री विमर्शसागरजी महाराज
82. भक्तामर स्त्रोत : हिन्दी - रवीन्द्र
83. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - हेमचन्द
84. भक्तामर महिमा
85. अध्याशतक स्तोत्र
86.भक्तामर स्तोत्र भाषा
87.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी पद्यानुवाद
88. भक्तमर स्तोत्र
89. सरस्वती स्तोत्रम्
90. विषापहार स्तोत्र - संस्कृत
91.स्वयंभू स्तोत्र भाषा
92. विषापहार स्तोत्र भाषा
93.श्री वीतराग स्तोत्र
94.श्रीपार्श्वनाथस्तोत्र*
95.द्रष्टयशतक स्तोत्र
96.एकीभाव स्तोत्र : हिन्दी - भूधरदास जी
97.एकीभाव स्तोत्र : संस्कृत
98.श्री गणधर वलय स्तोत्र
99. श्रीमज्जिनसहस्रनाम-स्तोत्र
100 . कल्याण मंदिर स्तोत्र : हिन्दी - बनारसीदास
101.कल्याण मन्दिर स्तोत्र
102.नवग्रह स्तोत्र : हिन्दी - आर्यिका चंदनामती
103.नवग्रह स्तोत्र : संस्कृत - आचार्य भद्रबाहु स्वामी
104. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - आशु
105. तत्वार्थ सूत्र
106.तत्त्वार्थ स्तोत्र अर्थ
107.महावीराष्टक स्तोत्र अर्थ
108.महावीराष्टक स्तोत्र
109. श्री सुप्रभात स्तोत्र*
110. श्री तीर्थ वन्दना
111. सम्मेद शिखर वंदना
112. महावीर वंदना
113. दुखहरण विनती
114. सोलह कारण विनति
115. संकट मोचन विनती
116. दर्शन पाठ (संस्कृत)
117. दर्शनपाठः (पं. बुधजनजी कृत)
118. दर्शन पाठ (पं. दौलतरामजी कृत)
119. दर्शन पाठ (संस्कृत)
120. सासायिक पाठ
121. समाधिमरण भाषा
122. समाधि-भक्ति पाठ
123. समाधी मरण बड़ा पाठ
124. आचार्य बन्दना
125. समाधी मरण बड़ा पाठ
126. समाधी मरण पथ पाठ
127. मृत्यु महोत्सव पाठ
128. कल्याण लोचना पाठ
129.आलोचना पाठ
130. आराधना पाठ
131. आत्म कीर्तन पाठ
132 .बृहत् प्रतिक्रमण पाठ
133. लघु प्रतिक्रमण पाठ
134.मिच्छामिदुक पाठ
135.अमूल्य तत्व विचार पाठ
136.लघु हिंदी प्रतिक्रमण पाठ
137. लघु प्रतिक्रमण पाठ
138. चौबीस तीर्थंकर वंदन
139 . वन्दना जकडी !
140. ऋषभनाथ वंदन
141. नीर गंथ की वंदना
142. ढाल
143. द्रव संग्रह
144..इष्ठोपदेश
145.समाधी तंत्र
146. पाठ
147.बारहमासा
148.श्री आद्यष्टक स्तोत्र*
149अमूल्य तत्त्व विचार*
150. भ. धर्मनाथ स्तुति
151.भ. मुनिसुव्रतनाथ स्तुति
152.. दर्शन स्तुति(प्रभु पतित.)
153.गुरु स्तुति (ते गुरु मेरे उर बसो)
154.दर्शन स्तुति पुण्य उदय मम आया
155.दर्शन-स्तुतिजय वीतराग विज्ञान पुर
156. दर्शन पथ तुम निरखत मुझको मिली
157. देव स्तुति-अहोजगत
158. बाहुबली स्तुति
159गोम्मटेश अष्टक स्तुति
160. गोम्मटेश स्तुति
161. जिन चतुर्विंशिका
162.जिनवाणी स्तुति
163.जिनवाणी स्तुति
164. जिनवाणी स्तुति
165. जिनवाणी स्तुति
166. म्हारी माँ जिनवानी
167.जिनवर जिनवानी
168. इष्ट प्रार्थना स्तुति
169. इष्ट प्रार्थना स्तुति
170. बाईस परीषह स्तुति
171. दोहा थुदि
172. तिथंकर स्तुति
173.चौबीस तीर्थंकर स्तुति
174.माँ जिनवाणी ममता न्यारी
175.जय जिनवाणी
176. सिद्ध चक्र स्तुति
177. दर्शन स्तुति-सकल ज्ञेय ज्ञायक तदपि
178.देव स्तुति अहो जगत
179. पं.भूधरदास कृत दर्शन स्तुति
180.मंगल भावना
181. बारह भावना
182.समाधि भावना
183.बारह भावना (कविवरभूधरदास कृत)
184.मेरी भावना
185.दर्शन भावना - पुनः दर्शन मिले स्वामी
186. मंगल-भावना
187. वैराग्य भावना
188.इष्ट भावना
189. बारह भावना
190. meri bhavana
191.समाधि-भक्ति
192.इष्ट प्रार्थना*
193.बारह भावना* राजा राणा
194.चालीसा
195.।श्री आदिनाथ चालीसा।। Shri Adinath Chalisa
196.।।श्री अजितनाथ चालीसा ।।Shri Ajitnath Chalisa
197.।।श्री सम्भवनाथ चालीसा ।।Sh Sambhavnath Chalisa
198..।।श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा।।Shri Abhinandan Nath Chalisa
199.भ. पाश्वर्नाथ स्तुति
200.।।श्री सुमतिनाथ चालीसा ।।Shri Sumatinath Chalisa
201.।।श्री पद्मप्रभुजी चालीसा।। Shri Padamprabhu Chalisa
202.।।श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा ।।Shri Suparshvanath Chalisa
203.।।श्री चन्द्रप्रभु चालीसा।।Shri Chandraprabhu Chalisa
204. ।।श्री पुष्पदन्त चालीसा।।Shri Pushpdant Chalisa
205. ।।श्री शीतलनाथ चालीसा।। Shri Sheetalnath Chalisa
206 .।।श्री श्रेयान्सनाथ चालीसा।। Shri Shreyansnath Chalisa
207.।।श्री वासुपूज्य चालीसा।। Shri Vasupujya Chalisa
208. ।।श्री विमलनाथ चालीसा।। Shri Vimalnath Chalisa
209.।।श्री अनन्तनाथ चलीसा।। Shri Anantnath Chalisa
210.।। श्री धर्मनाथ चालीसा ।।
211.।।श्री शान्तिनाथ चालीसा।।
212.।।श्री कुन्थनाथ चालीसा।। Shri Kunthunath Chalisa
213.।।श्री अरहनाथ चालीसा।। Shri Arahnath Chalisa
214.।।श्री मल्लिनाथ चालीसा।। Shri Mallinath Chalisa
215.।।श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा।। Shri Munisuvrath Chalisa
216.।।श्री नमिनाथ चालीसा।। Shri Naminath Chalisa
217.श्री नेमिनाथ- चालीसा
218.।। श्री पार्श्वनाथ चालीसा ।।
219.श्री महावीर चालीसा
.220. चौविसी चालीसा
221. श्री णमोकार चालीसा
222. अध्यात्म चालीसा
223. ज्ञान चालीसा
224. विराग सागर चालीसा
225. गुरु विद्यासागर चालीसा
226.आचार्य श्री शान्तिसागर जी चालीसा
227. सरस्वती चालीसा
228. आचार्य शान्ति सागर
229. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
230 .आदिनाथ जी जिनवाणी आरती
231. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
232.अजितनाथ जी भगवान की आरती
233 . संभवनाथ जी भगवान की आरती
234. शीतलनाथ भगवान की आरती
235. सुमतिनाथ जी भगवान की आरती
236 .पद्म प्रभुजी भगवान की आरती
237.भगवान की आरती
238.चन्द्रप्रभु जिनवाणी आरती
239..पुष्पदंत भगवान की आरती
240. श्रेयांसनाथ भगवान की आरती
241. वासुपूज्य भगवान की आरती
242. विमलनाथ भगवान की आरती
243.अंनतनाथ भगवान की आरती
244.भगवान की आरती
245. शांतिनाथ आरती
२४६ . कुंथुनाथ भगवान की आरती
247.भगवान की आरती
248.मल्लिनाथ भगवान की आरती
249 . मुनिसुर्वतनाथ आरती
250.भ. मुनिसुव्रतनाथ की आरती
251.नेमिनाथ भगवान की आरती
252..भगवान की आरती
253 . पारस नाथ आरती
254.पारस प्रभु थारी आरती
255.AARTI SHRI MAHAVEER PRABHU
256. आरती श्री वर्द्धमान स्वामी
257. बाहुबली आरती
258. सरस्वती माता आरती
259.श्री जिनराज आरती
260. नंदीश्वर आरती
261.शिखरजी आरती
262.बाजे छम छम आरती
263. बाहुबली आरती
264. चौबीसी आरती
265. पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti
266. पद्मावती माता की आरती
267. चौबीस तीर्थकरकी आरती
268.पंचपरमेष्ठिकी आरती
269.24 तीर्थंकर आरती
270.श्री जिन वाणी माता की आरती
271.108 विरागसागरजी महाराज की आरती<
272. मां ज्ञेयश्री माताजी
273.पदमावती आरती
274.Mhalakshmi
275.श्री सिद्धचक्र आरती
276.आदिनाथ जी की आरती
277. श्री पद्मावती जी अभिषेक
278. पद्मावती माता की पूजा
279. पद्मावती विधान
300. पद्मावती सहस्रनाम
301.पद्मावती माता का स्त्रोत
302. पद्मावती माता स्त्रोत
303. पद्मावती माता की आरती
304. पद्मावती माता चालीसा
305.माँ पद्मावती चालीसा
306. पद्मावती माता की आरती
307.पद्मावती माता की आरती
308 .पद्मावती माता की आरती
309 .यक्ष - यक्षिणी की आरती
310. पद्मावती माता की आरती
311. श्री आदिनाथ विधान
312. श्री बड़े बाबा विधान
313.श्री पद्मप्रभु जिन पूजन (विधान)
314.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
315. श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
316.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान (लघु)
317.शीतलनाथ पूजा विधान
318. श्री वासुपूज्य पूजा विधान
319.श्री नेमिनाथ विधान (लघु,)
320.श्री पार्श्वनाथ विधान
321.श्री रत्नत्रय पूजा विधान ||
322. शान्ति नाथ विधान
323. कल्याण मंदिर विधान
324. पंचमेरू विधान
325.लघु शांति विधान
326. जिनगुण सम्पत्ति विधान
327.कल्याण मंदिर विधान -2
328.कल्याण मंदिर विधान
329.श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान
330.महावीर विधान
331. श्री अजितनाथ विधान
332. श्री अनन्तनाथ विधान
333. श्री अभिनंदन विधान
334. अकृत्रिम वृक्ष जिनालय विधान
335. .सरस्वती विधान
. व्रत विधि
1. निर्दोष सप्तमी व्रत का स्वरूप एवं विधि
2.सोलहकारण व्रत
3. सुखचिन्तामणि व्रत का स्वरूप
4. सुगंधदशमी व्रत
5. सिंह निष्क्रीडित व्रत
6.सर्वार्थसिद्धि व्रत
7.सर्वसंपत् व्रत(पुत्र संपत व्रत)
8. सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि
9.सम्यक्त्व पचीसी व्रत
10. सम्मेदशिखर व्रत विधि
11.समवसरण व्रत विधि(वृहत् समवसरण व्रत १७० हैं)
12. समवसरण व्रत(लघु)
13. सप्तर्षि व्रत(मृत्युंजय व्रत)
14. सप्तपरमस्थान व्रत विधि
15. षट्खण्डागम व्रत विधि
16. श्रुतस्कंध व्रत
17. श्रुतज्ञान व्रत
18. श्री संपत्-शुक्रवार व्रत विधि एवं कथा(पद्मावती व्रत)
19.मौन एकादशी व्रत
20. श्री त्रिलोक तीज व्रत
21. श्री जिनसहस्रनाम व्रत विधि(लघु)
22. श्री आकाशपंचमी व्रत
23. श्रावक त्रेपनक्रिया व्रत विधि
24. श्रवण द्वादशी व्रत
25. शारदा व्रत
26. शांतिनाथ व्रत(शांति भक्ति व्रत)
27. वृहत्पल्य व्रत विधि
28. वीरशासन जयंती व्रत
29. विषापहार व्रत विधि
30. लोकमंगल व्रत
31. लब्धि विधान व्रत की विधि
32. रत्नावली व्रत
33. रत्नत्रय व्रत विधि
34. रक्षाबंधन व्रत
35. पुष्पाञ्जलि व्रत विधि
36. पुरन्दर व्रत
37. भक्तामर व्रत विधि
38. पुण्यास्रव व्रत विधि
39. मंगल त्रयोदशी (धनतेरस) व्रत एवं कथा
40. मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र
41. महातीर्थ व्रत
42. मुक्तावली व्रत
43. मुकुटसप्तमी व्रत का स्वरूप
44. पंचपरमेष्ठी व्रत विधि
45. निर्वाण चतुर्दशी व्रत(शिवरात्रि व्रत)
46. नवलब्धि व्रत(नवकेवललब्धि व्रत)
47. मेरु पंक्ति व्रत विधि
48. लघु सुखसम्पत्ति व्रत
49. विद्यमान बीस तीर्थंकर व्रत विधि
50. श्रुतपंचमी व्रत(श्रुतावतार व्रत)
26.व्रत समापन विधि
भजन जैन
1.भजन -book
2.भजन जैन
3.भजन जैन
4.भजन जैन
भजन
1-20 भजन
21-40 भजन -2
41-60 भजन -3
61-80 भजन-4
81-100 भजन -5
101-120 भजन-6
121-140 भजन -7
141-160 भजन -8
161-180 भजन -9
181-200 भजन -10
201-220 भजन -11
221-240भजन -12
241-260 भजन -13
261-280 भजन-14
281-300 भजन -15
301-320 भजन -16
321-340 भजन -17
341-360 भजन -18
361-380 भजन -19
381-400 भजन -20
401-421 भजन -21
कोटेसन
1. प्रेरक वचन"
2. कोटेसन माँ
3.प्रेरणा कोटेशन
4. मोटिवेसन
5.कोटेसन
6.कोटेसन
7. चार लाइन
8
कहानी
1.सच्ची मित्रता
2.सोच बदलो, जिंदगी बदल जायेगी
3.अहंकार
4.सच्ची मित्रता
5.माँ के प्रेम की पराकाष्ठा
6 .आत्मा से तृप्त लोग
7 .दान की महिमा
8 .दृष्टिकोण बदलना जरुरी
9 .*लहरों से डरना नहीं*
10 .बुढ़ापे को भी प्यार चाहिए
11 ."वाणी पर नियंत्रण"
12 .*!! एक हिरण !!*
13.अपनी क्षमता पहचानो
14.*मन की अमीरी*
15.*संस्कार*
16.*बचपन की यादें*
17.मोन की महिमा
18.माँ का कंबल
19.जिंदगी बहुत खूबसूरत है
20.मेरा ग़म कितना कम है*
21.अपने कर्म से मिलता हैं*
22.*भगवान से मिलन*
23. *मन और पानी*
24.*मूर्ख कौन?*
25.नास्तिक
26.*सुगंधित अगरबत्ती
27. *बदलाव ही जीवन हैं* !!
28. *कहानी*
29. कर्मो की दौलत ||*
30.कहानी
31.मालिक कौन
32. आत्म सुधार
33. सातवां घड़ा
34. कहानी
35. विश्वास
36.खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ
37. शत्रु को मित्र कैसे बनाएं?*
38 .चंदन*
39 .सहारे मत तलाश करें*
40. कहानी*
41. कहानी*
42.एक सोच...मेरी कलम से"*
43.विचारणीय कहानी*
44.सोते समय क्यो त्याग
45. ईश्वर को धन्यवाद*
46.दृष्टिकोण बदलना जरुरी_*
47.वास्तविक चरित्र*
48.रिश्तें बड़े अनमोल
49.संगत का प्रभाव
50.एक चुप सौ सुख*
51.बुजुर्गों को समय चाहिए*
52.माँ बेटे का प्यार*
53.पराजय*
54.चमकीले नीले पत्थर की कीमत
55.जिंदगी क्या हैं*
56.एक बोध कथा*
57.ज़िन्दगी की चिंता समाप्त
58.*सुन्दर प्रसंग*
59.*कर्मो की दौलत*
60. एक छोटी सी अच्छी आदत
61.मदद*
62.अतृप्त तृष्णा"*
63.चतुराई"*
64."पाप या पुण्य"
65.जाति औरत की?? (अवश्य पढ़िए)*
66. समय का सदुपयोग !!*
67.पाप/पुण्य और भगवान*
68.*शरण*
69.आलसियों का आश्रम"*
70.इन्द्र और तोते की कथा"*
71.*कहानी*
72.व्यर्थ का क्रोध !!*
73.*गुरु दक्षिणा*
74.*सबके दाता राम॥
75.पिता का प्यार
76 *फ़र्क तो पड़ता है*
77.कहानी*
78.*लोककहानी :अहं ढपोलशंखोSस्मि ?*
79.*पर्यावरण*
80.*प्रेरक_कथा...*
81.प्रेरक_कहानी*
82.पैसे नहीं रिश्ते कमाओ*
83.जीवन की सहजता खोने न दें*
84.बेटियाँ*
85.तडका*
86.धर्मं का रहस्य
87.मित्रता की परिभाषा*
88.परमात्मा को भूलो मत...*
89.कहानी*
90. मम्मी का कटोरदान*
91.जीवन दर्शन.... मृत्यु से अमरत्व की ओर
92.*एक राजा को राज करते
93. *कड़वा वचन*
94.चिन्तन*
95.एक *साधू* किसी नदी के
96.*एकता*
97.चमकीले नीले पत्थर की कीमत !!*
98.स्त्रियो का अंतर सौंदर्य*
99.प्रभू की दुकान .
100. प्रेम और वसंत !!*
101. *"देने वाला कौन ?"*
102.ऑफिस से निकल कर
103.*!! दो शब्द !!*
104.पाप का भागी कौन—पाप किसने किया*
105.यदि ना पचे तो करें उपाय*
106." घडी का संदेश "
107. एक रुपये का सिक्का*
108.पिता का प्यार*
109.फ़र्क तो पड़ता है*
110.आपसी मतभेद से विनाश...
111.*पिता तो पिता है*
112. *दादा है दमदार!*
113. आत्मिक सुख
114.कहानी
75.स्वाध्या जैन ग्रंथ
0.आगम स्वाध्याय भाग
1.राजगृही तीर्थ का महत्त्व
2. रोशन हुई कुण्डलपुर की धरा
3. महावीर की पहचान कुण्डलपुर से करें न कि वैशाली से
4. भगवान महावीर निर्वाणभूमि-पावापुरी जल मंदिर
5. श्री महावीर भगवान की महिमा
6. ‘कुण्डलपुर के महावीरा ! शतश: वंदन’
7. ‘भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर रत्नगर्भा एवं चमत्कारिक भूमि है’’
8. महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर : एक वास्तविकता
9. वीर जन्मभूमि-एक चिंतन
10.श्रद्धा के धरातल पर बना भव्य कुण्डलपुर
11 . दिगम्बर जैन आम्नाय में मंत्र व्यवस्था
12. श्रुत पंचमी
13. श्रुत देवी
14.तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (सिद्धान्तसार दीपक से)
15. तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (हरिवंशपुराण से)
16. तीर्थंकर
17. सुभौम चक्रवर्ती
18. २४ तीर्थंकर की आयु और ऊॅंचाई
19. तीर्थंकरों में समानता असमानता
20. प्रतिमा का स्वरुप
21. श्री गिरनार जी तीर्थक्षेत्र का परिचय’
22. नव रात्रा
23. .अकलंक निकलंक देव द्वारा जैन धर्म की प्रभावना
24. असमाधि के 20 कारण
25. आगम स्वाध्याय भाग -१४३
26. आगम स्वाध्याय भाग -144
27. अनंतानुबंधी
28 .सुगंध-दशमी/धूप-दशमी
29. मेरू पर्वत : वन और गतिशील ज्योतिष – चक्र
30. चक्रवर्ती की नवनिधियाँ
31. महावीर जयंती सुभ कामना
32. कर्मबन्ध की पध्दति: प्रकृतिबन्ध, स्थितिबन्ध अनुभावबन्ध, प्रदेशबन्ध
33. साधु (मुनि)के 28 मूल गुण
34. अठारह पापस्थान
35. श्रुत पंचमी क्यों मनाते हैं?
36.यलोक – अलोक
37. पंचकल्याणक
38. . ग्रंथ सूत्र
39.गुरु क्या है*
40. कालचक्र (बारह आरा)
41. देवों के एक सौ अट्ठानवे भेद
42..तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव और लाभ :- ●
43. उत्तम क्षमा धर्म
44. "उत्तम मार्दव धर्म"*
45. उत्तम शौच
46. उत्तम संयम धर्म
47.उत्तम सत्य धर्म
48.उत्तम तप धर्म
49.उत्तम त्याग धर्म
50.उत्तम सत्य धर्म .
51.उत्तम सत्य धर्म
52. प्रवचन - 1
53. सोलह कारण भावना
अंतराय कर्म*
नो निधियां
जैन ग्रंथ भंडार
0.स्वाध्याय विधि
1. न्याय निधि ग्रंथ
2.आराधना सार ग्रंथ
3.बरसाणुपेखाय ग्रंथ
4.भरतेश वैभव ग्रंथ
5.चर्चासागर ग्रंथ
6.गोम्टेस गाथा
7.श्री चौबीसी पुराण
8.धर्म परीक्षा ग्रंथ
9. गोम्मटसार जीव कांड1,2
10.गोम्मटसार कर्म कांड1,2
11।Paum_Chariyam,_Part-2_Acharya_Vi
12. Ang-Pannatti
13. Devagarh_Ki_Jain_Kala;_Ek_Sans
14.रत्नाक्रंद श्रावकाचार
15.जिनदत्त चरित्र
16.श्रेणिक चरित्र
17.चौदह गुणस्थान
18. Jayoday_Mahakavya
19. Dvisandhanam_Dhananjay
Bhadra Bahu Purana
32 . छहढाला ढाल
छहढाला प्रथम ढाल
छहढाला 2 ढाल
छहढाला 3 ढाल
छहढाला 4 ढाल
छहढाला 5 ढाल
छहढाला 6 ढाल
5
33 . गोम्मटसार-कर्मकाण्ड
granth} गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-2
29. गोम्मटसार जीवकाण्ड
गोम्मटसार जीवकाण्ड-१
गोम्मटसार जीवकाण्ड-2
गोम्मटसार जीवकाण्ड-3
गोम्मटसार जीवकाण्ड-4
गोम्मटसार जीवकाण्ड-5
गोम्मटसार जीवकाण्ड-6
गोम्मटसार जीवकाण्ड-7
34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-१
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-2
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-3
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-4
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-5
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-6
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-7
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-8
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-9
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-10
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-11
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-13
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-14
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-15
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-16
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-17
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-18
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-19
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-20
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-21
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-22
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-23
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-24
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-25
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-26
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-27
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-28
35.षट्खण्डागम पुस्तक-
गृहचैत्यालय के आगमप्रमाण
हरिषेण चक्रवर्ती
व्यवहारनय-निश्र्चयनय
सप्तव्यसन सात नरक के द्वार हैं ।
C 34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
1 } दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
2 } ॐ
3 } मंत्र पोस्टर
4} सरस्वती .108 नाम
5} सरस्वती देवी के 108 मंत्र
प्रश्नों के उत्तर
1.प्रश्नों के उत्तर क शब्द से
2.प्रश्नों के उत्तर द शव्द
3.प्रश्नों के उत्तर व शव्द
4.प्रश्नों के उत्तर *त*
5.प्रश्नों के उत्तर प शब्द से
6.प्रश्नों के उत्तर अ शब्द से
7. .प्रश्न उत्तर
8.प्रश्न उत्तर
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भगवन
10.श्री सुपार्श्वनाथ भगवन
11.तत्वार्थ सूत्र
*प्रथम ढाल*
प्रश्नोत्तर
द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तरी
तीनलोक प्रश्नोत्तर-१
भवनवासी देव प्रश्न उत्तर
.द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
1.जीव द्रव्य के नव अधिकार
2.जीवत्व का लक्षण
3.उपयोग का वर्णन
4.ज्ञानोपयोग के भेद
5.उभयनय से उपयोग का लक्षण
6.जीव अमूर्तिक है
7.जीव कर्ता है
8.अस्तिकाय का स्वरूप और नाम की सार्थकता
9.जीव भोक्ता हे
10.जीव स्वदेह बराबर है
11.जीव संसारी है
13.उभयनय से संसारी जीव का स्वरूप
14.सिद्ध और ऊध्र्वगमन का स्वरूप
15.अजीव द्रव्य और उनमें मूर्तिक-अमूर्तिक द्रव्य
16.पुद्गल द्रव्य की विभाव व्यंजन पर्यायें'
17.धर्म द्रव्य का स्वरूप
18.अधर्म द्रव्य का स्वरूप
20.लोकाकाश-अलोकाकाश का स्वरूप
21.कालद्रव्य का स्वरूप
22.काल द्रव्य की संख्या
23.द्रव्यों की प्रदेश संख्या
24 .द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
105. तत्वार्थ सूत्र प्रश्न उत्तर
परिचय
1.श्री ऋषभदेव भ.का परिचय
2.अजितनाथ भ.का परिचय
3. संभवनाथ भ.का परिचय
4.अभिनन्दन भ. का परिचय
5. श्री सुमतिनाथ भ.का परिचय
6.श्री पद्मप्रभु भ.. का परिचय
7.श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का परिचय
8.श्री चन्द्रप्रभु भ. का परिचय
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भ.का परिचय
10.श्री शीतलनाथ भ. परिचय
11. श्री श्रेयांसनाथ भ. का परिचय
12.श्री वासुपूज्य भ.का परिचय
13.श्री विमलनाथ भगवान का परिचय
14.श्री अनन्तनाथ भ. का परिचय
15.श्री धर्मनाथ भ.का परिचय
16. श्री शान्तिनाथ भगवान का परिचय
17. श्री कुन्थुनाथ भगवान का परिचय
18.श्री अरहनाथ भगवान का परिचय
19.श्री मल्लिनाथ भगवान का परिचय
20. श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान का परिचय
21. श्री नमिनाथ भगवान का परिचय
22.श्री नेमिनाथ भगवान का परिचय
23. श्री पार्श्वनाथ भगवान का परिचय
24.श्री महावीर भगवान का परिचय
25. 24 तीर्थंकर
26. परिचय शान्तिसागर जी महाराज (दक्षिण)
27. परिचय वीरसागर जी आचार्य
28. श्री विराग सागर जी का परिचाय
29.गुरु माँ विज्ञा श्री माता जी का परिचाय
30.गुरु माँ ज्ञेयश्री माता जी का परिचाय
कविता
1. कविता तीर्थंकर ज्ञान
2.कविता नाम
3.कविता *पंच परमेष्ठि
4.कविता *चिन्ह
5.कविता *रंग
6.कविता MAA
7.कविता *मोक्ष स्थान
8. maa
9. बड़े बाबा की याद में
guru
कथा जैन
1.मुकुट सप्तमी/मोक्ष सप्तमी पर्व कथा
2.अंजन चोर की कथा
3.रक्षा बंधन पर्व कथा
4.रक्षा बंधन पर्व कथा 2
5.रक्षाबंधन कहानी
6.श्रुत पंचमी पर्व कथा
7. सती चंदनबाला कथा
8.सत्यघोष बना असत्यवादी
9.अक्षय तृतीया)
10.णमोकार मंत्र के जाप से शूली बना सिंहासन
11.राजा श्रेणिक
12. श्री चन्दनषष्ठी व्रत कथा
13.रोहिणी व्रत विधि एवं कथा
14. रविव्रत विधि एवं कथा
15.सेठ सुदर्शन की कथा ( ब्रम्हचर्य व्रत पालन की कथा )
16.श्रीभूति पुरोहित की कथा ( चोरी पाप का फल )
17.भगवान पार्श्वनाथ कथा
वस्तु टिप्स
दिसा
वास्तु टिप्स - 01
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नाटक
1. नाटक महल का पर्दा
ज्ञेय चित्रकूट प्रतियोगिता
प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न 105 ज्ञेयश्री माताजी
1. माताजी फोटो
2. माताजी का परिचय
3. ज्ञेयश्री माताजी की दीक्षा फोटो
4. ज्ञेयश्री माताजी की पूजा
5. ज्ञेयश्री माताजी की आरती
6. माताजी का माला
7. माताजी के व्रत
8. ज्ञेयश्री माताजी के केशलोंच की झल्किया ||
9 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी का चालीसा
10 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के भजन
12.प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के चातुर्मास स्थान
औसधि
औसधि
2
3.इलायची
दिगंबर जैन तीर्थ निर्देशिका
दिगम्बर जैन तीर्थ निर्देशिका-2
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ज्ञेय चंद्रमणि जिनवाणी
अनुक्रमणिका
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1. माताजी की फोटो
2. भक्तम्बर अनूष्टन के फोटो
3' करंजा चातुर्मास फोटो
4. चौरई मंदिर का सिलनायस
5. तमिलनाडु चातुर्मास की फोटो
6. मुंबई चातुर्मास की फोटो
1.Contact
2. Contact Us
1. आहार चर्या - माँ ज्ञेयश्री माताजी
2. कार्यक्रम - माँ ज्ञेयश्री माताजी-
पाठ
4. भजन सुने
1. प्रवचन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
2. भजन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
3. भक्ति प्राकृतi.mp3
4. प्रवचन -kajal didi /पूजा दीदी-mp3
5.कुछ खास
6.ध्वजारोहण विधि
7.चातुर्मास विधि
8.पूजा अन्त्य विधि
9.शवदाह विधि
10.हवन विधि
11.अंकुरारोपण विधि
12.भूमि-परीक्षा विधि
13.घटयात्रा विधि
14.रथ चालन विधि
15.जाप्यानुष्ठान प्रारंभ विधि
16.मंडप प्रतिष्ठा विधान
17.अखंडदीप प्रज्वालन का संकल्प मंत्र
18.व्रत ग्रहण करने का संकल्प
19.शिलान्यास विधि
20.भूमिशोधन मंडप शुद्धि
21.मंदिर एवं वेदी शुद्धि हेतु घटयात्रा और शुद्धि विधान विधि
22.मंगलाष्टक अर्थ
23.अभिषेक पाठ-माघनंदि मुनि कृत
24 अभिषेक विधि
25.श्री ज्येष्ठ जिनवर-जयमाला
26.श्री ज्येष्ठ जिनवर अभिषेक
27.जलभिषेक प्रक्षाल पाठ
28.सकली करण विधि हिन्दी
29. पंचामृत अभिषेक पाठ हिन्दी
30. सरस्वती अभिषेक
31. महा शांतिधारा
32 . लघुशांतिधारा
33 . 64 ऋद्धि शांतिधारा
34. श्री पद्मावती जी अभिषेक
35.श्रुत स्तवन/पंचामृताभिषेक
36. पंचामृत अभिषेक
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37.विनय पाठ अर्थ
38.पूजा प्रारम्भ
39. अर्घावली
40.शान्ति पाठ संस्कृत
41.पूजा सभी
8.पूजन
00. देव-शास्त्र-गुरु(प्रथम देव अरहंत)
1.देव-शास्त्र-गुरु पूजा (कविश्री युगलजी)
2. समुच्चय पूजा / SAMUCCHAY POOJA
3.नवदेवता पूजा
4.श्री नित्यमह पूजा
5.देव शास्त्र-गुरु (कविवर द्यानतरायजी)
6. देव-शास्त्र-गुरु-विद्यमान बीस तीर्थंकर सिद्ध परमेष्ठी पूजा
7..समुच्चय चौबीसी पूजा
8.बीस तीर्थंकर पूजा
9.बीस तीर्थंकर पूजा
10.सिद्ध पूजा भाषा (यंत्र स्थापनं)
11..समुच्चय पूजा सर्वग्रहा
12.सोलहकारण पूजा
13..पंचमेरू पूजा
14.नन्दीश्वर द्वीप (अष्टाहिृका) पूजा
15.दश लक्षण धर्म पूजा
16.रत्नत्रय पूजा
17.रत्नत्रय पूजा
18.रक्षाबन्धन पूजा (श्री विष्णुकुमार पूजा)
19. श्री अकम्पनाचार्यादि पर्व पूजा सलूना
20.विष्णुकुमार महामुनि पूजा
21..रत्नत्रय पूजा क्षमावणी पर्व
22.श्री पंच परमेष्ठी पूजन
23 .अकृत्रिम चैत्यालय पूजा
24 सिद्ध पूजा
25.सिद्ध परमेष्ठी पूजा
26 पंच बालयति तीर्थंकर पूजा
27 .श्री बाहुबली स्वामी पूजा
28 .श्री बाहुबली पूजा
29 .गौतम गणधर पूजा
30.निर्वाण क्षेत्र पूजा
31.सप्तर्षि पूजा
32.सरस्वती पूजा
33.श्री ऋषिमण्डल यंत्र पूजा
34..श्रुतस्कंध पूजा
35.जिनवाणी पूजा
36 नवग्रह अरिष्टनिवारक विधान
37.आदिनाथ भरत-बाहुबली पूजा
38.कलिकुण्ड पार्श्वनाथ चनरं
39.चांदनगांव महावीर स्वामी पूजा
40. निर्वाया काण्ड (भाषा)
41.ह्रीं प्रतिमा की पूजा
42.भगवान सुदर्शन जिनपूजा
43.सप्तपरमस्थान पूजा
44.क्षेत्र पैठण श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा अतिशय
45.श्री तिजारा क्षेत्र स्थित चन्द्रप्रभ पूजा
46.पंचकल्याणक समूह पूजा
47.रविव्रत पूजा
48 .श्री भक्तामर पूजा
49.मुकुट सप्तमी व्रत पूजा
50. श्री अनंतव्रत(दश लक्ष्ण पर्व) पूजा
51. श्री ज्येष्ठ जिनवर पूजा
52.श्री आदिनाथ जिनपूजा
53. श्री अजितनाथ जिनपूजा
54.श्री संभवनाथ जिनपूजा
55. श्री अभिन्दननाथ जिनपूजा
56.श्री सुमतिनाथ जिनपूजा
57. पद्मप्रभु जिनपूजा
58. { वाडा के }श्री पद्मप्रभ जिन पूजा
59. श्री सुपाश्र्वनाथ जिनपूजा
60. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
61. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
62. श्री पुष्पदन्त जिनपूजा
63. श्री शीतलनाथ जिनपूजा
64 .श्री शीतलनाथ जिनपूजा
65. श्री श्रेयांसनाथ जिनपूजा
66. श्री वासुपूज्य जिनपूजा
67. श्री विमलनाथ जिनपूजा
68. श्री विमलनाथ जिनपूजा
69. श्री अनन्तनाथ जिनपूजा
70.श्रीधर्मनाथ जिनपूजा
71. श्री शांतिनाथ जिनपूजा
72. श्री कुन्थुनाथ जिनपूजा
73. श्री अरहनाथ जिनपूजा
74. श्री मल्लिनाथ जिनपूजा
75. श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा
76. श्री नमिनाथ जिनपूजा
77. श्री नेमिनाथ जिनपूजा
78.श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा
79. श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ पूजन
80. श्री अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ पूजन
81. श्री पाश्र्वनाथ पूजा
82. श्री महावीर जिनपूजा
83. श्री आदिनाथ, भरत, बाहुबली पूजा
84.दशलक्षण पूजा
85.श्री विनायकयंत्र पूजा
86. क्षेत्रपाल पूजा
87.श्री सम्मेदशिखर पूजन
88.श्री हस्तिनापुर तीर्थ पूजा
89. कौशाम्बी तीर्थ पूजा
90. श्री अयोध्या तीर्थक्षेत्र पूजा
91. सुदर्शन मेरु पूजा
92 . तत्त्वार्थ सूत्र पूजा
93. चौंसठ ऋद्धि पूजा
94 .चौषठ ऋद्धि समुच्चय पूजा
95. षट्खण्डागम पूजा
96. श्री शांति-कुंथु-अर तीर्थंकर पूजा
97. भरतेश पूजा
98..जम्बूद्वीप पूजा
99. सिद्धपदप्राप्त सुदर्शन महामुनिराज की पूजा
100. जिनगुण सम्पत्ति समुच्चय-पूजन
101 . णमोकार महामन्त्र पूजा
102. श्री ऋषिमण्डल पूजा भाषा
103. साधु परमेष्ठी पूजा(अट्ठाईस मूलगुण पूजा)
104. गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महाराज की पूजन
105. श्री शांतिसागर जी महाराज की पूजन
106. आचार्य श्री शांतिसागर जीमहाराज की पूजा
107. आ.108 विशदसागर महाराज पूजा
108. समवसरण पूजा
109. गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी की पूजन
110.गणिनी आर्यिका १०५ विज्ञाश्री माताजी की पूजन
111. "आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
112. केवलज्ञान महालक्ष्मी पूजा
113. वीर निर्वाण संवत्सर पूजा
114. तेरहद्वीप जिनालय पूजा
115. पद्मावती पूजा
116.दीपावली पूजन विधि
117.रोहिणी व्रत पूजा (वासुपूज्य जिनपूजा)
118. रोट तीज व्रत puja
119. श्री कर्मदहन व्रत पूजा
120. अनंत व्रत पूजा-
121 . चारित्र शुध्दि १२३४,पूजन व्रत
122. चंदनषष्ठी व्रत पूजा
123.आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
पूजा मुख विधि (संस्कृत)
पूजा मुख विधि (हिन्दी)
42.आंनद यात्रा
43.श्रावक - प्रतिक्रमण संस्कृत
44.मुनि प्रतिक्रमण संस्कृत
45.प्रतिक्रमण हिन्दी
46.आचार्य वंदना
47. सिद्धि भक्ति संस्कृत
48.श्रुत भक्ति संस्कृत
49.चरित्र भक्ति संस्कृत
50.पञ्च महागुरु संस्कृत-ब
51.शांति भक्ति संस्कृत
52..समाधी भक्ति संस्कृत
53. निर्वाण भक्ति संस्कृत
54.नन्दीश्वर भक्ति संस्कृत
55. इर्यापथ प्रतिक्रमण भक्ति संस्कृत
56.चैत्य भक्ति संस्कृत
57.पञ्च महागुरु प्राकृत -अ
58.आचार्य भक्ति हिंदि (ज्ञानोदय छन्द
59. सिद्ध भक्ति हिंदी
60. चैत्य भक्ति हिंदी
61. निर्वाण भक्ति हिन्दी
62.पञ्च महागुरु भक्ति हिंदी
63 . योगी भक्ति हिन्दी
64.नन्दीश्वर भक्ति हिन्दी
65.भक्तांबर महिमा
66.भक्तम्बर दीप आर्चना
67. जिन सहस्त्रनाम मंत्र
68.भक्तामर हीलिंग नम्बर
69.गुरु आर्चना बुक
70.धार्मिक पहेली
71.सूतक - पातक
72. णमोकार मंत्र
1.णमोकार मंत्र
2.णमो अरिहंताणं
3.णमो सिद्धाणं
4.णमो आयरियाणं
5.णमो उवज्झायाणं
6.णमो लोए सव्वसाहूणं
7.णमोकार महामंत्र की महिमा
8.णमोकार मंत्र कथाएं
9.महामंत्र णमोकार मंत्र
10.णमोकार व्रत विधि
11.णमोकार मंत्र और महामारी
12.जाप करने की तीन विधि
13.णमोकार मंत्र और प्रथमानुयोग
14.णमोकार मंत्र और राशिचक्र
15.णमोकार मन्त्र और रंग चिकित्सा
16.णमोकारमन्त्र और अन्य व्रत
17.णमोकार मन्त्र में पद संख्या
18.णमोकार मन्त्र जैन मन्त्र नहीं, जन मन्त्र है
19.णमोकार मन्त्र और स्वाध्याय
20.णमोकार मन्त्र और ध्वनि विज्ञान
21.णमोकार मन्त्र और वार चक्र
22.णमोकार मन्त्र और अवस्था विशेष
23.णमोकार मन्त्र और मुद्रायें
24.णमोकार मन्त्र और सामायिक
25.णमोकार मन्त्र और आराधना
26.णमोकार मन्त्र और बीजाक्षर
27.णमोकार मन्त्र की उपयोगिता
28.णमोकार मन्त्र के पाठ भेद
29.णमोकार मन्त्र और नौ पदार्थ
30.णमोकार मन्त्र द्वारा आराधित परमेष्ठी
31.यह महामन्त्र क्यों ?
32.णमोकार मन्त्र और श्रुतज्ञान के अक्षर
33.णमोकार मंत्र विषयक व्रत
34.णमोकार मन्त्र और कषाय विजय
35.णमोकार मन्त्र और चरणानु योग
36.णमोकार मन्त्र और तिथि चक्र
37.णमोकार मन्त्र और रस शास्त्र
38.णमोकार मंत्र में वचन प्रयोग
39.णमोकार मन्त्र की मात्रायें
40.णमोकार मन्त्र की रचना
41.नमोकार मंत्र जपने की विधि
42 *णमोकार प्राणायाम*
43.णमोकार मंत्र की साधकता
44. णमोकार स्तुति
45. महामंत्र का माहात्म्य
46.णमोकार मंत्र का माहात्म्य
73 देव दर्शन विधि पाठ शाला
74.तिथंकर पाठ शाला
75. क्रोध पाठ शाला
76.तिथंकर भगवान पाठ शाला
77.पाप पाठ शाला
78.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - क्षु. श्री ध्यानसागरजी महाराज
79.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - फूलचन्दजी
80.भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - शर्मनलाल
81. भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - मुनि श्री विमर्शसागरजी महाराज
82. भक्तामर स्त्रोत : हिन्दी - रवीन्द्र
83. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - हेमचन्द
84. भक्तामर महिमा
85. अध्याशतक स्तोत्र
86.भक्तामर स्तोत्र भाषा
87.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी पद्यानुवाद
88. भक्तमर स्तोत्र
89. सरस्वती स्तोत्रम्
90. विषापहार स्तोत्र - संस्कृत
91.स्वयंभू स्तोत्र भाषा
92. विषापहार स्तोत्र भाषा
93.श्री वीतराग स्तोत्र
94.श्रीपार्श्वनाथस्तोत्र*
95.द्रष्टयशतक स्तोत्र
96.एकीभाव स्तोत्र : हिन्दी - भूधरदास जी
97.एकीभाव स्तोत्र : संस्कृत
98.श्री गणधर वलय स्तोत्र
99. श्रीमज्जिनसहस्रनाम-स्तोत्र
100 . कल्याण मंदिर स्तोत्र : हिन्दी - बनारसीदास
101.कल्याण मन्दिर स्तोत्र
102.नवग्रह स्तोत्र : हिन्दी - आर्यिका चंदनामती
103.नवग्रह स्तोत्र : संस्कृत - आचार्य भद्रबाहु स्वामी
104. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - आशु
105. तत्वार्थ सूत्र
106.तत्त्वार्थ स्तोत्र अर्थ
107.महावीराष्टक स्तोत्र अर्थ
108.महावीराष्टक स्तोत्र
109. श्री सुप्रभात स्तोत्र*
110. श्री तीर्थ वन्दना
111. सम्मेद शिखर वंदना
112. महावीर वंदना
113. दुखहरण विनती
114. सोलह कारण विनति
115. संकट मोचन विनती
116. दर्शन पाठ (संस्कृत)
117. दर्शनपाठः (पं. बुधजनजी कृत)
118. दर्शन पाठ (पं. दौलतरामजी कृत)
119. दर्शन पाठ (संस्कृत)
120. सासायिक पाठ
121. समाधिमरण भाषा
122. समाधि-भक्ति पाठ
123. समाधी मरण बड़ा पाठ
124. आचार्य बन्दना
125. समाधी मरण बड़ा पाठ
126. समाधी मरण पथ पाठ
127. मृत्यु महोत्सव पाठ
128. कल्याण लोचना पाठ
129.आलोचना पाठ
130. आराधना पाठ
131. आत्म कीर्तन पाठ
132 .बृहत् प्रतिक्रमण पाठ
133. लघु प्रतिक्रमण पाठ
134.मिच्छामिदुक पाठ
135.अमूल्य तत्व विचार पाठ
136.लघु हिंदी प्रतिक्रमण पाठ
137. लघु प्रतिक्रमण पाठ
138. चौबीस तीर्थंकर वंदन
139 . वन्दना जकडी !
140. ऋषभनाथ वंदन
141. नीर गंथ की वंदना
142. ढाल
143. द्रव संग्रह
144..इष्ठोपदेश
145.समाधी तंत्र
146. पाठ
147.बारहमासा
148.श्री आद्यष्टक स्तोत्र*
149अमूल्य तत्त्व विचार*
150. भ. धर्मनाथ स्तुति
151.भ. मुनिसुव्रतनाथ स्तुति
152.. दर्शन स्तुति(प्रभु पतित.)
153.गुरु स्तुति (ते गुरु मेरे उर बसो)
154.दर्शन स्तुति पुण्य उदय मम आया
155.दर्शन-स्तुतिजय वीतराग विज्ञान पुर
156. दर्शन पथ तुम निरखत मुझको मिली
157. देव स्तुति-अहोजगत
158. बाहुबली स्तुति
159गोम्मटेश अष्टक स्तुति
160. गोम्मटेश स्तुति
161. जिन चतुर्विंशिका
162.जिनवाणी स्तुति
163.जिनवाणी स्तुति
164. जिनवाणी स्तुति
165. जिनवाणी स्तुति
166. म्हारी माँ जिनवानी
167.जिनवर जिनवानी
168. इष्ट प्रार्थना स्तुति
169. इष्ट प्रार्थना स्तुति
170. बाईस परीषह स्तुति
171. दोहा थुदि
172. तिथंकर स्तुति
173.चौबीस तीर्थंकर स्तुति
174.माँ जिनवाणी ममता न्यारी
175.जय जिनवाणी
176. सिद्ध चक्र स्तुति
177. दर्शन स्तुति-सकल ज्ञेय ज्ञायक तदपि
178.देव स्तुति अहो जगत
179. पं.भूधरदास कृत दर्शन स्तुति
180.मंगल भावना
181. बारह भावना
182.समाधि भावना
183.बारह भावना (कविवरभूधरदास कृत)
184.मेरी भावना
185.दर्शन भावना - पुनः दर्शन मिले स्वामी
186. मंगल-भावना
187. वैराग्य भावना
188.इष्ट भावना
189. बारह भावना
190. meri bhavana
191.समाधि-भक्ति
192.इष्ट प्रार्थना*
193.बारह भावना* राजा राणा
194.चालीसा
195.।श्री आदिनाथ चालीसा।। Shri Adinath Chalisa
196.।।श्री अजितनाथ चालीसा ।।Shri Ajitnath Chalisa
197.।।श्री सम्भवनाथ चालीसा ।।Sh Sambhavnath Chalisa
198..।।श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा।।Shri Abhinandan Nath Chalisa
199.भ. पाश्वर्नाथ स्तुति
200.।।श्री सुमतिनाथ चालीसा ।।Shri Sumatinath Chalisa
201.।।श्री पद्मप्रभुजी चालीसा।। Shri Padamprabhu Chalisa
202.।।श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा ।।Shri Suparshvanath Chalisa
203.।।श्री चन्द्रप्रभु चालीसा।।Shri Chandraprabhu Chalisa
204. ।।श्री पुष्पदन्त चालीसा।।Shri Pushpdant Chalisa
205. ।।श्री शीतलनाथ चालीसा।। Shri Sheetalnath Chalisa
206 .।।श्री श्रेयान्सनाथ चालीसा।। Shri Shreyansnath Chalisa
207.।।श्री वासुपूज्य चालीसा।। Shri Vasupujya Chalisa
208. ।।श्री विमलनाथ चालीसा।। Shri Vimalnath Chalisa
209.।।श्री अनन्तनाथ चलीसा।। Shri Anantnath Chalisa
210.।। श्री धर्मनाथ चालीसा ।।
211.।।श्री शान्तिनाथ चालीसा।।
212.।।श्री कुन्थनाथ चालीसा।। Shri Kunthunath Chalisa
213.।।श्री अरहनाथ चालीसा।। Shri Arahnath Chalisa
214.।।श्री मल्लिनाथ चालीसा।। Shri Mallinath Chalisa
215.।।श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा।। Shri Munisuvrath Chalisa
216.।।श्री नमिनाथ चालीसा।। Shri Naminath Chalisa
217.श्री नेमिनाथ- चालीसा
218.।। श्री पार्श्वनाथ चालीसा ।।
219.श्री महावीर चालीसा
.220. चौविसी चालीसा
221. श्री णमोकार चालीसा
222. अध्यात्म चालीसा
223. ज्ञान चालीसा
224. विराग सागर चालीसा
225. गुरु विद्यासागर चालीसा
226.आचार्य श्री शान्तिसागर जी चालीसा
227. सरस्वती चालीसा
228. आचार्य शान्ति सागर
229. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
230 .आदिनाथ जी जिनवाणी आरती
231. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
232.अजितनाथ जी भगवान की आरती
233 . संभवनाथ जी भगवान की आरती
234. शीतलनाथ भगवान की आरती
235. सुमतिनाथ जी भगवान की आरती
236 .पद्म प्रभुजी भगवान की आरती
237.भगवान की आरती
238.चन्द्रप्रभु जिनवाणी आरती
239..पुष्पदंत भगवान की आरती
240. श्रेयांसनाथ भगवान की आरती
241. वासुपूज्य भगवान की आरती
242. विमलनाथ भगवान की आरती
243.अंनतनाथ भगवान की आरती
244.भगवान की आरती
245. शांतिनाथ आरती
२४६ . कुंथुनाथ भगवान की आरती
247.भगवान की आरती
248.मल्लिनाथ भगवान की आरती
249 . मुनिसुर्वतनाथ आरती
250.भ. मुनिसुव्रतनाथ की आरती
251.नेमिनाथ भगवान की आरती
252..भगवान की आरती
253 . पारस नाथ आरती
254.पारस प्रभु थारी आरती
255.AARTI SHRI MAHAVEER PRABHU
256. आरती श्री वर्द्धमान स्वामी
257. बाहुबली आरती
258. सरस्वती माता आरती
259.श्री जिनराज आरती
260. नंदीश्वर आरती
261.शिखरजी आरती
262.बाजे छम छम आरती
263. बाहुबली आरती
264. चौबीसी आरती
265. पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti
266. पद्मावती माता की आरती
267. चौबीस तीर्थकरकी आरती
268.पंचपरमेष्ठिकी आरती
269.24 तीर्थंकर आरती
270.श्री जिन वाणी माता की आरती
271.108 विरागसागरजी महाराज की आरती<
272. मां ज्ञेयश्री माताजी
273.पदमावती आरती
274.Mhalakshmi
275.श्री सिद्धचक्र आरती
276.आदिनाथ जी की आरती
277. श्री पद्मावती जी अभिषेक
278. पद्मावती माता की पूजा
279. पद्मावती विधान
300. पद्मावती सहस्रनाम
301.पद्मावती माता का स्त्रोत
302. पद्मावती माता स्त्रोत
303. पद्मावती माता की आरती
304. पद्मावती माता चालीसा
305.माँ पद्मावती चालीसा
306. पद्मावती माता की आरती
307.पद्मावती माता की आरती
308 .पद्मावती माता की आरती
309 .यक्ष - यक्षिणी की आरती
310. पद्मावती माता की आरती
311. श्री आदिनाथ विधान
312. श्री बड़े बाबा विधान
313.श्री पद्मप्रभु जिन पूजन (विधान)
314.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
315. श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
316.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान (लघु)
317.शीतलनाथ पूजा विधान
318. श्री वासुपूज्य पूजा विधान
319.श्री नेमिनाथ विधान (लघु,)
320.श्री पार्श्वनाथ विधान
321.श्री रत्नत्रय पूजा विधान ||
322. शान्ति नाथ विधान
323. कल्याण मंदिर विधान
324. पंचमेरू विधान
325.लघु शांति विधान
326. जिनगुण सम्पत्ति विधान
327.कल्याण मंदिर विधान -2
328.कल्याण मंदिर विधान
329.श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान
330.महावीर विधान
331. श्री अजितनाथ विधान
332. श्री अनन्तनाथ विधान
333. श्री अभिनंदन विधान
334. अकृत्रिम वृक्ष जिनालय विधान
335. .सरस्वती विधान
. व्रत विधि
1. निर्दोष सप्तमी व्रत का स्वरूप एवं विधि
2.सोलहकारण व्रत
3. सुखचिन्तामणि व्रत का स्वरूप
4. सुगंधदशमी व्रत
5. सिंह निष्क्रीडित व्रत
6.सर्वार्थसिद्धि व्रत
7.सर्वसंपत् व्रत(पुत्र संपत व्रत)
8. सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि
9.सम्यक्त्व पचीसी व्रत
10. सम्मेदशिखर व्रत विधि
11.समवसरण व्रत विधि(वृहत् समवसरण व्रत १७० हैं)
12. समवसरण व्रत(लघु)
13. सप्तर्षि व्रत(मृत्युंजय व्रत)
14. सप्तपरमस्थान व्रत विधि
15. षट्खण्डागम व्रत विधि
16. श्रुतस्कंध व्रत
17. श्रुतज्ञान व्रत
18. श्री संपत्-शुक्रवार व्रत विधि एवं कथा(पद्मावती व्रत)
19.मौन एकादशी व्रत
20. श्री त्रिलोक तीज व्रत
21. श्री जिनसहस्रनाम व्रत विधि(लघु)
22. श्री आकाशपंचमी व्रत
23. श्रावक त्रेपनक्रिया व्रत विधि
24. श्रवण द्वादशी व्रत
25. शारदा व्रत
26. शांतिनाथ व्रत(शांति भक्ति व्रत)
27. वृहत्पल्य व्रत विधि
28. वीरशासन जयंती व्रत
29. विषापहार व्रत विधि
30. लोकमंगल व्रत
31. लब्धि विधान व्रत की विधि
32. रत्नावली व्रत
33. रत्नत्रय व्रत विधि
34. रक्षाबंधन व्रत
35. पुष्पाञ्जलि व्रत विधि
36. पुरन्दर व्रत
37. भक्तामर व्रत विधि
38. पुण्यास्रव व्रत विधि
39. मंगल त्रयोदशी (धनतेरस) व्रत एवं कथा
40. मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र
41. महातीर्थ व्रत
42. मुक्तावली व्रत
43. मुकुटसप्तमी व्रत का स्वरूप
44. पंचपरमेष्ठी व्रत विधि
45. निर्वाण चतुर्दशी व्रत(शिवरात्रि व्रत)
46. नवलब्धि व्रत(नवकेवललब्धि व्रत)
47. मेरु पंक्ति व्रत विधि
48. लघु सुखसम्पत्ति व्रत
49. विद्यमान बीस तीर्थंकर व्रत विधि
50. श्रुतपंचमी व्रत(श्रुतावतार व्रत)
26.व्रत समापन विधि
भजन जैन
1.भजन -book
2.भजन जैन
3.भजन जैन
4.भजन जैन
भजन
1-20 भजन
21-40 भजन -2
41-60 भजन -3
61-80 भजन-4
81-100 भजन -5
101-120 भजन-6
121-140 भजन -7
141-160 भजन -8
161-180 भजन -9
181-200 भजन -10
201-220 भजन -11
221-240भजन -12
241-260 भजन -13
261-280 भजन-14
281-300 भजन -15
301-320 भजन -16
321-340 भजन -17
341-360 भजन -18
361-380 भजन -19
381-400 भजन -20
401-421 भजन -21
कोटेसन
1. प्रेरक वचन"
2. कोटेसन माँ
3.प्रेरणा कोटेशन
4. मोटिवेसन
5.कोटेसन
6.कोटेसन
7. चार लाइन
8
कहानी
1.सच्ची मित्रता
2.सोच बदलो, जिंदगी बदल जायेगी
3.अहंकार
4.सच्ची मित्रता
5.माँ के प्रेम की पराकाष्ठा
6 .आत्मा से तृप्त लोग
7 .दान की महिमा
8 .दृष्टिकोण बदलना जरुरी
9 .*लहरों से डरना नहीं*
10 .बुढ़ापे को भी प्यार चाहिए
11 ."वाणी पर नियंत्रण"
12 .*!! एक हिरण !!*
13.अपनी क्षमता पहचानो
14.*मन की अमीरी*
15.*संस्कार*
16.*बचपन की यादें*
17.मोन की महिमा
18.माँ का कंबल
19.जिंदगी बहुत खूबसूरत है
20.मेरा ग़म कितना कम है*
21.अपने कर्म से मिलता हैं*
22.*भगवान से मिलन*
23. *मन और पानी*
24.*मूर्ख कौन?*
25.नास्तिक
26.*सुगंधित अगरबत्ती
27. *बदलाव ही जीवन हैं* !!
28. *कहानी*
29. कर्मो की दौलत ||*
30.कहानी
31.मालिक कौन
32. आत्म सुधार
33. सातवां घड़ा
34. कहानी
35. विश्वास
36.खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ
37. शत्रु को मित्र कैसे बनाएं?*
38 .चंदन*
39 .सहारे मत तलाश करें*
40. कहानी*
41. कहानी*
42.एक सोच...मेरी कलम से"*
43.विचारणीय कहानी*
44.सोते समय क्यो त्याग
45. ईश्वर को धन्यवाद*
46.दृष्टिकोण बदलना जरुरी_*
47.वास्तविक चरित्र*
48.रिश्तें बड़े अनमोल
49.संगत का प्रभाव
50.एक चुप सौ सुख*
51.बुजुर्गों को समय चाहिए*
52.माँ बेटे का प्यार*
53.पराजय*
54.चमकीले नीले पत्थर की कीमत
55.जिंदगी क्या हैं*
56.एक बोध कथा*
57.ज़िन्दगी की चिंता समाप्त
58.*सुन्दर प्रसंग*
59.*कर्मो की दौलत*
60. एक छोटी सी अच्छी आदत
61.मदद*
62.अतृप्त तृष्णा"*
63.चतुराई"*
64."पाप या पुण्य"
65.जाति औरत की?? (अवश्य पढ़िए)*
66. समय का सदुपयोग !!*
67.पाप/पुण्य और भगवान*
68.*शरण*
69.आलसियों का आश्रम"*
70.इन्द्र और तोते की कथा"*
71.*कहानी*
72.व्यर्थ का क्रोध !!*
73.*गुरु दक्षिणा*
74.*सबके दाता राम॥
75.पिता का प्यार
76 *फ़र्क तो पड़ता है*
77.कहानी*
78.*लोककहानी :अहं ढपोलशंखोSस्मि ?*
79.*पर्यावरण*
80.*प्रेरक_कथा...*
81.प्रेरक_कहानी*
82.पैसे नहीं रिश्ते कमाओ*
83.जीवन की सहजता खोने न दें*
84.बेटियाँ*
85.तडका*
86.धर्मं का रहस्य
87.मित्रता की परिभाषा*
88.परमात्मा को भूलो मत...*
89.कहानी*
90. मम्मी का कटोरदान*
91.जीवन दर्शन.... मृत्यु से अमरत्व की ओर
92.*एक राजा को राज करते
93. *कड़वा वचन*
94.चिन्तन*
95.एक *साधू* किसी नदी के
96.*एकता*
97.चमकीले नीले पत्थर की कीमत !!*
98.स्त्रियो का अंतर सौंदर्य*
99.प्रभू की दुकान .
100. प्रेम और वसंत !!*
101. *"देने वाला कौन ?"*
102.ऑफिस से निकल कर
103.*!! दो शब्द !!*
104.पाप का भागी कौन—पाप किसने किया*
105.यदि ना पचे तो करें उपाय*
106." घडी का संदेश "
107. एक रुपये का सिक्का*
108.पिता का प्यार*
109.फ़र्क तो पड़ता है*
110.आपसी मतभेद से विनाश...
111.*पिता तो पिता है*
112. *दादा है दमदार!*
113. आत्मिक सुख
114.कहानी
75.स्वाध्या जैन ग्रंथ
0.आगम स्वाध्याय भाग
1.राजगृही तीर्थ का महत्त्व
2. रोशन हुई कुण्डलपुर की धरा
3. महावीर की पहचान कुण्डलपुर से करें न कि वैशाली से
4. भगवान महावीर निर्वाणभूमि-पावापुरी जल मंदिर
5. श्री महावीर भगवान की महिमा
6. ‘कुण्डलपुर के महावीरा ! शतश: वंदन’
7. ‘भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर रत्नगर्भा एवं चमत्कारिक भूमि है’’
8. महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर : एक वास्तविकता
9. वीर जन्मभूमि-एक चिंतन
10.श्रद्धा के धरातल पर बना भव्य कुण्डलपुर
11 . दिगम्बर जैन आम्नाय में मंत्र व्यवस्था
12. श्रुत पंचमी
13. श्रुत देवी
14.तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (सिद्धान्तसार दीपक से)
15. तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (हरिवंशपुराण से)
16. तीर्थंकर
17. सुभौम चक्रवर्ती
18. २४ तीर्थंकर की आयु और ऊॅंचाई
19. तीर्थंकरों में समानता असमानता
20. प्रतिमा का स्वरुप
21. श्री गिरनार जी तीर्थक्षेत्र का परिचय’
22. नव रात्रा
23. .अकलंक निकलंक देव द्वारा जैन धर्म की प्रभावना
24. असमाधि के 20 कारण
25. आगम स्वाध्याय भाग -१४३
26. आगम स्वाध्याय भाग -144
27. अनंतानुबंधी
28 .सुगंध-दशमी/धूप-दशमी
29. मेरू पर्वत : वन और गतिशील ज्योतिष – चक्र
30. चक्रवर्ती की नवनिधियाँ
31. महावीर जयंती सुभ कामना
32. कर्मबन्ध की पध्दति: प्रकृतिबन्ध, स्थितिबन्ध अनुभावबन्ध, प्रदेशबन्ध
33. साधु (मुनि)के 28 मूल गुण
34. अठारह पापस्थान
35. श्रुत पंचमी क्यों मनाते हैं?
36.यलोक – अलोक
37. पंचकल्याणक
38. . ग्रंथ सूत्र
39.गुरु क्या है*
40. कालचक्र (बारह आरा)
41. देवों के एक सौ अट्ठानवे भेद
42..तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव और लाभ :- ●
43. उत्तम क्षमा धर्म
44. "उत्तम मार्दव धर्म"*
45. उत्तम शौच
46. उत्तम संयम धर्म
47.उत्तम सत्य धर्म
48.उत्तम तप धर्म
49.उत्तम त्याग धर्म
50.उत्तम सत्य धर्म .
51.उत्तम सत्य धर्म
52. प्रवचन - 1
53. सोलह कारण भावना
अंतराय कर्म*
नो निधियां
जैन ग्रंथ भंडार
0.स्वाध्याय विधि
1. न्याय निधि ग्रंथ
2.आराधना सार ग्रंथ
3.बरसाणुपेखाय ग्रंथ
4.भरतेश वैभव ग्रंथ
5.चर्चासागर ग्रंथ
6.गोम्टेस गाथा
7.श्री चौबीसी पुराण
8.धर्म परीक्षा ग्रंथ
9. गोम्मटसार जीव कांड1,2
10.गोम्मटसार कर्म कांड1,2
11।Paum_Chariyam,_Part-2_Acharya_Vi
12. Ang-Pannatti
13. Devagarh_Ki_Jain_Kala;_Ek_Sans
14.रत्नाक्रंद श्रावकाचार
15.जिनदत्त चरित्र
16.श्रेणिक चरित्र
17.चौदह गुणस्थान
18. Jayoday_Mahakavya
19. Dvisandhanam_Dhananjay
Bhadra Bahu Purana
32 . छहढाला ढाल
छहढाला प्रथम ढाल
छहढाला 2 ढाल
छहढाला 3 ढाल
छहढाला 4 ढाल
छहढाला 5 ढाल
छहढाला 6 ढाल
5
33 . गोम्मटसार-कर्मकाण्ड
granth} गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-2
29. गोम्मटसार जीवकाण्ड
गोम्मटसार जीवकाण्ड-१
गोम्मटसार जीवकाण्ड-2
गोम्मटसार जीवकाण्ड-3
गोम्मटसार जीवकाण्ड-4
गोम्मटसार जीवकाण्ड-5
गोम्मटसार जीवकाण्ड-6
गोम्मटसार जीवकाण्ड-7
34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-१
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-2
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-3
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-4
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-5
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-6
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-7
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-8
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-9
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-10
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-11
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-13
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-14
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-15
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-16
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-17
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-18
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-19
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-20
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-21
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-22
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-23
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-24
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-25
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-26
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-27
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-28
35.षट्खण्डागम पुस्तक-
गृहचैत्यालय के आगमप्रमाण
हरिषेण चक्रवर्ती
व्यवहारनय-निश्र्चयनय
सप्तव्यसन सात नरक के द्वार हैं ।
C 34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
1 } दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
2 } ॐ
3 } मंत्र पोस्टर
4} सरस्वती .108 नाम
5} सरस्वती देवी के 108 मंत्र
प्रश्नों के उत्तर
1.प्रश्नों के उत्तर क शब्द से
2.प्रश्नों के उत्तर द शव्द
3.प्रश्नों के उत्तर व शव्द
4.प्रश्नों के उत्तर *त*
5.प्रश्नों के उत्तर प शब्द से
6.प्रश्नों के उत्तर अ शब्द से
7. .प्रश्न उत्तर
8.प्रश्न उत्तर
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भगवन
10.श्री सुपार्श्वनाथ भगवन
11.तत्वार्थ सूत्र
*प्रथम ढाल*
प्रश्नोत्तर
द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तरी
तीनलोक प्रश्नोत्तर-१
भवनवासी देव प्रश्न उत्तर
.द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
1.जीव द्रव्य के नव अधिकार
2.जीवत्व का लक्षण
3.उपयोग का वर्णन
4.ज्ञानोपयोग के भेद
5.उभयनय से उपयोग का लक्षण
6.जीव अमूर्तिक है
7.जीव कर्ता है
8.अस्तिकाय का स्वरूप और नाम की सार्थकता
9.जीव भोक्ता हे
10.जीव स्वदेह बराबर है
11.जीव संसारी है
13.उभयनय से संसारी जीव का स्वरूप
14.सिद्ध और ऊध्र्वगमन का स्वरूप
15.अजीव द्रव्य और उनमें मूर्तिक-अमूर्तिक द्रव्य
16.पुद्गल द्रव्य की विभाव व्यंजन पर्यायें'
17.धर्म द्रव्य का स्वरूप
18.अधर्म द्रव्य का स्वरूप
20.लोकाकाश-अलोकाकाश का स्वरूप
21.कालद्रव्य का स्वरूप
22.काल द्रव्य की संख्या
23.द्रव्यों की प्रदेश संख्या
24 .द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
105. तत्वार्थ सूत्र प्रश्न उत्तर
परिचय
1.श्री ऋषभदेव भ.का परिचय
2.अजितनाथ भ.का परिचय
3. संभवनाथ भ.का परिचय
4.अभिनन्दन भ. का परिचय
5. श्री सुमतिनाथ भ.का परिचय
6.श्री पद्मप्रभु भ.. का परिचय
7.श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का परिचय
8.श्री चन्द्रप्रभु भ. का परिचय
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भ.का परिचय
10.श्री शीतलनाथ भ. परिचय
11. श्री श्रेयांसनाथ भ. का परिचय
12.श्री वासुपूज्य भ.का परिचय
13.श्री विमलनाथ भगवान का परिचय
14.श्री अनन्तनाथ भ. का परिचय
15.श्री धर्मनाथ भ.का परिचय
16. श्री शान्तिनाथ भगवान का परिचय
17. श्री कुन्थुनाथ भगवान का परिचय
18.श्री अरहनाथ भगवान का परिचय
19.श्री मल्लिनाथ भगवान का परिचय
20. श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान का परिचय
21. श्री नमिनाथ भगवान का परिचय
22.श्री नेमिनाथ भगवान का परिचय
23. श्री पार्श्वनाथ भगवान का परिचय
24.श्री महावीर भगवान का परिचय
25. 24 तीर्थंकर
26. परिचय शान्तिसागर जी महाराज (दक्षिण)
27. परिचय वीरसागर जी आचार्य
28. श्री विराग सागर जी का परिचाय
29.गुरु माँ विज्ञा श्री माता जी का परिचाय
30.गुरु माँ ज्ञेयश्री माता जी का परिचाय
कविता
1. कविता तीर्थंकर ज्ञान
2.कविता नाम
3.कविता *पंच परमेष्ठि
4.कविता *चिन्ह
5.कविता *रंग
6.कविता MAA
7.कविता *मोक्ष स्थान
8. maa
9. बड़े बाबा की याद में
guru
कथा जैन
1.मुकुट सप्तमी/मोक्ष सप्तमी पर्व कथा
2.अंजन चोर की कथा
3.रक्षा बंधन पर्व कथा
4.रक्षा बंधन पर्व कथा 2
5.रक्षाबंधन कहानी
6.श्रुत पंचमी पर्व कथा
7. सती चंदनबाला कथा
8.सत्यघोष बना असत्यवादी
9.अक्षय तृतीया)
10.णमोकार मंत्र के जाप से शूली बना सिंहासन
11.राजा श्रेणिक
12. श्री चन्दनषष्ठी व्रत कथा
13.रोहिणी व्रत विधि एवं कथा
14. रविव्रत विधि एवं कथा
15.सेठ सुदर्शन की कथा ( ब्रम्हचर्य व्रत पालन की कथा )
16.श्रीभूति पुरोहित की कथा ( चोरी पाप का फल )
17.भगवान पार्श्वनाथ कथा
वस्तु टिप्स
दिसा
वास्तु टिप्स - 01
वास्तु टिप्स - 02
वास्तु टिप्स - 03
वास्तु टिप्स - 04
वास्तु टिप्स - 05
वास्तु टिप्स - 06
वास्तु टिप्स - 07
वास्तु टिप्स - 08
वास्तु टिप्स - 09
वास्तु टिप्स - 10
वास्तु टिप्स - 11
वास्तु टिप्स - 12
वास्तु टिप्स - 13
वास्तु टिप्स - 14
वास्तु टिप्स - 15
वास्तु टिप्स - 16
वास्तु टिप्स - 17
वास्तु टिप्स - 18
वास्तु टिप्स - 19
वास्तु टिप्स - 20
वास्तु टिप्स - 21
वास्तु टिप्स - 22
वास्तु टिप्स - 23
वास्तु टिप्स - 24
वास्तु टिप्स - 25
वास्तु टिप्स - 26
वास्तु टिप्स - 27
वास्तु टिप्स - 28
वास्तु टिप्स - 29
वास्तु टिप्स - 30
वास्तु टिप्स - 31
वास्तु टिप्स - 32
वास्तु टिप्स - 33
वास्तु टिप्स - 34
वास्तु टिप्स - 35
वास्तु टिप्स - 36
वास्तु टिप्स - 37
वास्तु टिप्स - 38
वास्तु टिप्स - 39
नाटक
1. नाटक महल का पर्दा
ज्ञेय चित्रकूट प्रतियोगिता
प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न 105 ज्ञेयश्री माताजी
1. माताजी फोटो
2. माताजी का परिचय
3. ज्ञेयश्री माताजी की दीक्षा फोटो
4. ज्ञेयश्री माताजी की पूजा
5. ज्ञेयश्री माताजी की आरती
6. माताजी का माला
7. माताजी के व्रत
8. ज्ञेयश्री माताजी के केशलोंच की झल्किया ||
9 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी का चालीसा
10 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के भजन
12.प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के चातुर्मास स्थान
औसधि
औसधि
2
3.इलायची
दिगंबर जैन तीर्थ निर्देशिका
दिगम्बर जैन तीर्थ निर्देशिका-2
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अनुक्रमणिका
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1. माताजी की फोटो
2. भक्तम्बर अनूष्टन के फोटो
3' करंजा चातुर्मास फोटो
4. चौरई मंदिर का सिलनायस
5. तमिलनाडु चातुर्मास की फोटो
6. मुंबई चातुर्मास की फोटो
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2. Contact Us
1. आहार चर्या - माँ ज्ञेयश्री माताजी
2. कार्यक्रम - माँ ज्ञेयश्री माताजी-
पाठ
4. भजन सुने
1. प्रवचन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
2. भजन -ज्ञेय श्री माताजी mp3
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4. प्रवचन -kajal didi /पूजा दीदी-mp3
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11.अंकुरारोपण विधि
12.भूमि-परीक्षा विधि
13.घटयात्रा विधि
14.रथ चालन विधि
15.जाप्यानुष्ठान प्रारंभ विधि
16.मंडप प्रतिष्ठा विधान
17.अखंडदीप प्रज्वालन का संकल्प मंत्र
18.व्रत ग्रहण करने का संकल्प
19.शिलान्यास विधि
20.भूमिशोधन मंडप शुद्धि
21.मंदिर एवं वेदी शुद्धि हेतु घटयात्रा और शुद्धि विधान विधि
22.मंगलाष्टक अर्थ
23.अभिषेक पाठ-माघनंदि मुनि कृत
24 अभिषेक विधि
25.श्री ज्येष्ठ जिनवर-जयमाला
26.श्री ज्येष्ठ जिनवर अभिषेक
27.जलभिषेक प्रक्षाल पाठ
28.सकली करण विधि हिन्दी
29. पंचामृत अभिषेक पाठ हिन्दी
30. सरस्वती अभिषेक
31. महा शांतिधारा
32 . लघुशांतिधारा
33 . 64 ऋद्धि शांतिधारा
34. श्री पद्मावती जी अभिषेक
35.श्रुत स्तवन/पंचामृताभिषेक
36. पंचामृत अभिषेक
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37.विनय पाठ अर्थ
38.पूजा प्रारम्भ
39. अर्घावली
40.शान्ति पाठ संस्कृत
41.पूजा सभी
8.पूजन
00. देव-शास्त्र-गुरु(प्रथम देव अरहंत)
1.देव-शास्त्र-गुरु पूजा (कविश्री युगलजी)
2. समुच्चय पूजा / SAMUCCHAY POOJA
3.नवदेवता पूजा
4.श्री नित्यमह पूजा
5.देव शास्त्र-गुरु (कविवर द्यानतरायजी)
6. देव-शास्त्र-गुरु-विद्यमान बीस तीर्थंकर सिद्ध परमेष्ठी पूजा
7..समुच्चय चौबीसी पूजा
8.बीस तीर्थंकर पूजा
9.बीस तीर्थंकर पूजा
10.सिद्ध पूजा भाषा (यंत्र स्थापनं)
11..समुच्चय पूजा सर्वग्रहा
12.सोलहकारण पूजा
13..पंचमेरू पूजा
14.नन्दीश्वर द्वीप (अष्टाहिृका) पूजा
15.दश लक्षण धर्म पूजा
16.रत्नत्रय पूजा
17.रत्नत्रय पूजा
18.रक्षाबन्धन पूजा (श्री विष्णुकुमार पूजा)
19. श्री अकम्पनाचार्यादि पर्व पूजा सलूना
20.विष्णुकुमार महामुनि पूजा
21..रत्नत्रय पूजा क्षमावणी पर्व
22.श्री पंच परमेष्ठी पूजन
23 .अकृत्रिम चैत्यालय पूजा
24 सिद्ध पूजा
25.सिद्ध परमेष्ठी पूजा
26 पंच बालयति तीर्थंकर पूजा
27 .श्री बाहुबली स्वामी पूजा
28 .श्री बाहुबली पूजा
29 .गौतम गणधर पूजा
30.निर्वाण क्षेत्र पूजा
31.सप्तर्षि पूजा
32.सरस्वती पूजा
33.श्री ऋषिमण्डल यंत्र पूजा
34..श्रुतस्कंध पूजा
35.जिनवाणी पूजा
36 नवग्रह अरिष्टनिवारक विधान
37.आदिनाथ भरत-बाहुबली पूजा
38.कलिकुण्ड पार्श्वनाथ चनरं
39.चांदनगांव महावीर स्वामी पूजा
40. निर्वाया काण्ड (भाषा)
41.ह्रीं प्रतिमा की पूजा
42.भगवान सुदर्शन जिनपूजा
43.सप्तपरमस्थान पूजा
44.क्षेत्र पैठण श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा अतिशय
45.श्री तिजारा क्षेत्र स्थित चन्द्रप्रभ पूजा
46.पंचकल्याणक समूह पूजा
47.रविव्रत पूजा
48 .श्री भक्तामर पूजा
49.मुकुट सप्तमी व्रत पूजा
50. श्री अनंतव्रत(दश लक्ष्ण पर्व) पूजा
51. श्री ज्येष्ठ जिनवर पूजा
52.श्री आदिनाथ जिनपूजा
53. श्री अजितनाथ जिनपूजा
54.श्री संभवनाथ जिनपूजा
55. श्री अभिन्दननाथ जिनपूजा
56.श्री सुमतिनाथ जिनपूजा
57. पद्मप्रभु जिनपूजा
58. { वाडा के }श्री पद्मप्रभ जिन पूजा
59. श्री सुपाश्र्वनाथ जिनपूजा
60. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
61. श्री चन्द्रप्रभु पूजा
62. श्री पुष्पदन्त जिनपूजा
63. श्री शीतलनाथ जिनपूजा
64 .श्री शीतलनाथ जिनपूजा
65. श्री श्रेयांसनाथ जिनपूजा
66. श्री वासुपूज्य जिनपूजा
67. श्री विमलनाथ जिनपूजा
68. श्री विमलनाथ जिनपूजा
69. श्री अनन्तनाथ जिनपूजा
70.श्रीधर्मनाथ जिनपूजा
71. श्री शांतिनाथ जिनपूजा
72. श्री कुन्थुनाथ जिनपूजा
73. श्री अरहनाथ जिनपूजा
74. श्री मल्लिनाथ जिनपूजा
75. श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा
76. श्री नमिनाथ जिनपूजा
77. श्री नेमिनाथ जिनपूजा
78.श्री पार्श्वनाथ जिनपूजा
79. श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ पूजन
80. श्री अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ पूजन
81. श्री पाश्र्वनाथ पूजा
82. श्री महावीर जिनपूजा
83. श्री आदिनाथ, भरत, बाहुबली पूजा
84.दशलक्षण पूजा
85.श्री विनायकयंत्र पूजा
86. क्षेत्रपाल पूजा
87.श्री सम्मेदशिखर पूजन
88.श्री हस्तिनापुर तीर्थ पूजा
89. कौशाम्बी तीर्थ पूजा
90. श्री अयोध्या तीर्थक्षेत्र पूजा
91. सुदर्शन मेरु पूजा
92 . तत्त्वार्थ सूत्र पूजा
93. चौंसठ ऋद्धि पूजा
94 .चौषठ ऋद्धि समुच्चय पूजा
95. षट्खण्डागम पूजा
96. श्री शांति-कुंथु-अर तीर्थंकर पूजा
97. भरतेश पूजा
98..जम्बूद्वीप पूजा
99. सिद्धपदप्राप्त सुदर्शन महामुनिराज की पूजा
100. जिनगुण सम्पत्ति समुच्चय-पूजन
101 . णमोकार महामन्त्र पूजा
102. श्री ऋषिमण्डल पूजा भाषा
103. साधु परमेष्ठी पूजा(अट्ठाईस मूलगुण पूजा)
104. गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महाराज की पूजन
105. श्री शांतिसागर जी महाराज की पूजन
106. आचार्य श्री शांतिसागर जीमहाराज की पूजा
107. आ.108 विशदसागर महाराज पूजा
108. समवसरण पूजा
109. गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी की पूजन
110.गणिनी आर्यिका १०५ विज्ञाश्री माताजी की पूजन
111. "आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
112. केवलज्ञान महालक्ष्मी पूजा
113. वीर निर्वाण संवत्सर पूजा
114. तेरहद्वीप जिनालय पूजा
115. पद्मावती पूजा
116.दीपावली पूजन विधि
117.रोहिणी व्रत पूजा (वासुपूज्य जिनपूजा)
118. रोट तीज व्रत puja
119. श्री कर्मदहन व्रत पूजा
120. अनंत व्रत पूजा-
121 . चारित्र शुध्दि १२३४,पूजन व्रत
122. चंदनषष्ठी व्रत पूजा
123.आर्यिका 105 ज्ञेयश्री माता जी का मंगल पूजन"
पूजा मुख विधि (संस्कृत)
पूजा मुख विधि (हिन्दी)
42.आंनद यात्रा
43.श्रावक - प्रतिक्रमण संस्कृत
44.मुनि प्रतिक्रमण संस्कृत
45.प्रतिक्रमण हिन्दी
46.आचार्य वंदना
47. सिद्धि भक्ति संस्कृत
48.श्रुत भक्ति संस्कृत
49.चरित्र भक्ति संस्कृत
50.पञ्च महागुरु संस्कृत-ब
51.शांति भक्ति संस्कृत
52..समाधी भक्ति संस्कृत
53. निर्वाण भक्ति संस्कृत
54.नन्दीश्वर भक्ति संस्कृत
55. इर्यापथ प्रतिक्रमण भक्ति संस्कृत
56.चैत्य भक्ति संस्कृत
57.पञ्च महागुरु प्राकृत -अ
58.आचार्य भक्ति हिंदि (ज्ञानोदय छन्द
59. सिद्ध भक्ति हिंदी
60. चैत्य भक्ति हिंदी
61. निर्वाण भक्ति हिन्दी
62.पञ्च महागुरु भक्ति हिंदी
63 . योगी भक्ति हिन्दी
64.नन्दीश्वर भक्ति हिन्दी
65.भक्तांबर महिमा
66.भक्तम्बर दीप आर्चना
67. जिन सहस्त्रनाम मंत्र
68.भक्तामर हीलिंग नम्बर
69.गुरु आर्चना बुक
70.धार्मिक पहेली
71.सूतक - पातक
72. णमोकार मंत्र
1.णमोकार मंत्र
2.णमो अरिहंताणं
3.णमो सिद्धाणं
4.णमो आयरियाणं
5.णमो उवज्झायाणं
6.णमो लोए सव्वसाहूणं
7.णमोकार महामंत्र की महिमा
8.णमोकार मंत्र कथाएं
9.महामंत्र णमोकार मंत्र
10.णमोकार व्रत विधि
11.णमोकार मंत्र और महामारी
12.जाप करने की तीन विधि
13.णमोकार मंत्र और प्रथमानुयोग
14.णमोकार मंत्र और राशिचक्र
15.णमोकार मन्त्र और रंग चिकित्सा
16.णमोकारमन्त्र और अन्य व्रत
17.णमोकार मन्त्र में पद संख्या
18.णमोकार मन्त्र जैन मन्त्र नहीं, जन मन्त्र है
19.णमोकार मन्त्र और स्वाध्याय
20.णमोकार मन्त्र और ध्वनि विज्ञान
21.णमोकार मन्त्र और वार चक्र
22.णमोकार मन्त्र और अवस्था विशेष
23.णमोकार मन्त्र और मुद्रायें
24.णमोकार मन्त्र और सामायिक
25.णमोकार मन्त्र और आराधना
26.णमोकार मन्त्र और बीजाक्षर
27.णमोकार मन्त्र की उपयोगिता
28.णमोकार मन्त्र के पाठ भेद
29.णमोकार मन्त्र और नौ पदार्थ
30.णमोकार मन्त्र द्वारा आराधित परमेष्ठी
31.यह महामन्त्र क्यों ?
32.णमोकार मन्त्र और श्रुतज्ञान के अक्षर
33.णमोकार मंत्र विषयक व्रत
34.णमोकार मन्त्र और कषाय विजय
35.णमोकार मन्त्र और चरणानु योग
36.णमोकार मन्त्र और तिथि चक्र
37.णमोकार मन्त्र और रस शास्त्र
38.णमोकार मंत्र में वचन प्रयोग
39.णमोकार मन्त्र की मात्रायें
40.णमोकार मन्त्र की रचना
41.नमोकार मंत्र जपने की विधि
42 *णमोकार प्राणायाम*
43.णमोकार मंत्र की साधकता
44. णमोकार स्तुति
45. महामंत्र का माहात्म्य
46.णमोकार मंत्र का माहात्म्य
73 देव दर्शन विधि पाठ शाला
74.तिथंकर पाठ शाला
75. क्रोध पाठ शाला
76.तिथंकर भगवान पाठ शाला
77.पाप पाठ शाला
78.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - क्षु. श्री ध्यानसागरजी महाराज
79.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - फूलचन्दजी
80.भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - शर्मनलाल
81. भक्तामर स्तोत्र : पद्यानुवाद - मुनि श्री विमर्शसागरजी महाराज
82. भक्तामर स्त्रोत : हिन्दी - रवीन्द्र
83. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - हेमचन्द
84. भक्तामर महिमा
85. अध्याशतक स्तोत्र
86.भक्तामर स्तोत्र भाषा
87.भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी पद्यानुवाद
88. भक्तमर स्तोत्र
89. सरस्वती स्तोत्रम्
90. विषापहार स्तोत्र - संस्कृत
91.स्वयंभू स्तोत्र भाषा
92. विषापहार स्तोत्र भाषा
93.श्री वीतराग स्तोत्र
94.श्रीपार्श्वनाथस्तोत्र*
95.द्रष्टयशतक स्तोत्र
96.एकीभाव स्तोत्र : हिन्दी - भूधरदास जी
97.एकीभाव स्तोत्र : संस्कृत
98.श्री गणधर वलय स्तोत्र
99. श्रीमज्जिनसहस्रनाम-स्तोत्र
100 . कल्याण मंदिर स्तोत्र : हिन्दी - बनारसीदास
101.कल्याण मन्दिर स्तोत्र
102.नवग्रह स्तोत्र : हिन्दी - आर्यिका चंदनामती
103.नवग्रह स्तोत्र : संस्कृत - आचार्य भद्रबाहु स्वामी
104. भक्तामर स्तोत्र : हिन्दी - आशु
105. तत्वार्थ सूत्र
106.तत्त्वार्थ स्तोत्र अर्थ
107.महावीराष्टक स्तोत्र अर्थ
108.महावीराष्टक स्तोत्र
109. श्री सुप्रभात स्तोत्र*
110. श्री तीर्थ वन्दना
111. सम्मेद शिखर वंदना
112. महावीर वंदना
113. दुखहरण विनती
114. सोलह कारण विनति
115. संकट मोचन विनती
116. दर्शन पाठ (संस्कृत)
117. दर्शनपाठः (पं. बुधजनजी कृत)
118. दर्शन पाठ (पं. दौलतरामजी कृत)
119. दर्शन पाठ (संस्कृत)
120. सासायिक पाठ
121. समाधिमरण भाषा
122. समाधि-भक्ति पाठ
123. समाधी मरण बड़ा पाठ
124. आचार्य बन्दना
125. समाधी मरण बड़ा पाठ
126. समाधी मरण पथ पाठ
127. मृत्यु महोत्सव पाठ
128. कल्याण लोचना पाठ
129.आलोचना पाठ
130. आराधना पाठ
131. आत्म कीर्तन पाठ
132 .बृहत् प्रतिक्रमण पाठ
133. लघु प्रतिक्रमण पाठ
134.मिच्छामिदुक पाठ
135.अमूल्य तत्व विचार पाठ
136.लघु हिंदी प्रतिक्रमण पाठ
137. लघु प्रतिक्रमण पाठ
138. चौबीस तीर्थंकर वंदन
139 . वन्दना जकडी !
140. ऋषभनाथ वंदन
141. नीर गंथ की वंदना
142. ढाल
143. द्रव संग्रह
144..इष्ठोपदेश
145.समाधी तंत्र
146. पाठ
147.बारहमासा
148.श्री आद्यष्टक स्तोत्र*
149अमूल्य तत्त्व विचार*
150. भ. धर्मनाथ स्तुति
151.भ. मुनिसुव्रतनाथ स्तुति
152.. दर्शन स्तुति(प्रभु पतित.)
153.गुरु स्तुति (ते गुरु मेरे उर बसो)
154.दर्शन स्तुति पुण्य उदय मम आया
155.दर्शन-स्तुतिजय वीतराग विज्ञान पुर
156. दर्शन पथ तुम निरखत मुझको मिली
157. देव स्तुति-अहोजगत
158. बाहुबली स्तुति
159गोम्मटेश अष्टक स्तुति
160. गोम्मटेश स्तुति
161. जिन चतुर्विंशिका
162.जिनवाणी स्तुति
163.जिनवाणी स्तुति
164. जिनवाणी स्तुति
165. जिनवाणी स्तुति
166. म्हारी माँ जिनवानी
167.जिनवर जिनवानी
168. इष्ट प्रार्थना स्तुति
169. इष्ट प्रार्थना स्तुति
170. बाईस परीषह स्तुति
171. दोहा थुदि
172. तिथंकर स्तुति
173.चौबीस तीर्थंकर स्तुति
174.माँ जिनवाणी ममता न्यारी
175.जय जिनवाणी
176. सिद्ध चक्र स्तुति
177. दर्शन स्तुति-सकल ज्ञेय ज्ञायक तदपि
178.देव स्तुति अहो जगत
179. पं.भूधरदास कृत दर्शन स्तुति
180.मंगल भावना
181. बारह भावना
182.समाधि भावना
183.बारह भावना (कविवरभूधरदास कृत)
184.मेरी भावना
185.दर्शन भावना - पुनः दर्शन मिले स्वामी
186. मंगल-भावना
187. वैराग्य भावना
188.इष्ट भावना
189. बारह भावना
190. meri bhavana
191.समाधि-भक्ति
192.इष्ट प्रार्थना*
193.बारह भावना* राजा राणा
194.चालीसा
195.।श्री आदिनाथ चालीसा।। Shri Adinath Chalisa
196.।।श्री अजितनाथ चालीसा ।।Shri Ajitnath Chalisa
197.।।श्री सम्भवनाथ चालीसा ।।Sh Sambhavnath Chalisa
198..।।श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा।।Shri Abhinandan Nath Chalisa
199.भ. पाश्वर्नाथ स्तुति
200.।।श्री सुमतिनाथ चालीसा ।।Shri Sumatinath Chalisa
201.।।श्री पद्मप्रभुजी चालीसा।। Shri Padamprabhu Chalisa
202.।।श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा ।।Shri Suparshvanath Chalisa
203.।।श्री चन्द्रप्रभु चालीसा।।Shri Chandraprabhu Chalisa
204. ।।श्री पुष्पदन्त चालीसा।।Shri Pushpdant Chalisa
205. ।।श्री शीतलनाथ चालीसा।। Shri Sheetalnath Chalisa
206 .।।श्री श्रेयान्सनाथ चालीसा।। Shri Shreyansnath Chalisa
207.।।श्री वासुपूज्य चालीसा।। Shri Vasupujya Chalisa
208. ।।श्री विमलनाथ चालीसा।। Shri Vimalnath Chalisa
209.।।श्री अनन्तनाथ चलीसा।। Shri Anantnath Chalisa
210.।। श्री धर्मनाथ चालीसा ।।
211.।।श्री शान्तिनाथ चालीसा।।
212.।।श्री कुन्थनाथ चालीसा।। Shri Kunthunath Chalisa
213.।।श्री अरहनाथ चालीसा।। Shri Arahnath Chalisa
214.।।श्री मल्लिनाथ चालीसा।। Shri Mallinath Chalisa
215.।।श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा।। Shri Munisuvrath Chalisa
216.।।श्री नमिनाथ चालीसा।। Shri Naminath Chalisa
217.श्री नेमिनाथ- चालीसा
218.।। श्री पार्श्वनाथ चालीसा ।।
219.श्री महावीर चालीसा
.220. चौविसी चालीसा
221. श्री णमोकार चालीसा
222. अध्यात्म चालीसा
223. ज्ञान चालीसा
224. विराग सागर चालीसा
225. गुरु विद्यासागर चालीसा
226.आचार्य श्री शान्तिसागर जी चालीसा
227. सरस्वती चालीसा
228. आचार्य शान्ति सागर
229. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
230 .आदिनाथ जी जिनवाणी आरती
231. आदिनाथ जी भगवान की आरती|
232.अजितनाथ जी भगवान की आरती
233 . संभवनाथ जी भगवान की आरती
234. शीतलनाथ भगवान की आरती
235. सुमतिनाथ जी भगवान की आरती
236 .पद्म प्रभुजी भगवान की आरती
237.भगवान की आरती
238.चन्द्रप्रभु जिनवाणी आरती
239..पुष्पदंत भगवान की आरती
240. श्रेयांसनाथ भगवान की आरती
241. वासुपूज्य भगवान की आरती
242. विमलनाथ भगवान की आरती
243.अंनतनाथ भगवान की आरती
244.भगवान की आरती
245. शांतिनाथ आरती
२४६ . कुंथुनाथ भगवान की आरती
247.भगवान की आरती
248.मल्लिनाथ भगवान की आरती
249 . मुनिसुर्वतनाथ आरती
250.भ. मुनिसुव्रतनाथ की आरती
251.नेमिनाथ भगवान की आरती
252..भगवान की आरती
253 . पारस नाथ आरती
254.पारस प्रभु थारी आरती
255.AARTI SHRI MAHAVEER PRABHU
256. आरती श्री वर्द्धमान स्वामी
257. बाहुबली आरती
258. सरस्वती माता आरती
259.श्री जिनराज आरती
260. नंदीश्वर आरती
261.शिखरजी आरती
262.बाजे छम छम आरती
263. बाहुबली आरती
264. चौबीसी आरती
265. पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti
266. पद्मावती माता की आरती
267. चौबीस तीर्थकरकी आरती
268.पंचपरमेष्ठिकी आरती
269.24 तीर्थंकर आरती
270.श्री जिन वाणी माता की आरती
271.108 विरागसागरजी महाराज की आरती<
272. मां ज्ञेयश्री माताजी
273.पदमावती आरती
274.Mhalakshmi
275.श्री सिद्धचक्र आरती
276.आदिनाथ जी की आरती
277. श्री पद्मावती जी अभिषेक
278. पद्मावती माता की पूजा
279. पद्मावती विधान
300. पद्मावती सहस्रनाम
301.पद्मावती माता का स्त्रोत
302. पद्मावती माता स्त्रोत
303. पद्मावती माता की आरती
304. पद्मावती माता चालीसा
305.माँ पद्मावती चालीसा
306. पद्मावती माता की आरती
307.पद्मावती माता की आरती
308 .पद्मावती माता की आरती
309 .यक्ष - यक्षिणी की आरती
310. पद्मावती माता की आरती
311. श्री आदिनाथ विधान
312. श्री बड़े बाबा विधान
313.श्री पद्मप्रभु जिन पूजन (विधान)
314.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
315. श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान
316.श्री चन्द्रप्रभ पूजा विधान (लघु)
317.शीतलनाथ पूजा विधान
318. श्री वासुपूज्य पूजा विधान
319.श्री नेमिनाथ विधान (लघु,)
320.श्री पार्श्वनाथ विधान
321.श्री रत्नत्रय पूजा विधान ||
322. शान्ति नाथ विधान
323. कल्याण मंदिर विधान
324. पंचमेरू विधान
325.लघु शांति विधान
326. जिनगुण सम्पत्ति विधान
327.कल्याण मंदिर विधान -2
328.कल्याण मंदिर विधान
329.श्री मुनिसुव्रतनाथ विधान
330.महावीर विधान
331. श्री अजितनाथ विधान
332. श्री अनन्तनाथ विधान
333. श्री अभिनंदन विधान
334. अकृत्रिम वृक्ष जिनालय विधान
335. .सरस्वती विधान
. व्रत विधि
1. निर्दोष सप्तमी व्रत का स्वरूप एवं विधि
2.सोलहकारण व्रत
3. सुखचिन्तामणि व्रत का स्वरूप
4. सुगंधदशमी व्रत
5. सिंह निष्क्रीडित व्रत
6.सर्वार्थसिद्धि व्रत
7.सर्वसंपत् व्रत(पुत्र संपत व्रत)
8. सर्वदोषप्रायश्चित्त व्रत विधि
9.सम्यक्त्व पचीसी व्रत
10. सम्मेदशिखर व्रत विधि
11.समवसरण व्रत विधि(वृहत् समवसरण व्रत १७० हैं)
12. समवसरण व्रत(लघु)
13. सप्तर्षि व्रत(मृत्युंजय व्रत)
14. सप्तपरमस्थान व्रत विधि
15. षट्खण्डागम व्रत विधि
16. श्रुतस्कंध व्रत
17. श्रुतज्ञान व्रत
18. श्री संपत्-शुक्रवार व्रत विधि एवं कथा(पद्मावती व्रत)
19.मौन एकादशी व्रत
20. श्री त्रिलोक तीज व्रत
21. श्री जिनसहस्रनाम व्रत विधि(लघु)
22. श्री आकाशपंचमी व्रत
23. श्रावक त्रेपनक्रिया व्रत विधि
24. श्रवण द्वादशी व्रत
25. शारदा व्रत
26. शांतिनाथ व्रत(शांति भक्ति व्रत)
27. वृहत्पल्य व्रत विधि
28. वीरशासन जयंती व्रत
29. विषापहार व्रत विधि
30. लोकमंगल व्रत
31. लब्धि विधान व्रत की विधि
32. रत्नावली व्रत
33. रत्नत्रय व्रत विधि
34. रक्षाबंधन व्रत
35. पुष्पाञ्जलि व्रत विधि
36. पुरन्दर व्रत
37. भक्तामर व्रत विधि
38. पुण्यास्रव व्रत विधि
39. मंगल त्रयोदशी (धनतेरस) व्रत एवं कथा
40. मनोकामना सिद्धि महावीर व्रत एवं मंत्र
41. महातीर्थ व्रत
42. मुक्तावली व्रत
43. मुकुटसप्तमी व्रत का स्वरूप
44. पंचपरमेष्ठी व्रत विधि
45. निर्वाण चतुर्दशी व्रत(शिवरात्रि व्रत)
46. नवलब्धि व्रत(नवकेवललब्धि व्रत)
47. मेरु पंक्ति व्रत विधि
48. लघु सुखसम्पत्ति व्रत
49. विद्यमान बीस तीर्थंकर व्रत विधि
50. श्रुतपंचमी व्रत(श्रुतावतार व्रत)
26.व्रत समापन विधि
भजन जैन
1.भजन -book
2.भजन जैन
3.भजन जैन
4.भजन जैन
भजन
1-20 भजन
21-40 भजन -2
41-60 भजन -3
61-80 भजन-4
81-100 भजन -5
101-120 भजन-6
121-140 भजन -7
141-160 भजन -8
161-180 भजन -9
181-200 भजन -10
201-220 भजन -11
221-240भजन -12
241-260 भजन -13
261-280 भजन-14
281-300 भजन -15
301-320 भजन -16
321-340 भजन -17
341-360 भजन -18
361-380 भजन -19
381-400 भजन -20
401-421 भजन -21
कोटेसन
1. प्रेरक वचन"
2. कोटेसन माँ
3.प्रेरणा कोटेशन
4. मोटिवेसन
5.कोटेसन
6.कोटेसन
7. चार लाइन
8
कहानी
1.सच्ची मित्रता
2.सोच बदलो, जिंदगी बदल जायेगी
3.अहंकार
4.सच्ची मित्रता
5.माँ के प्रेम की पराकाष्ठा
6 .आत्मा से तृप्त लोग
7 .दान की महिमा
8 .दृष्टिकोण बदलना जरुरी
9 .*लहरों से डरना नहीं*
10 .बुढ़ापे को भी प्यार चाहिए
11 ."वाणी पर नियंत्रण"
12 .*!! एक हिरण !!*
13.अपनी क्षमता पहचानो
14.*मन की अमीरी*
15.*संस्कार*
16.*बचपन की यादें*
17.मोन की महिमा
18.माँ का कंबल
19.जिंदगी बहुत खूबसूरत है
20.मेरा ग़म कितना कम है*
21.अपने कर्म से मिलता हैं*
22.*भगवान से मिलन*
23. *मन और पानी*
24.*मूर्ख कौन?*
25.नास्तिक
26.*सुगंधित अगरबत्ती
27. *बदलाव ही जीवन हैं* !!
28. *कहानी*
29. कर्मो की दौलत ||*
30.कहानी
31.मालिक कौन
32. आत्म सुधार
33. सातवां घड़ा
34. कहानी
35. विश्वास
36.खड़े होकर भोजन करने से हानियाँ
37. शत्रु को मित्र कैसे बनाएं?*
38 .चंदन*
39 .सहारे मत तलाश करें*
40. कहानी*
41. कहानी*
42.एक सोच...मेरी कलम से"*
43.विचारणीय कहानी*
44.सोते समय क्यो त्याग
45. ईश्वर को धन्यवाद*
46.दृष्टिकोण बदलना जरुरी_*
47.वास्तविक चरित्र*
48.रिश्तें बड़े अनमोल
49.संगत का प्रभाव
50.एक चुप सौ सुख*
51.बुजुर्गों को समय चाहिए*
52.माँ बेटे का प्यार*
53.पराजय*
54.चमकीले नीले पत्थर की कीमत
55.जिंदगी क्या हैं*
56.एक बोध कथा*
57.ज़िन्दगी की चिंता समाप्त
58.*सुन्दर प्रसंग*
59.*कर्मो की दौलत*
60. एक छोटी सी अच्छी आदत
61.मदद*
62.अतृप्त तृष्णा"*
63.चतुराई"*
64."पाप या पुण्य"
65.जाति औरत की?? (अवश्य पढ़िए)*
66. समय का सदुपयोग !!*
67.पाप/पुण्य और भगवान*
68.*शरण*
69.आलसियों का आश्रम"*
70.इन्द्र और तोते की कथा"*
71.*कहानी*
72.व्यर्थ का क्रोध !!*
73.*गुरु दक्षिणा*
74.*सबके दाता राम॥
75.पिता का प्यार
76 *फ़र्क तो पड़ता है*
77.कहानी*
78.*लोककहानी :अहं ढपोलशंखोSस्मि ?*
79.*पर्यावरण*
80.*प्रेरक_कथा...*
81.प्रेरक_कहानी*
82.पैसे नहीं रिश्ते कमाओ*
83.जीवन की सहजता खोने न दें*
84.बेटियाँ*
85.तडका*
86.धर्मं का रहस्य
87.मित्रता की परिभाषा*
88.परमात्मा को भूलो मत...*
89.कहानी*
90. मम्मी का कटोरदान*
91.जीवन दर्शन.... मृत्यु से अमरत्व की ओर
92.*एक राजा को राज करते
93. *कड़वा वचन*
94.चिन्तन*
95.एक *साधू* किसी नदी के
96.*एकता*
97.चमकीले नीले पत्थर की कीमत !!*
98.स्त्रियो का अंतर सौंदर्य*
99.प्रभू की दुकान .
100. प्रेम और वसंत !!*
101. *"देने वाला कौन ?"*
102.ऑफिस से निकल कर
103.*!! दो शब्द !!*
104.पाप का भागी कौन—पाप किसने किया*
105.यदि ना पचे तो करें उपाय*
106." घडी का संदेश "
107. एक रुपये का सिक्का*
108.पिता का प्यार*
109.फ़र्क तो पड़ता है*
110.आपसी मतभेद से विनाश...
111.*पिता तो पिता है*
112. *दादा है दमदार!*
113. आत्मिक सुख
114.कहानी
75.स्वाध्या जैन ग्रंथ
0.आगम स्वाध्याय भाग
1.राजगृही तीर्थ का महत्त्व
2. रोशन हुई कुण्डलपुर की धरा
3. महावीर की पहचान कुण्डलपुर से करें न कि वैशाली से
4. भगवान महावीर निर्वाणभूमि-पावापुरी जल मंदिर
5. श्री महावीर भगवान की महिमा
6. ‘कुण्डलपुर के महावीरा ! शतश: वंदन’
7. ‘भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर रत्नगर्भा एवं चमत्कारिक भूमि है’’
8. महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर : एक वास्तविकता
9. वीर जन्मभूमि-एक चिंतन
10.श्रद्धा के धरातल पर बना भव्य कुण्डलपुर
11 . दिगम्बर जैन आम्नाय में मंत्र व्यवस्था
12. श्रुत पंचमी
13. श्रुत देवी
14.तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (सिद्धान्तसार दीपक से)
15. तीर्थंकर जन्माभिषेक महिमा (हरिवंशपुराण से)
16. तीर्थंकर
17. सुभौम चक्रवर्ती
18. २४ तीर्थंकर की आयु और ऊॅंचाई
19. तीर्थंकरों में समानता असमानता
20. प्रतिमा का स्वरुप
21. श्री गिरनार जी तीर्थक्षेत्र का परिचय’
22. नव रात्रा
23. .अकलंक निकलंक देव द्वारा जैन धर्म की प्रभावना
24. असमाधि के 20 कारण
25. आगम स्वाध्याय भाग -१४३
26. आगम स्वाध्याय भाग -144
27. अनंतानुबंधी
28 .सुगंध-दशमी/धूप-दशमी
29. मेरू पर्वत : वन और गतिशील ज्योतिष – चक्र
30. चक्रवर्ती की नवनिधियाँ
31. महावीर जयंती सुभ कामना
32. कर्मबन्ध की पध्दति: प्रकृतिबन्ध, स्थितिबन्ध अनुभावबन्ध, प्रदेशबन्ध
33. साधु (मुनि)के 28 मूल गुण
34. अठारह पापस्थान
35. श्रुत पंचमी क्यों मनाते हैं?
36.यलोक – अलोक
37. पंचकल्याणक
38. . ग्रंथ सूत्र
39.गुरु क्या है*
40. कालचक्र (बारह आरा)
41. देवों के एक सौ अट्ठानवे भेद
42..तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव और लाभ :- ●
43. उत्तम क्षमा धर्म
44. "उत्तम मार्दव धर्म"*
45. उत्तम शौच
46. उत्तम संयम धर्म
47.उत्तम सत्य धर्म
48.उत्तम तप धर्म
49.उत्तम त्याग धर्म
50.उत्तम सत्य धर्म .
51.उत्तम सत्य धर्म
52. प्रवचन - 1
53. सोलह कारण भावना
अंतराय कर्म*
नो निधियां
जैन ग्रंथ भंडार
0.स्वाध्याय विधि
1. न्याय निधि ग्रंथ
2.आराधना सार ग्रंथ
3.बरसाणुपेखाय ग्रंथ
4.भरतेश वैभव ग्रंथ
5.चर्चासागर ग्रंथ
6.गोम्टेस गाथा
7.श्री चौबीसी पुराण
8.धर्म परीक्षा ग्रंथ
9. गोम्मटसार जीव कांड1,2
10.गोम्मटसार कर्म कांड1,2
11।Paum_Chariyam,_Part-2_Acharya_Vi
12. Ang-Pannatti
13. Devagarh_Ki_Jain_Kala;_Ek_Sans
14.रत्नाक्रंद श्रावकाचार
15.जिनदत्त चरित्र
16.श्रेणिक चरित्र
17.चौदह गुणस्थान
18. Jayoday_Mahakavya
19. Dvisandhanam_Dhananjay
Bhadra Bahu Purana
32 . छहढाला ढाल
छहढाला प्रथम ढाल
छहढाला 2 ढाल
छहढाला 3 ढाल
छहढाला 4 ढाल
छहढाला 5 ढाल
छहढाला 6 ढाल
5
33 . गोम्मटसार-कर्मकाण्ड
granth} गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-1
गोम्मटसार-कर्मकाण्ड-2
29. गोम्मटसार जीवकाण्ड
गोम्मटसार जीवकाण्ड-१
गोम्मटसार जीवकाण्ड-2
गोम्मटसार जीवकाण्ड-3
गोम्मटसार जीवकाण्ड-4
गोम्मटसार जीवकाण्ड-5
गोम्मटसार जीवकाण्ड-6
गोम्मटसार जीवकाण्ड-7
34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-१
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-2
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-3
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-4
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-5
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-6
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-7
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-8
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-9
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-10
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-11
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-12
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-13
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-14
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-15
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-16
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-17
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-18
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-19
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-20
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-21
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-22
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-23
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-24
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-25
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-26
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-27
पद्मनंदीपंञ्चविंशतिका भाग-28
35.षट्खण्डागम पुस्तक-
गृहचैत्यालय के आगमप्रमाण
हरिषेण चक्रवर्ती
व्यवहारनय-निश्र्चयनय
सप्तव्यसन सात नरक के द्वार हैं ।
C 34. पद्म नंदी पंञ्च विंशतिका
दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
1 } दिव्य दुर्लभ जैन मंत्र
2 } ॐ
3 } मंत्र पोस्टर
4} सरस्वती .108 नाम
5} सरस्वती देवी के 108 मंत्र
प्रश्नों के उत्तर
1.प्रश्नों के उत्तर क शब्द से
2.प्रश्नों के उत्तर द शव्द
3.प्रश्नों के उत्तर व शव्द
4.प्रश्नों के उत्तर *त*
5.प्रश्नों के उत्तर प शब्द से
6.प्रश्नों के उत्तर अ शब्द से
7. .प्रश्न उत्तर
8.प्रश्न उत्तर
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भगवन
10.श्री सुपार्श्वनाथ भगवन
11.तत्वार्थ सूत्र
*प्रथम ढाल*
प्रश्नोत्तर
द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तरी
तीनलोक प्रश्नोत्तर-१
भवनवासी देव प्रश्न उत्तर
.द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
1.जीव द्रव्य के नव अधिकार
2.जीवत्व का लक्षण
3.उपयोग का वर्णन
4.ज्ञानोपयोग के भेद
5.उभयनय से उपयोग का लक्षण
6.जीव अमूर्तिक है
7.जीव कर्ता है
8.अस्तिकाय का स्वरूप और नाम की सार्थकता
9.जीव भोक्ता हे
10.जीव स्वदेह बराबर है
11.जीव संसारी है
13.उभयनय से संसारी जीव का स्वरूप
14.सिद्ध और ऊध्र्वगमन का स्वरूप
15.अजीव द्रव्य और उनमें मूर्तिक-अमूर्तिक द्रव्य
16.पुद्गल द्रव्य की विभाव व्यंजन पर्यायें'
17.धर्म द्रव्य का स्वरूप
18.अधर्म द्रव्य का स्वरूप
20.लोकाकाश-अलोकाकाश का स्वरूप
21.कालद्रव्य का स्वरूप
22.काल द्रव्य की संख्या
23.द्रव्यों की प्रदेश संख्या
24 .द्रव्यसंग्रह प्रश्नोत्तर सहित
105. तत्वार्थ सूत्र प्रश्न उत्तर
परिचय
1.श्री ऋषभदेव भ.का परिचय
2.अजितनाथ भ.का परिचय
3. संभवनाथ भ.का परिचय
4.अभिनन्दन भ. का परिचय
5. श्री सुमतिनाथ भ.का परिचय
6.श्री पद्मप्रभु भ.. का परिचय
7.श्री सुपार्श्वनाथ भगवान का परिचय
8.श्री चन्द्रप्रभु भ. का परिचय
9.श्री पुष्पदन्तनाथ भ.का परिचय
10.श्री शीतलनाथ भ. परिचय
11. श्री श्रेयांसनाथ भ. का परिचय
12.श्री वासुपूज्य भ.का परिचय
13.श्री विमलनाथ भगवान का परिचय
14.श्री अनन्तनाथ भ. का परिचय
15.श्री धर्मनाथ भ.का परिचय
16. श्री शान्तिनाथ भगवान का परिचय
17. श्री कुन्थुनाथ भगवान का परिचय
18.श्री अरहनाथ भगवान का परिचय
19.श्री मल्लिनाथ भगवान का परिचय
20. श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान का परिचय
21. श्री नमिनाथ भगवान का परिचय
22.श्री नेमिनाथ भगवान का परिचय
23. श्री पार्श्वनाथ भगवान का परिचय
24.श्री महावीर भगवान का परिचय
25. 24 तीर्थंकर
26. परिचय शान्तिसागर जी महाराज (दक्षिण)
27. परिचय वीरसागर जी आचार्य
28. श्री विराग सागर जी का परिचाय
29.गुरु माँ विज्ञा श्री माता जी का परिचाय
30.गुरु माँ ज्ञेयश्री माता जी का परिचाय
कविता
1. कविता तीर्थंकर ज्ञान
2.कविता नाम
3.कविता *पंच परमेष्ठि
4.कविता *चिन्ह
5.कविता *रंग
6.कविता MAA
7.कविता *मोक्ष स्थान
8. maa
9. बड़े बाबा की याद में
guru
कथा जैन
1.मुकुट सप्तमी/मोक्ष सप्तमी पर्व कथा
2.अंजन चोर की कथा
3.रक्षा बंधन पर्व कथा
4.रक्षा बंधन पर्व कथा 2
5.रक्षाबंधन कहानी
6.श्रुत पंचमी पर्व कथा
7. सती चंदनबाला कथा
8.सत्यघोष बना असत्यवादी
9.अक्षय तृतीया)
10.णमोकार मंत्र के जाप से शूली बना सिंहासन
11.राजा श्रेणिक
12. श्री चन्दनषष्ठी व्रत कथा
13.रोहिणी व्रत विधि एवं कथा
14. रविव्रत विधि एवं कथा
15.सेठ सुदर्शन की कथा ( ब्रम्हचर्य व्रत पालन की कथा )
16.श्रीभूति पुरोहित की कथा ( चोरी पाप का फल )
17.भगवान पार्श्वनाथ कथा
वस्तु टिप्स
दिसा
वास्तु टिप्स - 01
वास्तु टिप्स - 02
वास्तु टिप्स - 03
वास्तु टिप्स - 04
वास्तु टिप्स - 05
वास्तु टिप्स - 06
वास्तु टिप्स - 07
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वास्तु टिप्स - 10
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वास्तु टिप्स - 12
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वास्तु टिप्स - 17
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वास्तु टिप्स - 20
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वास्तु टिप्स - 24
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वास्तु टिप्स - 29
वास्तु टिप्स - 30
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वास्तु टिप्स - 32
वास्तु टिप्स - 33
वास्तु टिप्स - 34
वास्तु टिप्स - 35
वास्तु टिप्स - 36
वास्तु टिप्स - 37
वास्तु टिप्स - 38
वास्तु टिप्स - 39
नाटक
1. नाटक महल का पर्दा
ज्ञेय चित्रकूट प्रतियोगिता
प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न 105 ज्ञेयश्री माताजी
1. माताजी फोटो
2. माताजी का परिचय
3. ज्ञेयश्री माताजी की दीक्षा फोटो
4. ज्ञेयश्री माताजी की पूजा
5. ज्ञेयश्री माताजी की आरती
6. माताजी का माला
7. माताजी के व्रत
8. ज्ञेयश्री माताजी के केशलोंच की झल्किया ||
9 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी का चालीसा
10 .प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के भजन
12.प्रज्ञा श्रमणि आर्यिका रत्न ज्ञेयश्री माताजी के चातुर्मास स्थान
औसधि
औसधि
2
3.इलायची
दिगंबर जैन तीर्थ निर्देशिका
दिगम्बर जैन तीर्थ निर्देशिका-2
0. Gallery
श्री पद्मप्रभु जिन पूजन (विधान)
श्री पद्मप्रभु जिन पूजन (विधान)
🌹🌹🌹🌹
स्थापना
छटा निराली उपवन भू सी, हरियाली है चारों ओर ।
यमुना बहती कल-कल करती, करती मन को भाव विभोर ।।
ऋषियों के तप ज्ञान ध्यान से, गिरि का है कण-कण पावन ।
श्री प्रभाष गिरि तीर्थराज पर, पद्म प्रभ का आह्वानन् ।
- दोहा -
गर्भ जन्म तप ज्ञान शुभ, पाए चार कल्याण ।
जिनकी पूजा को यहाँ
, करते हैं आह्वान् ।।
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्र !
अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं ।
अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं ।
अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधिकरणं |
सदियों से हम जन्म मरण की, ज्वाला में जलते आए।
प्यास बुझी ना सिन्धु नीर से, भक्ती का यह जल लाए ।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं ।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । । ।
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय जलं निर्वपामीति स्वाहा ।
महाताप से परभावों में, झुलस रहे अति दुख पाए ।
अतिशय समता पाने उर में, चन्दन यह घिसकर लाए ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं ।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 2 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय चन्दनं निर्वपामीति स्वाहा ।
इन्द्रिय सुख क्षण भंगुर सारे, उनमें जन्म गंवाए हैं
अक्षत पुंज चढ़ा अक्षय पद, पाने को हम आए हैं ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं ।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 3
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा ।
कामदेव कई बाण चलाए, उनसे बच ना पाए हैं ।
शीलेश्वर पद पाने को हम, पुष्प चढ़ाने लाए हैं ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 4 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा ।
क्षुधा रोग है महाभयानक, जिसके कारण दुख पाए ।
कुशल वैद्य श्री जिन चरणों में, औषधि पाने हम आए ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 5 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
मोह महातम से मतवाले, होकर जग में भटकाए ।
नाशी मोह महातम स्वामी, मोह नशाने हम आए ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 6
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय दीपं निर्वपामीति स्वाहा ।
अष्ट कर्म ने घेरा डाला, इस जग में उलझाए हैं ।
मुक्ती पाने अष्ट कर्म से, धूप जलाने लाए हैं ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं।
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 7 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय धूपं निर्वपामीति स्वाहा।
कर्म फलों सुख दुख पाके, मन में बहु अकुलाए हैं।
फल से पूजा करके हम भी, मुक्ती पाने आए हैं ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 8 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय फलं निर्वपामीति स्वाहा ।
हे अर्हन्त आप हो भगवान् !, सद् उपदेशक गुरु महान
वीतरागता धारी पावन, गुण अनन्त के आप निधान ।।
पावन तीर्थ प्रभाषगिरि पर, पद्म प्रभु को ध्याते हैं
तीन योग से पूजा करके, सादर शीश झुकाते हैं । ॥ 9 ॥
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
दोहा
चिच्चेतन चिन्तामणी, चिन्मूरत भगवान् ।
शांति धारा दे यहाँ, करते हैं गुणगान ||
( शान्त्ये शांतिधारा )
दोहा
सुरभित लेकर पुष्प यह, पुष्पांजलि कर आज ।
पूज रहे हैं भाव से, तारण तरण जहाज ।।
(दिव्य पुष्पांजलिं क्षिपेत् )
पंचकल्याणक के अर्ध्य
माघ कृष्ण की षष्ठी तिथि को, पद्म प्रभु अवतार लिए।
मात सुसीमा के उर आए, जग में मंगलकार किए । ।
अर्घ्य चढ़ाते विशद भाव से, बोल रहे हम जय जयकार ।
शीश झुकाकर वंदन करते, प्रभु के चरणों बारम्बार ।। 1 ।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णा षष्ठम्यां गर्भकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
कार्तिक शुक्ला त्रयोदशी को, कौशाम्बी में सुमन खिला ।
भूले भटके नर नारी को, शुभम् एक आधार मिला ।।
जन्म कल्याणक की पूजा हम, करके भाग्य जगाते हैं ।
जन्म कल्याणक हम भी पाएँ, यही भावना भाते हैं । ॥ 2 ॥
ॐ ह्रीं कार्तिक शुक्ला त्रयोदश्यां जन्मकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
त्रयोदशी कार्तिक सुदि पावन, जग से नाता तोड़ चले ।
पद्म प्रभु स्वजन परिजन धन, सबकी आशा छोड़ चले ।।
प्रभाषगिरि में दीक्षा धर कर, करने चले आत्म कल्याण |
ध्यान मनोहर वन में करके, कीन्हें कर्मों से संग्राम ||3||
ॐ ह्रीं कार्तिक शुक्ला त्रयोदश्यां दीक्षाकल्याणक प्राप्त श्रीपद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
पूनम चैत्र शुक्ल की आई, पद्म प्रभु तीर्थंकर भाइ ।
सारे कर्म घातिया नाशे, क्षण में केवल ज्ञान प्रकाशे ।।
देव तभी प्रभाष गिरि आए, समवशरण रचना करवाए।
प्रभु जी दिव्य ध्वनि सुनाए, भक्त सभी मन में हर्षाए । ॥ 4 ॥
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्ला पूर्णिमायां केवलज्ञानकल्याणक प्राप्त श्रीपद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा
फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी जानो, गिरि सम्मेद शिखर से मानो ।
पद्म प्रभु जी मोक्ष सिधाए, कर्म नाशकर मुक्ती पाए ।
हम भी मुक्ती वधु को पाएँ, पद में सादर शीश झुकाएँ ।।
अर्घ्य चढ़ाते मंगलकारी, बनने को शिव पद के धारी ॥5॥
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्ण चतुर्थ्यां मोक्षकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
जयमाला
🌹🌹🌹
दोहा
चार कल्याणक भूमि यह, पद्म प्रभु भगवान ।
जयमाला गाते यहाँ, करते हैं गुणगान ।।
तर्ज - दुनियाँ से सहारा क्या लेना...
दुनियाँ में तीर्थ हजारों हैं पर, कौशाम्बी का क्या कहना ।
इसकी महिमा का क्या कहना, इसकी गरिमा का क्या कहना ।।
दुनियाँ में तीर्थ हजारों हैं पर, कौशाम्बी का क्या कहना ॥ टेक ॥
शुभ गर्भ जन्म तप ज्ञान विशद, कल्याण प्रभु के चार भये ।
सम्मेद शिखर जी तीरथ से, श्री पद्मप्रभु जी मोक्ष गये ।।
दुनियाँ में तीर्थ..... ।। 1॥
जो प्रभाष गिरि में आते हैं, वे परम शांति सुख पाते हैं ।
जो एक बार दर्शन करते, वे बार-बार फिर आतें हैं ।।
दुनियाँ में तीर्थ...... ।।2।।
दो मंदिर प्रभाष गिरि पर हैं, औ क्षेत्र पर मंदिर चार बने ।
हरियाली चारों ओर रही, शुभ वृक्ष यहां पर लगे घने । ।
दुनियाँ में तीर्थ..... ।।3।।
है पद्म प्रभु जी वेदी में, श्री चन्द्र प्रभु जिन शांति रहे ।
शुभ तीन काल की चौबीसी, दूजे मंदिर में श्रेष्ठ कहे ।।
दुनियाँ में तीर्थ..... ॥4॥
बड़े बाबा श्री पद्म प्रभ जी का जिनगृह भी श्रेष्ठ रहा ।
नेमिनाथ प्राचीन जिनालय, क्षेत्र के ऊपर बना अहा ।।
दुनियाँ में तीर्थ..... ॥5॥
कई संत यहाँ आते जाते, शुभ तीर्थ वंदना करते हैं ।
श्रावक पूजा अर्चा करके, निज कोष पुण्य से भरते हैं ।।
दुनियाँ में तीर्थ..... ॥6॥
दोहा
जिनकी अर्चा कर विशद, हो कर्मों का नाश ।
शिव पद के राही बनें, हो शिवपुर में वास ||
ॐ ह्रीं कौशाम्बी प्रभाषगिरि तीर्थ स्थित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय जयमाला पूर्णार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा |
दोहा
पद्म प्रभु के पद युगल, करते हैं अरदास ।
पूरी होवे कामना, रहे चरण में वास ।।
( इत्याशीर्वाद: )
श्री पद्मप्रभु पूजा विधान
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स्थापना
भूतप्रेत शाकिन डाकिन की, बाधाओं का हो अवशान ।
वृद्धी हो व्यापार में धन की, होय क्लेश का पूर्ण निदान ।। ।
वृद्धी होय ज्ञान में अतिशय, शांतीमय होवे परिवार ।
सेवा मिले नौकरी इच्छित, विघ्न पूर्णतः होवें छार ।।
दोहा
पद्मप्रभ का कर रहे, भाव सहित गुणगान ।
मनोकामना पूर्ण हो, करते हम आह्वान ।।
ॐ ह्रीं सर्व आधि व्याधि विनाशक लोकोपकारी श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्र !
अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं ।
अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं ।
अत्र मम सन्निहितो भव-भव वषट् सन्निधिकरण |
(ज्ञानोदय छन्द:)
जल तन की प्यास बुझाता है, चेतन की प्यास न बुझ पाए ।
है विशद ज्ञान की प्यास मुझे, वह ज्ञान प्रकट अब हो जाए ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।1।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय जलं निर्वपामीति स्वाहा ।
संसार ताप में जले सदा, घेरे रहती हैं चिन्ताएँ ।
अब पूज रहे हम गंध बना, उनसे अब हम मुक्ती पाएँ ।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।2।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय चन्दनं निर्वपामीति स्वाहा ।
मन को भाँती है उज्ज्वलता, पर कर्म किए हमने काले ।
जिन पूजा आतम धवल करे, टूटें सब कर्मों के जाले ।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।3।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अक्षतान् निर्वपामीति स्वाहा ।
मदहोश करे पावन मन को, चेतन जागृत ना होती है ।
पुष्पों की गंध नाशिका को, सुख दे कर्मों को खोती है ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ॥ 4 ॥
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय पुष्पं निर्वपामीति स्वाहा ।
खाने पीने की चाह सदा, जीवों के मन में रहती है ।
जिन पूजा करके तृप्ती हो, माँ जिनवाणी यह कहती है ।।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।5।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय नैवेद्यं निर्वपामीति स्वाहा।
उजयारे रवि शशि बिजली के, ये सब ही तम को हरते हैं ।
भव दीप जला पूजा करके, चैतन्य प्रकाशित करते हैं ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।16।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय दीपं निर्वपामीति स्वाहा।
जड़ कर्म कर्म के हितकारी, कर्मों का जोर चलाते हैं ।
चेतन जागृत जब हो जाए, तो कर्मों से बच जाते हैं ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम । ्
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।7।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय धूपं निर्वपामीति स्वाहा ।
हम पूजा करते चाह लिए, निस्वार्थ भक्ति ना होती है।
हो मुक्ती पद की चाह विशद, जो सर्व दुखों को खोती है ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम ।।8।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय फलं निर्वपामीति स्वाहा ।
हे अष्ट कर्म सब दुखदाई उनसे संबंध बनाए हैं
अब मुक्ती पाने को उनसे, यह अर्घ्य चढ़ाने लाए हैं ।।
जो जल में कमल समान रहे, श्री पद्म प्रभु है जिन का नाम ।
भाव सहित जिन अर्चा करके, करते बारम्बार प्रणाम । 19 ।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
दोहा
शांती धारा दे रहे, विनय भाव के साथ ।
विशद भावना भा रहे, बनें श्री के नाथ ॥
( शान्तये शान्तिधारा )
दोहा
पुष्पांजलि करते यहाँ, पाने मुक्ती धाम ।
होवे पूरी कामना करते चरण प्रणाम ।।
(दिव्य पुष्पांजलिं क्षिपेत्)
पंचकल्याणक के अर्ध्य चौपाई
गर्भ चिन्ह माँ के उर आये, देव रत्न वृष्टी करवाए ।
माघ कृष्ण षष्ठी शुभ गाई, उत्सव देव किए सुखदायी ।। 1 ।।
ॐ ह्रीं माघकृष्णा षष्ठम्यां गर्भकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
कार्तिक शुक्ल त्रयोदशि पाए, सुर नर इन्द्र सभी हर्षाए ।
जन्मोत्सव मिल इन्द्र मनाए, आनन्दोत्सव श्रेष्ठ कराए ।। 2 ।।
ॐ ह्रीं कार्तिक शुक्ला त्रयोदश्यां जन्मकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
कार्तिक सुदी तेरस शुभकारी
मन में प्रभु वैराग्य जगाए, जग जंजाल छोड़ वन आए ।। 3 ।।
ॐ ह्रीं कार्तिकशुक्ला त्रयोदश्यां दीक्षाकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
चैत शुक्ल की पूनम पाए, विशद ज्ञान प्रभु जी प्रगटाए ।
धर्म देशना आप सुनाए, इस जग को सत्पथ दिखलाए । ॥4 ।।
ॐ ह्रीं चैत्रशुक्ला पूर्णिमायां केवलज्ञानकल्याणक प्राप्त श्रीपद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा |
फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी भाई, के दिन प्रभु ने मुक्ती पाई ।
अपने सारे कर्म नशाए, तज संसार वास शिव पाए ।।5।।
ॐ ह्रीं फाल्गुनकृष्ण चतुर्थ्यां मोक्षकल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
जयमाला
दोहा
पद्म प्रभु भगवान का, गाए जो यशगान ।
पाए जग के सौख्य वह, अन्त होय कल्याण ।
( नयनमालिनी - छन्द )
पदमप्रभु जिनराज नमस्ते, सिद्ध शिला के ताज नमस्ते ।
तीर्थंकर अखलेश नमस्ते, वीतराग परमेश नमस्ते ।।
नगर कौशाम्बी रत्न बरसते, नर नारी मन खूब हरसते ।
गर्भ पूर्व छह माह नमस्ते, प्रभु करुणा की छाँह नमस्ते ।।
श्रीधर नृप के द्वार नमस्ते, हुए मंगलाचार नमस्ते ।
जन्मे श्री जिनदेव नमस्ते, स्वर्ग से आये देव नमस्ते ।।
मात सुसीमा श्रेष्ठ नमस्ते, गर्भ में आए यथेष्ठ नमस्ते ।
संगारम्भ विहीन नमस्ते, निज गुणमय स्वाधीन नमस्ते ।।
ग्रैवेयक अवतार नमस्ते, कुगति अशुभ क्षयकार नमस्ते
मनुज सुगति शुभकार नमस्ते, उत्तम संयम धार नमस्ते ।।
चउ आराधन वान नमस्ते, किए कर्म की हान नमस्ते ।
अष्टम भू अधिराज नमस्ते, अष्ट गुणों के ताज नमस्ते ।।
केवल ब्रह्म प्रकाश नमस्ते, सर्व चराचर भास नमस्ते ।
मुक्ति रमापति वीर नमस्ते, हर्त्ता भव भय धीर नमस्ते ।।
दोहा
पद्म समान हैं जिन प्रभु, पद्मप्रभु है नाम ।
हमको भी निज सम करो, शत्-शत् बार प्रणाम ।।
ॐ ह्रीं श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय जयमाला पूर्णार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
दोहा
पद्मप्रभु के चरण की, भक्ति करूँ कर जोड़ ।
हरी भरी खुशहाल हो, धरती चारों ओर ।।
(पुष्पांजलि क्षिपेत्)
प्रथम वलय:
दोहा
बीजाक्षर जग पूज्य हैं, प्रातिहार्य संयुक्त ।
भाव सहित ध्यायें विशद, हो कर्मों से मुक्त ।।
|| अथ प्रथम वलयोपरि पुष्पांजलि क्षिपेत् ||
अष्ट प्रातिहार्य बीजाक्षर चाल छन्द
हं बीजाक्षर मन भाए, स्व वर्ग में प्राणी ध्याये ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ।।1।।
ॐ ह्रीं हृ्म्ल्रर्यं बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा |
भं बीजाक्षर मनहारी, स्व वर्ग युक्त शुभकारी ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ।।2।।
ॐ ह्रीं भुम्ल्व्रर्यं बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व स्वाहा |
मं बीजाक्षर शुभ जानो, स्व वर्ग युक्त शुभ मानो ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ।।3।।
ॐ ह्रीं मुम्ल्यूँ बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
रं पिण्डाक्षर को ध्यायें, निज में निज गुण प्रगटाएँ ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए । ॥ 4 ॥
ॐ ह्रीं र् म्लव्रर्यं बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
घं पिण्डाक्षर शुभ ध्याए, स्व वर्ग युक्त मन भाए ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ॥5॥
ॐ ह्रीं घूम्र्यू बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
झं पिण्डाक्षर अतिशायी, स्व वर्ग युक्त शुभ भाई ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ॥6॥
ॐ ह्रीं झुम्ल्यूँ बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा |
सं बीजाक्षर शुभकारी, स्व वर्ग युक्त शिवकारी ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए । ॥7॥
ॐ ह्रीं स्म्ल्यूँ बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
खं बीजाक्षर शिवदायी, स्ववर्ग में ध्याएँ भाई ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए ॥8॥
ॐ ह्रीं खम्ल्यूँ बीज मंडित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्व. स्वाहा |
हं बीजाक्षरादिक गाए, वसु स्व वर्णों में ध्याये ।
निज आतम ध्यान लगाए, श्री जिन की महिमा गाए । ॥ 9 ॥
ॐ ह्रीं अष्ट प्रातिहार्य युक्त अष्ट बीज मण्डित सर्वविघ्न विनाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय पूर्णार्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
द्वितिय वलय:
दोहा
अष्ट कर्म को नाश कर, कार्य करें सब सिद्ध ।
पाने को हम आठ गुण, पूजें जगत प्रसिद्ध ।।
॥ अथ द्वितिय वलयोपरि पुष्पांजलि क्षिपेत् ।।
अष्टकर्म रहित अष्टगुण युक्त श्री जिन
चौपाई
प्रभु ज्ञानावरणी नाशे, फिर केवल ज्ञान प्रकाशे ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।। 1 ।।
ॐ ह्रीं केवलज्ञान गुण सहित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु दर्शानावरण विनाशे, फिर केवल दर्श प्रकाशे ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।।2।।
ॐ ह्रीं केवलदर्शन गुण सहित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु वेदनीय के नाशी, सुख अव्यावाध प्रकाशी ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।। 3 ।।
ॐ ह्रीं अव्यावाध गुण सहित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु मोहनीय के नाशी हैं सुख अनन्त के वासी ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।। 4 ।।
ॐ ह्रीं अनन्तसुख गुण सहित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु आयू कर्म विनाशे, गुण अवगाहनत्व प्रकाशे ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।।5।।
ॐ ह्रीं अवगाहनत्व गुण सहित श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
हैं नाम कर्म के नाशी, सूक्ष्मत्व सुगुण के वासी ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ ।।6।।
ॐ ह्रीं सूक्ष्मत्व गुण युक्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु गोत्र कर्म विनशाए, अवगाहन गुण प्रगटाए ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ । 17 ।।
ॐ ह्रीं अगुरु - लघुत्व गुणयुक्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु अन्तराय के नाशी हैं बल अनन्त के वासी ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ । ॥8॥ "
ॐ ह्रीं वीर्यानन्त गुण युक्त श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
प्रभु अष्ट कर्म विनशाए, जो सुगुण अष्ट प्रगटाए ।
हम जिन पद पूज रचाएँ, फिर शिव पदवी को पाएँ । ॥9 ।।
ॐ ह्रीं अष्ट कर्म विनाशकाय सम्यक्त्वादि अष्ट सिद्ध गुण समन्विताय पद्मप्रभु जिनेन्द्राय पूर्णार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
तृतिय वलय:
सोरठा
सर्व विघ्न हों दूर, श्री जिन की अर्चा किए।
सुख मय हो भरपूर, जीवन शांतीमय बने ।।
॥ अथ तृतिय वलयोपरि पुष्पांजलि क्षिपेत् ॥
अरिष्ट निवारक श्री जिन के अर्घ्य
चौपाई
मन वच तन के पड़े हैं फेरे, अतः कर्म रहते हैं घेरे ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विघ्नों को जो दूर भगाएँ ।। 1 ।।
ॐ ह्रीं संसार दुःख नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
कर्मोदय ने हमको घेरा, दरिद्रता ने डाला डेरा ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ ।।2।।
ॐ ह्रीं सर्व दरिद्रता नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
कर्मोदय में खोटे आएँ, जलोदरादिक रोग सताए ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ ।। 3 ।।
ॐ ह्रीं जलोदरादिक रोग नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं नि. स्वाहा ।
टी.बी. शुगर आदि बीमारी, सदा सताए सबको भारी ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ।।4।।
ॐ ह्रीं क्षयरोग शुगर कैंसारादि सर्व भयंकर रोगनाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अयं निर्वपामीति स्वाहा।
नेत्र कर्ण के रोग कहाए, भारी उनसे सदा सताए ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ ।।5।।
ॐ ह्रीं नेत्र कर्णाद सर्व रोग नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अभ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
वात्त पित्त ज्वर आदिक भाई, रहे लोक में ये दुखदायी ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ ।।6।।
ॐ ह्रीं वात, पित्त, कफ, जलोधर, उदरादि सर्व रोग नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
जल थल नभचर प्राणी भाई, कृत उपसर्ग रहे दुखदायी ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ । ॥ 7 ॥
ॐ ह्रीं तिर्यंच कृत उपद्रव नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
पिता पुत्र भाई जो गाए, राग द्वेष कर सभी सताए ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ । ॥8॥
ॐ ह्रीं कुटुम्ब दुःख क्लेश नाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा
विघ्न विनाशी हैं जिन स्वामी, तीन लोक में अन्तर्यामी ।
भाव सहित हम प्रभु को ध्याएँ, विपदाओं से मुक्ती पाएँ । 19 ।
ॐ ह्रीं सर्वविघ्नविनाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय पूर्णार्घ्यं निर्व. स्वाहा ।
जाप्य :-
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्हं श्री पदमप्रभ जिनेन्द्राय नमः ।
जयमाला
दोहा
पद्म प्रभ जिन पद युगल, वन्दन मेरा त्रिकाल
भव क्रन्दन हो नाश मम, गाते हैं जयमाल ।
( ताटक छन्द )
जय पद्मप्रभ जिन चंद वरं, जय ज्ञान पयोदधि पूर्ण करं ।
भव सागर तारक पोत वरं, जय अष्ट कर्म मद-चूर करं ।। 1 ।।
दुख गिरि के भंजक वज्र समं, तुम तन मन रंजन हे निरुपम ! |
तव समवशरण शुभकार परं, असि कर्म विनाशन सुष्ठु सरं ।। 2 ।
जहं अष्ट भूमियाँ स्थित हैं, जो कनक स्वर्णमय निर्मित हैं ।
जहाँ नील सुमणि की पीठ रही, जो चूड़ी सदृश गोल कही ।। 3
। जहाँ तोरण द्वार सु राजत हैं, जह मानस्तंभ विराजत हैं
शुभ चैत्य भूमि पहली गाई, जिन चैत्यों संयुक्त बतलाई । ॥ 4
है भूमि खातिका में खाई, जहाँ चित्र शोभते अतिशाई । ।
है लता भूमि अतिशयकारी, जहाँ फूल खिले हों मनहारी ॥ 5 ॥
उपवन भू में वन चार कहे, जिन चैत्य वृक्ष में शोभ रहे ।
ध्वज भूमी में ध्वज फहराएँ, मानो जिनकी महिमा गाएँ ॥ 6 ॥
सुर वृक्ष भूमि शुभ फलदाई, जिनबिम्ब रहें जहाँ अतिशायी ।
है भवन भूमि अतिशय प्यारी, जो सोहे अनुपम मनहारी । ॥ 7 ॥
फिर आगे अष्टम भूमि रही, जो द्वादश सभा संयुक्त कही
है गंध कुटी रचना विशेष, जहाँ अधर शोभते हैं जिनेश ।।8
शुभ दिव्य देशना हो महान, नत हो गणधर झेलें प्रधान
ॐकार मयी जो है विशेष, जो हरण हार जग का क्लेश ।।9
दोहा- जल में रहें जल से विशद, भिन्न रूप मनहार ।
पद्मप्रभु संसार में रहे स्वयं अविकार ॐ ह्रीं सर्वविघ्नविनाशक श्री पद्मप्रभु जिनेन्द्राय जयमाला पूर्णार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
दोहा
पद्म चिन्ह से शोभते, रंग है पद्म समान ।
पूज्य हुए संसार में, करते हम गुणगान ।।
(पुष्पांजलि क्षिपेत्)
तप कल्याणक का अर्घ्य
प्रभाषगिरि जी तीर्थ पर, पद्मप्रभ भगवान |
कार्तिक शुक्ला त्रयोदशि को तप धरे महान ।।
ॐ ह्रीं कार्तिक शुक्ल त्रयोदश्यां प्रभाषगिरि तीर्थक्षेत्रे तप कल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभ जिनेन्द्राय नमः अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा।
केवलज्ञान कल्याणक का अर्घ्य
चैत शुक्ल पूनम विशद, पद्मप्रभ भगवान ।
प्रभाषगिरि जी तीर्थ पर, पाए केव
लज्ञान ।।
ॐ ह्रीं चैत्र शुक्ल पूर्णिमायां प्रभाषगिरि तीर्थक्षेत्रे केवलज्ञान कल्याणक प्राप्त श्री पद्मप्रभ जिनेन्द्राय नमः अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
समुच्चय महार्घ्य
अर्हत् सिद्धाचार्य उपाध्याय, सर्व साधु के चरण नमन ।
जैनागम जिन चैत्य जिनालय, जैन धर्म को शत् वन्दन ||
सोलह कारण धर्म क्षमादिक, रत्नत्रय चौबिस तीर्थेश ।
अतिशय सिद्धक्षेत्र नन्दीश्वर, की अर्चा हम करें विशेष ।।
दोहा
अष्ट द्रव्य का अर्घ्य यह, 'विशद' भाव के साथ |
चढ़ा रहे त्रययोग से, झुका चरण में माथ ।।
ॐ ह्रीं श्री अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, सर्वसाधु, सरस्वती देव्यै, सोलहकारण भावना, दशलक्षण धर्म, रत्नत्रय धर्म, त्रिलोक स्थित कृत्रिम - अकृत्रिम चैत्य- चैत्यालय, नन्दीश्वर, पंचमेरु सम्बन्धी चैत्य - चैत्यालय, कैलाश गिरि, सम्मेद शिखर, गिरनार, चम्पापुर, पावापुर आदि निर्वाण क्षेत्र, अतिशय क्षेत्र, तीस चौबीसी, तीन कम नौ करोड़ गणधरादि मुनिश्वरेभ्यो समुच्च महार्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा ।
( पुष्पक्षेपण करते हुए शांति पाठ बोले )
शान्ति पाठ
शांतिनाथ शांति के दाता, भवि जीवों के भाग्य विधाता ।
परम शांत मुद्रा जो धारे, जग जीवों के तारण हारे ।।
शरण आपकी जो भी आते, वे अपने सौभाग्य जगाते ।
शांतिपाठ पूजा कर गाएँ, पुष्पांजलि कर शांति जगाएँ ।
जिन पद शांती धार कराएँ, जीवन में सुख शांति पाएँ ।
जीवों को सुख शांति प्रदायी, धर्म सुधामृत के वरदायी ।।
शांतिनाथ दुख दारिद्र नाशी, सम्यक्दर्शन ज्ञान प्रकाशी ।
राजा प्रजा भक्त नर-नारी, भक्ति करें सब मंगलकारी ।।
जैन धर्म जिन आगम ध्यायें, परमेष्ठी पद शीश झुकाएँ ।
श्री जिन चैत्य जिनालय भाई, विशद बनें सब शांति प्रदायि ।।
(शान्तये शान्तिधारा-3)
(दिव्य पुष्पांजलिं क्षिपेत्)
(कायोत्सर्ग करोम्यहं )
विसर्जन पाठ
भूल हुई हो जो कोई, जान के या अन्जान ।
बोधि हीन मैं हूँ विशद, क्षमा करो भगवान ।।
ज्ञान ध्यान शुभ आचरण, से भी हूँ मैं हीन ।
सर्व दोष का नाश हो, शुभाचरण हो लीन ।।
पूजा अर्चा में यहाँ, आए जो भी देव ।
करूँ विसर्जन भाव से, क्षमा करो जिन देव ।।
|| इत्याशीर्वादः पुष्पांजलिं क्षिपेत् ।।
( ठोने में पुष्पक्षेपण करें )
आशिका लेने का मंत्र
पूजा कर आराध्य की, धरे आशिका शीश ।
विशद कामना पूर्ण हो, पाएँ जिन आशीष ।
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