*"एक सोच...मेरी कलम से"*

पत्नी अपने पति से कहती है...

पत्नी- पता नहीं क्या हो गया है हमारी पायल को, कल रात को खाना भी नहीं खाया, और रो भी रही थी...अभी सुबह जगाने गई तो फिर से रो रही थी...वजह पूछी तो, बस इतना कही की...PLEASE माँ...मुझे अकेला छोड़ दो..

मुझे लगता है की शायद उसे कीसी ने प्यार में धोखा दिय$

पति- थोड़ी खामोशी के बाद कहता है...ठीक है मैं देखता हूँ।

इतना कहकर वह अपने बेटी के कमरे में जाते हैं ।

पिता- HI PAYAL...कैसी हो बेटा? 

बेटी- PLEASE PAPA..मुझे कुछ दिनों के लिए अकेला छोड़ दीजिए।

पिता- ठीक है बेटा...मगर एक शर्त है?

बेटी - बोलिए ।

पिता- बस तुम्हें एक बकवास कहानी सुनाना चाहता हूँ 

तुम सुन लो. फिर हम तुम्हें Disturb नहीं करेंगे..ok?

बेटी- ठीक है सुनाइये।

पिता- आज से करीब 20 साल पहले एक राजा हुआ करते थे...बेहद अमीर । उनके दो बेटे थे...बड़ा बेटा बेहद आज्ञाकारी और इमान्दार था। उस राजा को अपने बड़े बेटे पर नाज था। उसकी शादी एक खूबसूरत लड़की से कर दी गईं। फिर वह खूबसूरत लड़की( राजा की बड़ी बहू) गर्भवती हुई। घर मे खुशीयां ही खुशियाँ छा गई। मगर राजा की जिद थी की बेटा ही हो। फिर राजा ने अपने बहू के गर्भ का चेकअप करवाया तो पता चला की गर्भ में लड़की है।

राजा ने बेटे को हुक्म दिया की लड़की को गिरा दिया जाए।

आखिर बड़ा बेटा आज्ञाकारी था। ना तो करेगा नहीं। मगर पता नहीं उस पागल बेवकूफ को क्या सूझा की...दो दिन बाद अपना राज पाट धन दौलत शानो शौकत सबकुछ छोड़ के अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर महल से गायब हो गया।

सच कहूँ तो वह बड़ा बेवकूफ और पागल था। लोग बेटीयों को बोझ समझकर गर्भ मे नष्ट कर देते है और एक वह बेवकूफ पागल एक बेटी के तमाम सुख सुविधाओं को ठोकर मार दिया। वह बाप की बात मानता तो आज उसकी जगह राजा होता। न जाने वह बेवकूफ बेटी के लिए बाप न जाने कीस हालत में होगा ।

तभी पायल की मां वहाँ आकर कहती है की...वह बेवकूफ बेटी के लिए पागल शख्स और कोई नहीं...येही तेरे पिताजी हैं जो तूझे अपनी सच्ची कहानी सुना रहे हैं ।

तू कहती थी न की...मम्मी...नाना नानी को तो मैंने देख लिया , काश...पापा अनाथ न होते तो दादा दादी का चेहरा भी देख लेती... तेरे पापा अनाथ नहीं है। तू बड़ी होकर जिद न करे दादा दादी से मिलने की इसलिए तूझसे सच छुपाया गया। फिर तेरे पापा ने तेरे पैदा होने के बाद एक कशम ली की...तेरे अलावा दूसरा संतान फिर कभी नहीं बनाएंगे। 

अखबार मे इश्तहार देकर तेरे दादा दादी ने बेटी को लेकर ही वापस आने को कहा...मैंने भी जोर दिया वापस जाने को...मगर तूझे गोदी मे उठाकर तेरे पापा ने बस इतना ही कहा। जिस घर में मेरी princess की...हत्या का फरमान निकाला गया हो..वहाँ एक राजा कैसे सांसे ले सकता है

अब नजारा अलग था। पायल की आखो मे पापा के लिए सम्मान उनकी मोहब्बत के लिए ढेरों सारा प्यार और उनकी कुर्बानी के लिए इबादत करने जी कर रहा था। आंशू थमने का नाम नहीं ले रहे थे मगर सबकुछ अब सिर्फ पापा के लिए था। 

पापा ने बस आखरी शब्द इतना ही कहा अपनी बेटी को...

मैं नहीं जानता की दुनिया तेरे बारे मे क्या सोचती है।

मगर तू मेरे लिए बेहद अनमोल है।

भले मैं आज कहीं का राजा नहीं रहा...

मगर तू कल भी आज भी और सदा ही...

मेरी PRINCESS ही रहेगी।

बेटी ने दौड़कर अपने पापा को गले लगाकर रोते हुए कहा...

आप असली राजा हो 

और मैं आपकी PRINCESS...

सबकी पलके गीली थी मगर 

वह एक नई सुबह की शुरुआत थी जंहा PRINCESS फिर से अपने सियासत में लौट आई थी।


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