पदमावती आरती
पदमावती आरती
ॐ ऑ क्रौं छीं श्री पद्मावती दैव्ये नमः ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं श्री पार्श्वनाथ भक्ता धरणेन्द्र भार्या श्री पदमावती देव्यै नमः
देवाधिदेव १००८ श्री पार्श्वनाथ भगवान की परम भक्त
पदमावती आरती
*चरण में रखना, शरण में रखना ,,,,*
*हरदम तेरी ही लगन में रखना....!*
*सुख के उजाले हों, दु:ख के अँधेरे ,,,,*
*जो भी हो हरदम, मगन में रखना...!*
*साँसों की माला, सिमरण के मोती ,,,,*
*मन नहीं भटके, जपन में रखना.!*
*पलकें जो मूंदूँ, तेरे हों दर्शन ,,,,*
*हरदम इसी, तड़पन में रखना...!!*
*चरण में रखना, शरण में रखना ,,,,*
*हरदम तेरी ही लगन में रखना....!*
*सुख के उजाले हों, दु:ख के अँधेरे ,,,,*
*जो भी हो हरदम, मगन में रखना...!*
*साँसों की माला, सिमरण के मोती ,,,,*
*मन नहीं भटके, जपन में रखना.!*
*पलकें जो मूंदूँ, तेरे हों दर्शन ,,,,*
*हरदम इसी, तड़पन में रखना...!!*