तर्ज-जिया बेकरार है…………..
महिमा अपार है, गुण का जो आधार है।
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….
वीर महा अतिवीर जी भगवन, वर्धमान महावीर जी-२,
सन्मति सन्मति करने वाले, त्रिशलानंदन वीर जी-२।
सिद्धारथ सुकुमार हैं, करुणा के अवतार हैं,
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….।।१।।
बिहार प्रांत में कुण्डलपुर है, नालंदा के पास में-२,
चैत्र सुदी तेरस अवतारी, प्रियकारिणी पास में-२।
बाल ब्रह्म सुखकार हैं, त्रिभुवन सुखदातार हैं,
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….।।२।।
जिस जिसने भी ध्यान लगाया, उसने सब सुख पाया है-२,
सीता, सोमा और चंदना, सबको पार लगाया है-२।
सब वांछित दातार हैं, धर्म के ये अवतार हैं,
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….।।३।।
नंद्यावर्त यहाँ महल बना है, तीन चौबीसी सुन्दर है-२,
आदिनाथ, महावीर प्रभू अरु, नवग्रह मंदिर मनहर है-२।
वैâसा चमत्कार है, हुआ यहाँ उद्धार है,
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….।।४।।
ज्ञानमती माताजी ने अब, कुण्डलपुर चमकाया है-२,
जन्मभूमि यह वीर प्रभू की, इसका ज्ञान कराया है-२।
‘प्रवीण’ ग्रंथ आधार है, आगम का ये सार है,
महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।।
महिमा अपार है………………….।।५।।