मुसीबत' और 'ख़ुशी' बिना किसी* <br>
*अपॉइंटमेंट के आ जाती है*,<br>
*इसलिए अपने आप को इतना* <br>
*तैयार रखे कि...*<br>
*मुसीबत के समय 'होश' और* <br>
*ख़ुशी के समय 'जोश' कायम रहे*..!</div>
2.प्रेरक वचन*
मैं परमात्मा से प्रार्थना करती हूँ कि परमात्मा
मेरे गुरुवर के सारे गम रेत पर लिख देना ताकि प्रभु के आशीष की हवा से वह मिट सके इनकी सारी खुशियाँ पत्थर पर लिख देना ताकि उसे सारा जहाँ तो क्या बारिश भी न मिटा सके ।
3.प्रेरक वचन*
*कठिनाइयां" जब आती हैं*
*तो "कष्ट" देती हैं,*
*पर जब जाती हैं
*तो "आत्मबल" का ऐसा*
*उत्तम उपहार भी दे जाती है*
*जो उन "कष्टों" "दुःखों"
की तुलना में*
*"हजारों" गुना अधिक
"मूल्यवान" होता है।*
4.प्रेरक वचन*
*जीवन में कुछ भी *नामुमकिन नहीं*<br>
*जो हम सोच सकते हैं*<br>
*वो हम* *कर भी सकते हैं*<br>
5.प्रेरक वचन*
*मुसीबत' और 'ख़ुशी' बिना किसी* <br>
*अपॉइंटमेंट के आ जाती है*,<br>
*इसलिए अपने आप को इतना*
*तैयार रखे कि...*
*मुसीबत के समय 'होश' और*
*ख़ुशी के समय 'जोश' कायम रहे*..!
6. प्रेरक वचन*
*प्रभु सुख दे तो बस इतना दे*
*कि 'अहंकार' न आ जाए और*
*दुःख दे तो बस इतना दे कि*
*'आस्था' न चली जाए।*
7.प्रेरक वचन*
*खुद के बारे में*
*न किसी पीर से पूछो,*
*न किसी फकीर से पूछो।*
*बस कुछ देर आँख बंद कर*
*अपने जमीर से पूछो..!!*
8.प्रेरक वचन*
*बहुत ही आसान है,*
*ज़मीं पर मकान बना लेना...*
*दिल में जगह बनाने में ...*
*ज़िन्दगी गुज़र जाती है..!!!*
9.प्रेरक वचन*
*अगर गिलास दूध से भरा हुआ है तो,*
*आप उसमे और दूध नहीं डाल सकते.*
*लेकिन आप उसमें शक्कर डाले तो,*
*शक्कर अपनी जगह बना लेती है ...*
*और अपना होने का अहसास दिलाती है.*
*उसी प्रकार,*
*अच्छे लोग हर किसी के दिल में,*
*अपनी जगह बना लेते हैं .....*
10.प्रेरक वचन*
*दो चम्मच हँसी और चुटकी भर मुस्कान,*
*बस यही खुराक है, ख़ुशी की पहचान.*
11.प्रेरक वचन*
रिश्तों की रस्सी कमजोर तब*
*हो जाती है ,.....*
*जब इंसान गलत फहमी में*
*पैदा होने वाले......*
*सवालों के जबाब भी खुद*
*ही बना लेता है.....!*
*हर इंसान दिल का बुरा*
*नहीं होता ......
*बुझ जाता है दीपक अक्सर*
*तेल की कमी के कारण...,*
*हर बार कसूर हवा का*
*नहीं होता.......!!*
12. प्रेरक वचन*
*इस जीवन की चादर में*
*सांसों के ताने बाने हैं*'
*दुख की थोड़ी सी सलवट है*
*सुख के कुछ फूल सुहाने हैं*.
*क्यों सोचे आगे क्या होगा*,
*अब कल के कौन ठिकाने हैं*,
१३. प्रेरक वचन*
☝ *ऊपर बैठा वो बाजीगर* ,
*जाने क्या मन में ठाने है*
*चाहे जितना भी जतन करे*
*भरने का दामन तारों से*,
*झोली में वो ही आएँगे*,
*जो तेरे नाम के दाने है*.""
14.प्रेरक वचन*
*ख़ुद मझधार में होकर भी*
*जो औरों का साहिल होता है*
*ईश्वर जिम्मेदारी उसी को देता हैं*
*जो निभाने के क़ाबिल होता है*
15. प्रेरक वचन*
*इज्जत और तारीफ*
*मांगी नही जाती है*
*कमाई जाती है*
*नेत्र केवल दृष्टि प्रदान*
*करते है*
*परन्तु हम कहाँ क्या देखते है*
*यह हमारे मन की भावना*
*पर निर्भर है*
17. प्रेरक वचन*
गुणों के सहारे ही व्यक्ति*
*सफल हो पाता है*
*अगर*
*विनय और विवेक*
*साथ हों तो*
*शिखर छू जाता है!*
18.प्रेरक वचन*
*जब हम अकेले हों*
*तब अपने विचारों को संभालें….*
*और जब हम सबके बीच हों*
*तब अपने शब्दों को संभालें…..*
19. प्रेरक वचन*
*दुनिया उन्ही की खैरियत पूछती है*
*जो पहले से ही खुश हों*,
*जो तकलीफ में होते हैं*
*उनके तो नंबर तक खो जाते हैं!_*
20. प्रेरक वचन*
*खुद को बिखरने मत देना*
*कभी किसी हाल में,*
*लोग गिरे हुए मकान की
ईटें तक ले जाते हैं!*
21. प्रेरक वचन*
*अजीब तरह के लोग हैं
इस दुनिया में*,
*अगरबत्ती भगवान के लिए
खरीदते हैं*,
*और खुशबू खुद की
पसंद की तय करते हैं!_*
22.प्रेरक वचन*
*"समय बहाकर* ले जाता है
*नाम और निशान*...
कोई *हम* में रह जाता है
कोई *अहम* में रह जाता है..
बोल मीठे ना हों तो *हिचकियाँ* भी नहीं आती....
*घर बड़ा हो या छोटा*,
अगर *मिठास* ना होंतो *इंसान* क्या....
..... *चींटियां* भी *नहीं आती"...!!!*
23.प्रेरक वचन*
*अच्छा स्वभाव वह खूबी है*
*जो सदा के लिए सभी का*
*प्रिय बना देता है।*
*कितना भी किसी से दूर हों,*
*पर अच्छे स्वभाव के*
*कारण आप किसी न किसी*
*पल यादों में आ ही जाते हो।*
*इसलिए स्वभाव भी इंसान की*
*अपनी कमाई हुई*
*सबसे बड़ी दौलत है।
💛꧂⌒*✰‿✰💛
24. प्रेरक वचन*
*अहंकार*" *दिखाकर*
*किसी रिश्ते को तोड़ने से*
*कहीं अच्छा है कि*,
"*क्षमा*" *मांगकर उस रिश्ते को*
*निभाया जाये*।
*केवल* *"रोजी रोटी"* *कमाना ही*
*हुनर की बात नही है.*...
*बल्कि*
*परिवार के साथ*मिल कर
*रोटी"* *खाना*,
*भी बहुत बड़ा हुनर है*..!! 25.प्रेरक वचन*
मनुष्य की वास्तविक पूंजी धन नहीं,*
*बल्कि उसके विचार हैं,*
*क्यों कि धन तो खरीदारी में*
*दूसरों के पास चला जाता हैं,*
*पर विचार अपने पास ही रहते हैं !*
27.प्रेरक वचन*
*अच्छा काम करते रहो कोई
*सम्मान करे,*या न करे,
सूर्योदय तब भी होता हैं,*
*जब करोड़ों, लोग सोये होते हैं !!*
28.प्रेरक वचन*
*"संस्कार" और "संक्रमण"*
*दोनों ही*
*एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे*
*फैलते है..*
29. प्रेरक वचन*
*"संस्कार" जगत मे मानव सभ्यता*
*की स्थापना करते है,
जबकि*
*"संक्रमण" बीमारी फैला कर*
*मानव सभ्यता का
विनाश* करता है..!!*
30. प्रेरक वचन*
*सम्बन्ध को जोड़ना*
*एक कला है,*
*लेकिन*
*"सम्बन्ध को निभाना"*
*एक साधना है*
*इसलिए बडे बुजुर्गो ने
कहा है के रिश्तों की कदर भी*
धनःकी तरह ही
करनी चाहिए*
*क्यों कि*
*दोनों को कमाना*
*मुश्किल है*पर
गँवाना आसान..........
31.प्रेरक वचन*
*"हमेशा शांत रहे"*
*जीवन में खुद को बहुत
मजबूत पायेंगे क्योंकि*
*लोहा ठंडा रहने पर
ही मजबूत होता है*
*गर्म होने पर तो उसे
किसी भी आकार में
ढाल दिया जाता है
32.प्रेरक वचन*
धनवान बनने के लिए*
*एक-एक कण का*
*संग्रह करना पडता है*,
*औऱ*
*गुणवान बनने के लिए*
*एक-एक क्षण का*
*सदुपयोग करना पडता है..!*
33.प्रेरक वचन*
*इस जीवन का पैसा*
*अगले जन्म में काम नहीं आता*
*मगर इस जीवन का पुण्य*
*जन्मो जन्म तक.
34.प्रेरक वचन*
एहसासों की नमी होना
जरूरी है हर रिश्ते में...........*
*रेत सुखी हो तो हाथों से
फिसल जाती है.............*
35.*प्रेरक वचन*
किसी भी विवाद का अंतिम
परिणाम "समझौता" है
क्यों न इसे शुरुआत से ही
स्वीकार कर लिया जाए!
36. प्रेरक वचन*
*समय हमें कुछ भी अपने साथ
ले जाने की अनुमति नहीं देता,
लेकिन अपने बाद कुछ अमूल्य छोड़
जाने का अवसर पूरा देता है।*
38. *प्रेरक वाणी*
बंदूक से निकली गोली
अथवा
धनुष से छूटा तीर
इनके वापस लौटने का
कोई विकल्प नहीं है,
ठीक यही स्थिति
वाणी से निकले हुए
शब्द की है।
घटना विशेष से बना हुआ घाव
समय के साथ ठीक हो जाता है
लेकिन शब्दों से बने हुए घाव
जन्म जन्मांतर तक पीड़ित करते रहते हैं।
उपचार के पश्चात भी घाव का
निशान लंबे समय तक बना रह सकता है
ठीक इसी तरह क्षमा के पश्चात भी
मन का मलाल लंबे समय
तक कायम रह सकता है।
शब्दों का प्रयोग बहुत ही
तोलमोल के साथ
विवेक सहित होना
अत्यंत आवश्यक है।
39.*प्रेरक वाणी
*हम सफलता तब तक नहीं पा सकते …*
*जब तक…*
*हम में असफल होने का साहस न हो।*
🖕 *इज्जत* हमेशा *इज्जतदार* लोग ही करते हैं,
जिनके पास खुद *इज्जत* नहीं है, वो किसी दूसरें को क्या *इज्जत* देंगे,,,!!?
🤏अक्सर सुना जाता है कि अब *दुनियाँ* बदल गई है,
क्या बदला है *जमाने* में,,?
*मिर्ची* ने अपना *तीखापन* नहीं बदला,
*आम* ने अपनी *मिठास* नहीं बदली,
*पत्तों* ने अपना *हरा-रंग* नहीं बदला,
बदली है तो *इन्सान* ने अपनी *इंसानियत* और *दोष* देता है पूरी *दुनियाँ* को,,,!!!
✌️कौन *क्या* कर रहा है, *कैसे* कर रहा है, *क्यों* कर रहा है,?
इन सबसे आप जितना *दूर* रहेंगे,उटना ही *खुश* रहेंगे,,,!!!
👍 *अंधेरे* में एक करोड़ का *हीरा* भी गिर जाए तो,
उसे *ढूंढने* के लिए *5 रुपए* की *मोमबत्ती* का *सहयोग* लिया जाता है,
*मोमबत्ती* की तरह *इन्सान* भी है, *इन्सान* कितना भी *छोटा* हो ,
अगर वह *सही-वक्त* पर *काम* आता है तो वह *इन्सान-छोटा* नहीं सबसे *बड़ा-अदमी* कहलाता है,,!!
👉जो कभी पूरे नहीं होते,उसे *ख्वाब* कहते हैं,
जो हर *मुसीबत* में आपका साथ *निभाये* उसे *परिवार* कहते हैं,
जो *छोटी-छोटी* बातों पर *हँसा* दे उसे *दोस्त* कहते हैं,
जो हर पल आपको *दुआ* दे ,उसे *माँ* कहते हैं,
जो अपने *ख्वाबों* को छोड़कर आपके *ख्वाबों* को *पँख* लगादे, उसे *पिता* कहते हैं,
जो आपको *जीवन* की *सच्ची* राह दिखादे,उसे *गुरु* कहते हैं,
जो आपको *छोटी-छोटी* बातों पर कभी *हँसा* कभी *रुला* दे उसे *भाई* कहते हैं,
जो कभी *दोस्त* कभी *माँ* की तरह *सलाह* दे उसे *बहन* कहते हैं,
ये *रिश्ते* ही हैं जो *जिन्दगी* को और *आसान* बना देते हैं,,,!!!
(1) *"दूसरों को समझना*
*बुद्धिमानी है,*
*खुद को समझना*
*असली ज्ञान है।*
(2) *दूसरों को काबू करना*
*बल है,*
*और खुद को काबू करना*
*वास्तविक शक्ति है।"*
(3) *"जिसने संसार को बदलने की
कोशिश की* *वो हार गया*
*और*
*जिसने खुद को बदल लिया*
*वो जीत गया।"*
(4) *अंधे को मंदिर आया देखकर*
*लोग हंसकर बोले की,*
*मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो*
*पर क्या भगवान् को देख पाओगे ?*
*अंधे ने मुस्कुरा के कहा की,*
*क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान्*
*तो मुझे देख लेगा.*
*द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !!
(5) *झुकने से अगर रिश्ता गहरा होता है
तो झुक जाओ*
*लेकिन हर बार आपको झुकना पड़े
तो रूक जाओ*
6 } *रोटी* *कमाना बड़ी बात नही है*
*परिवार के साथ बैठकर
"खाना" बड़ी बात है*
7 *अपने वो नही होते जो,*
*"तस्वीर"*
*में साथ खड़े होते हैं !*
*अपने वो होते हैं जो,*
*"तकलीफ"*
*में साथ खड़े होते हैं !!*
*
8 } वाणी सुंदर वही जो*
*गुरु गुण बखान किया करे, *
*मुख सुंदर वही जो*
*जिनेद्र प्रभु का चिंतन किया करे, *
*हाथ है सुंदर वही जो*
*गुरु की वेय्या व्रती किया करे, *
*नयन है सुंदर वही जो*
*देव शास्त्र गुरु के दर्शन किया करे, *
*ह्रदय मन है सुंदर जिसमे*
*माँ जिनवाणी बसा करे।*
9 *छोटा-सा वाक्य है*
*लेकिन अर्थ बहुत बड़ा है*
*अमीर के जीवन में जो महत्व*
*"सोने"" की ""चैन"" का होता है,*
*गरीब के जीवन में वही महत्व*
*"चैन"" से ""सोने"" का होता है ।**
10 *आँखे बंद करने से..*
*मुसीबत नहीं टलती .!*
*और .*
*मुसीबत आए बिना ..*
*आँखे नहीं खुलती...*
*छल* में बेशक *बल* है
लेकिन
*प्रेम * में आज भी *हल* है..
11 : *जब तक जिया.. मूछों पे ताव था,*
*गुलाम देश में वो एकलौता आज़ाद था।*
*भारत की फ़िज़ाओं को सदा याद रहूँगा*
*आज़ाद था,आज़ाद हूँ,आज़ाद रहूँगा"*
12 *बोल सको तो मीठा बोलो, कटु बोलना मत सीखो, *
*बता सको तो राह बताओ, पथ भटकाना मत सीखो, *
*जला सको तो दीप जलाओ, दिल जलाना मत सीखो, *
*कमा सको तो पुण्य कमाओ, पाप कमाना मत सीखो, *
*पोंछ सको तो आंसू पोंछो, दिल को दुखाना मत सीखो, *
*हँसा सको तो सबको हँसाओ,* *किसी पे हँसना मत सीखो।*
13 *"नम्रता से बात करना
हर एक का आदर करना,
शुक्रिया अदा करना
और यदि आवश्यक हो तो,
माफी भी माँग लेना,
ये गुण जिसके पास हैं,
वो सदा सबके करीब
औऱ सबके लिये खास है।"*
14 *दिल ने कहा की*
*कोई याद कर रहा है*
*मैने सोचा दिल*
*मजाक कर रहा है*
*फिर जब आई हिचकी*
*तो ख्याल आया*
*की कोई अपना ही*
*मेसेज का इंतजार*
*कर रहा है ।।*
¸
15 : *एक प्रार्थना मेरे भगवान से*
अहंकार का भाव ना रखूँ,
नहीं किसी पर क्रोध करूँ,
देख दूसरों की बढ़ती को,
कभी ना ईष्या भाव रखूँ,
रहे भावना ऐसी मेरी,
सरल सत्य व्यवहार करूँ,
बने जहाँ तक इस जीवन में,
औरों पर उपकार करूँ ।।
16 *गुरु कहते है* …
*मत सोच की तेरा*
*सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालो का इरादा*
*कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म*
*अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
*अँधेरा नहीं होता*
17 *परमात्मा के यहाँ*
*सारा खेल*
*भाव का है, अंतर्मन का है*
*भाषा का है ही नहीं।*
18 आप परमात्मा से क्या कहते हैं,
कैसे कहते हैं, किन शब्दों में कहते हैं,
इस चिंता में न पड़ें।
परमात्मा का सम्बन्ध आपके प्यार से है
आपकी भावनाओं से है..
वह केवल आपका प्यार देखते हैं
और सब कुछ उड़ेल देते हैं।
चुपचाप मौन में बैठ जाएँ।
पूरी तरह से डूब जाएँ।
जैसे ही डूबे,
समझिये कि काम बन गया।
परमात्मा आया।
19 **रिश्तों को,*
*पेपर नैपकिन मत समझो,*
*काम में लिया,*
*कूड़ेदान मैं फैंक दिया....!*
*रिश्तों को,*
*जेवर भी मत समझो,*
*दिखाने को पहना,*
*अलमारी के लॉकर में*
*बंद कर दिया।*
*आवश्यकता पडी तो,*
*याद कर लिया ,*
*नहीं तो दिमाग के किसी*
*कोने में बंद कर दिया....!!
*रिश्तों को,*
*जूता भी मत समझो,*
*कई दिन नहीं पहनो तो,*
*गंदा ही पड़े रहने दो*
*पहनना हो तो,पोलिश*
*लगा कर चमका दिया,*
*काम नहीं आये तो भी,*
*चमका कर रखो.....!!*
*रिश्तों को,*
*सेफ्टी पिन जैसा भी*
*मत समझो,,,,*
*वैसे कद्र नहीं करो,*
*कपड़ा फट जाए तो*
*ढूंढते रहो....!!*
*रिश्तों को,*
*नाखून भी ना समझो,*
*थोड़े खराब लगने*
*लगें तो, काट कर फैंक*
*दिया....!!*
*रिश्तों को,*
*हीरे की कीमती अंगूठी*
*समझो,*
*गंदी हो जाए तो,*
*साफ़ कर के फ़ौरन*
*पहन लो....!*
*रेशम का कीमती रुमाल*
*सा समझो,*
*कडवाहट से गंदे होने लगे**तुरंत साफ़ करो....!
!20 **अपने बालों सा रखो,*
*बार बार संवारते रहो।*
*खुद के चेहरा सा,*
*खूबसूरत बना कर रखो.!*
21 *कौन क्या कर रहा है...*
*कैसे कर रहा है...*
*क्यों कर रहा है...*
*आप इससे जितना...*
*दूर रहेंगे...*
*उतने ही ख़ुश रहेंगे..!*
22 * तेरी रहमत का असर, दुआओं मे पाया है l
आई जब भी मुसीबत, तूने ही साथ निभाया है l
कैसे कह दूँ "मालिक'' के तेरा और मेरा कोई रिश्ता नहीl
गिरा मेरा जब भी अश्क, इसमे तेरा ही चेहरा नज़र आया है....l
23 *सड़क कितनी भी साफ हो "धूल" तो हो ही जाती है,*
*इंसान कितना भी अच्छा हो "भूल" तो हो ही जाती*
*
24 "मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को*
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!
25 *गणितीय शब्दों से जीवन की सुन्दर व्याख्या*
जीवन*गणित* है।
सांसें*घटती* हैं
अनुभव*जुड़ते* हैं।
अलग अलग*कोष्ठकों* में
बंद हम बुनते रहते हैं
*समीकरण* ।लगाते रहते हैं
*गुणा*- *भाग*।
जबकि अंतिम सत्य*शून्य*।।
26 जिस दिन तिरंगे बेचने को
सड़क पर कोई बच्चा ना मिले,
समझ लेना हम 'आज़ाद' हो गए...!!
27 देश मेरा क्या 'बाज़ार'हो गया है ? !!!
पकड़ता हूँ , जो 'तिरंगा'हाथ में...लोग पुछते है -
कितने का है....??"
28 भाई ने बहुत ही सुंदर पंक्तियां भेजी है,
फारवर्ड करने से खुद को रोक नहीं पाया ....
जीभ जन्म से होती है
और मृत्यु तक रहती है.....
क्योकि वो कोमल होती है.
दाँत जन्म के बाद में आते है
और मृत्यु से पहले चले जाते हैं..
क्योकि वो कठोर होते है।
29 छोटा बनके रहोगे तो
मिलेगी हर बड़ी रहमत...
30 माँ भी गोद से उतार देती है.
पानी के बिना नदी बेकार है,
अतिथि के बिना आँगन बेकार है,
प्रेम न हो तो सगे-सम्बन्धी बेकार है,
पैसा न हो तो पाकेट बेकार है,
और जीवन में गुरु न हो
तो जीवन बेकार है,,
इसलिए जीवन में
"गुरु"जरुरी है.. "गुरुर" नही.ं
31 यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते :-
🔹नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
🔹पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
🔹भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
🔹मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
🔹बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
🔹पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
🔹फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
🔹पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!
32 मन लगाकर पढ़िये और दिल से सोचो की माँ के दिल पर क्या गुजरती हैं जब ये उनके साथ होता हैं:~
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई,
बीबी के आगे मदर रद्द हो गई !
♻बड़ी मेहनत से जिसने पाला,
आज वो मोहताज हो गई !
♻और कल की छोकरी, तेरे
सर का ताज हो गई !
♻बीवी हमदर्द और मॉं सरदर्द
हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻पेट पे सुलाने वाली, पैरों में सो
रही है !
♻बीवी के लिए लिम्का,
मॉं पानी को रो रही है !
♻सुनता नहीं कोई, वो आवाज
देते देते सो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद .........
♻मॉं मांजती है बर्तन , वो सजती
संवरती है !
♻अभी निपटी ना बुढ़िया तू ,
इस लीये उस पर बरसती है !
♻अरे दुनिया को आई मौत,
मौत तेरी कहॉ गुम हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद ..........
♻अरे जिसकी कोख में पला,
अब उसकी छाया बुरी लगती है,
♻बैठे होण्डा पे महबूबा,
कन्धे पर हाथ जो रखती,
♻वो यादें अतीत की,
वो मोहब्बतें मॉ की,
सब रद्द हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद ...........
♻बेबस हुई मॉ अब,
दिए टुकड़ो पर पलती है,
♻अतीत को याद कर,
तेरा प्यार पाने को मचलती है !
♻अरे मुसीबत जिसने उठाई,
वो खुद मुसीबत हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद .......
♻आप सभी से हाथ
जोड़कर निवेदन हैं की आप
ये मैसेज ज्यादा से ज्यादा
अपने दोस्तों को भेजो जिससे
उनके मन में अपनी माँ के प्रति
दया की भावना आ जाये और
माँ पर होने वाले अत्याचार से
माँ को छुटकारा मिल जाये ।
कृपया माँ की खातिर कम से
कम
33 *जिंदगी सिर्फ एक बार मिलती है,*
*ये एक झूठ है।*
*जिंदगी तो हमें रोजाना मिलती है,*
*मौत ही सिर्फ एक बार मिलती है!!*
34 *इन्सान की परेशानियों की सिर्फ दो ही वजह हंैं
*वह तक़दीर से ज्यादा चाहता है*
*और वक्त से पहले चाहता है!*
35 *"जब तक रास्ते समझ में आते है,*
*तब तक 'लौटने का वक़्त' हो जाता है;*
*यही जिंदगी है!"*
: *इस संसार में....*
36 *सबसे बढ़िया दवा "हँसी"*
*सबसे बड़ी सम्पत्ति "बुद्धि "*
*सबसे अच्छा हथियार "धेर्य"*
*सबसे अच्छी सुरक्षा "विश्वास"*
37 *पाप निसंदेह बुरा है,* *लेकिन*
*उस से भी बुरा पुण्य का अहंकार है..!
38 *जिन्दगी को आसान नहीं*
*बस खुद को*
*मजबूत बनाना पड़ता है,*
*सही समय*
*कभी नही आता.........*
*बस समय को सही बनाना पड़ता है.*
39 *"इच्छायें पूरी नही होती है*
*तो क्रोध बढ़ता है*
*और इच्छायें पूरी होती है*
*तो लोभ बढ़ता है*
*इसलिए जीवन की हर तरह की परिस्थिति में धैर्य बनाये रखना ही श्रेष्ठता है ।"*
40 *नदी जब निकलती है,*
*कोई नक्शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है।*
*बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती है।*
*ऐसा नहीँ है कि नदी कुछ नहीँ करती है।*
*उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार
"बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है।*
*इसलिए "कर्म" करते रहिये,*
*नक्शा तो भगवान् पहले ही बनाकर बैठे है ।*
*हमको तो सिर्फ "बहना" ही है ।*
🌷सिर्फ 6 मिनट *ऊँ* का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........
🌷👉 छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।
🌷कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..।
🌷👉लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है।
🌷रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।
🌷👉विशेष ऊर्जा का संचार होता है ......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से
🌷घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।
🌷👉कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..।
🌷थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।
🌷👉पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से
🌷पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..।
🌷👉उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।
🌷फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
🌷👉आयु बढती है।
ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।
*🌷जरूरत है छः मिनट रोज करने की....।*
1
हम क्या करते हैं,
इसका महत्त्व कम है\
,किन्तु उसे हम किस*
*भाव से करते हैं,
इसका बहुत महत्त्व है।*
*संसार में सच्चा सुख ईश्वर*
*....और.....*
*धर्म पर विश्वास रखते हुए*
*पूर्ण परिश्रम के साथ अपना*
*कर्तव्य पालन करने में है।*
*हँसते रहिये हंसाते रहिये सदा मुस्कुराते रहिये*