परमात्मा को भूलो मत...*
परमात्मा को भूलो मत...*
परमात्मा को भूलो मत...*
*👉 जिस प्रकार एक भिक्षुक एक हाथ से सितार बजाता है, दूसरे से ढोलक बजाता है और साथ ही मुँह से भजन भी गाता है, उसी प्रकार ऐ मनुष्यों ! *"तुम अपना कर्तव्य कर्म करो, किंतु सच्चे हृदय से ईश्वर का नाम जपना न भूलो ।"*
👉 जिस प्रकार एक स्त्री घर के काम-काज में लगी रहकर भी, अपने पति का स्मरण करती है, उसी प्रकार संसार के धंधों में लगे रहते हुए भी, *"मनुष्यों को ईश्वर का चिंतन दृढ़ता के साथ करते रहना चाहिए ।"*
👉 जिस प्रकार धनिकों के घरों की सेविकायें उनके लड़कों का पोषण करती हैं और अपने खास पुत्रों की तरह उनको लाड़-प्यार करती हैं, किंतु वें नौकरानियों के पुत्र नहीं हो जाते । *"उसी प्रकार तुम लोग भी अपने को, अपने पुत्रों को पोषणकर्ता समझो, उनका असली पिता तो वास्तव में ईश्वर है ।"*
👉 जिसको उथले तालाब का स्वच्छ पानी पीना है, उसे हलके हाथ से पानी पीना होगा । यदि पानी कुछ भी हिला तो नीचे का मैला ऊपर चला आएगा और सब पानी गंदा हो जाएगा । *उसी प्रकार यदि तुम पवित्र रहना चाहते हो तो विश्वास और सावधानी के साथ ईश्वर से प्रेम करो । व्यर्थ के विवादों में अपने समय को नष्ट न करो, नहीं तो नाना प्रकार की शंका-प्रतिशंकाओं से तुम्हारा मस्तिष्क गंदा हो जाएगा ।"*
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