सरस्वती माता आरती
जय जय आरती देवी तमारी,
आश पुरो हे मात अमारी …॥….जय जय….॥
वीणा पुस्तक कर धरनारी,
अमने आपो बुद्धि सारी…॥….जय जय….॥
ज्ञान अनंत हृदये धरनारी,
तमने वंदे सहु नर नारी…॥….जय जय…॥
मात सरस्वती आरती तमारी,
करतां जगमां जय जय कारी…॥ …जय जय…॥
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