चौबीस तीर्थंकर स्तुति 

श्रीऋषभ अजित संभव महान, 

अभिनन्दन सुमति अनन्त ज्ञान । 

श्रीपदम सुपारस सुगुण खान,

 चन्दाप्रभु सुविधि जिनेश जान ।। 1।। 

शीतल श्रेयांस जिन नमहुँ माथ,

 श्रीवासुपूज्य भज विमलनाथ । 

बंदूँ अनन्त जिन जोड़ि हाथ, 

श्रीधर्म शान्ति अरु कुन्थुनाथ ||2|| 

अरनाथ जिनेश्वर हृदय लान, 

श्रीमल्लि जिनेश्वर करहूँ ध्यान ।