आप के लिये जिनवाणी
श्री पार्श्वनाथ भगवान की आरती
प्रभु पारसनाथ भगवान, आज थारी आरती उतारूँ ।
" आरती उतारूँ थारी मूरत निहारूँ - 2, प्रभु कर दो भव से पार ॥ आज......॥ टेक ॥
अश्वसेन के राजदुलारे-2, बामा की आँखों के तारे-2 जन्मे हैं काशीराज -
आज थारी ...
बाल ब्रह्मचारी हितकारी - 2, विघ्नविनाशक मंगलकारी-2 जैन धर्म के ताज -
आज थारी ...
नाग युगल को मंत्र सुनाया-2, देवगति को क्षण में पाया -2 किया प्रभू उपकार -
आज थारी ...
दीन बन्धु हे ! केवलज्ञानी -2, भव दुखहर्त्ता शिवसुखदानी-2 करो जगत उद्धार -
आज थारी ...
'विशद' आरती लेकर आये-2, भक्ति भाव से शीश झुकाये-2 जन-जन के सुखकार -
आज थारी ...
खड़गासन प्रतिमा मनहारी -2, चूलगिरि में मंगलकारी-2 सोहें अतिशयकार-
आज थारी ...