आप के लिये जिनवाणी
क्षेत्रपाल की आरती
आज करे हम क्षेत्रपाल की, आरति मंगलकारी-2 ।
घृत के दीप जलाकर लाए-2, बाबा तेरे द्वार ॥
हो बाबा, हम सब उतारें तेरी आरती ॥ टेक ॥ हो बाबा.........
छियानवे क्षेत्रपाल की फैली, इस जग में प्रभुताई-2
विजय वीर अपराजित भैरव-2, मणिभद्रादिक भाई
हो बाबा, हम सब उतारे तेरी आरती ।।। ।। हो बाबा.........
लाल लंगोट गले में कंठी, लाल दुपट्टा धारी-2
सिर पर मुकुट शोभता पावन-2, कर त्रिशूल मनहारी ॥
हो बाबा, हम सब उतारे तेरी आरती ।। 2 ।। हो बाबा........
कानों कुण्डल पैर पावटा, माथे तिलक लगाए-2
बाजूबंद पान है मुख में-2, कूकर वाहन पाए ॥
हो बाबा, हम सब उतारे तेरी आरती ॥3 ॥ हो बाबा.........