🙏🙏🙏गुरु मां की आरती 🙏🙏
हे गुरु माँ तेरे चरणों में, हम वंदन करने आये हैं।
हम वंदन करने आये हैं, हम आरती करने आये हैं ।।
हे गुरु माँ......
बचपन में गृह त्याग दिया, और वेश आर्यिका धार लिया।
जिस पथ पर तेरे कदम बढ़े, वो सीधा शिवपुर को जाता ।।
हे गुरु माँ.......
तुम ममता की वो मूरत हो, तुम करुणा की वो सूरत हो।
तेरे दर्शन को पाकर के, खिलती मुरझाई हृदय कली ।।
हे गुरु माँ.......
ममता मयी गोद तेरी गुरु माँ, हम सबके कष्ट मिटाती है ।
वात्सल्य मयी तेरी छाया, हम सबकी तपन मिटाती है ।।
हे गुरु माँ.........
तुम महाव्रती होकर के माँ, संयम पथ पर बढ़ती जाती।
तेरे वचनों को सुनकर के, हर मस्तक विनय हो जाता ।।
हे गुरु माँ.......
कितनी भी विपदायें आ जायें, माँ तेरा मेरा साथ रहे ।
हर जन्म में तुम मेरी माँ रहो, ऐसा आशीष तेरा बना रहे ।।
हे गुरु माँ.......
जयवंत तेरा रत्नत्रय हो, हम यही भावना भाते हैं ।
तुम सिद्ध बनो मेरी गुरु माँ, हम भी तेरे संघ साथ रहें।।
हे गुरु माँ.........